समारोहपूर्वक संपन्न हुआ सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा सप्ताह महाज्ञान यज्ञ।
दरभंगा: हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी विकासात्मक व शारदा इंस्टीट्यूटन द्वारा आयोजित श्रीमद्भागवत कथा सप्ताह ज्ञान यज्ञ का समापन मंगलवार को समारोहपूर्वक हुआ। अंतिम दिन आचार्य श्री वेदान्द शास्त्री जी ने रुक्मिणी- कृष्ण विवाहोत्सव से कथा की शुरुआत की।
कथावाचक ने कहा कि रति के करुणापूर्ण निवेदन पर भगवान शंकर ने उनके पति कामदेव को प्रद्युम्न के रूप में कृष्ण – रुक्मिणी को पुत्र होने का आशीर्वाद दिए। स्यमन्तक मणि की व्याख्या के साथ भगवान का जामवंत के साथ मल्लयुद्ध एवं उनकी बेटी जाम्बवती एवं सत्यभामा से मंगल विवाह के बारे में बताएं। उसके बाद उन्होंने क्रमेण कालिन्दी, मित्रविन्दा, सत्या, भद्रा एवं लक्ष्मणा के साथ विवाह की चर्चा की। साथ ही भगवान द्वारा वाणासुर, पोण्डक, काशिराज के वध की कथा भी कही। मीरा के दृढ़ प्रेम की व्याख्या करते हुए कहा कि मीरा ने अपने कुटुम्ब, जन, धन, ऐश्वर्व, लोक लाज सभी का त्याग कर दिया। भगवान से प्रेम सांसारिक संबंधो एवं सुखों के त्याग से ही संभव है। भागवत कथा समापन अवसर पर समिति के कार्यकारिणी अध्यक्ष ललन कुमार झा ने बताया कि आज भागवत कथा के समापन पर भागवत प्रेमी के लिए महाप्रसाद के रूप में खीर की व्यवस्था की गई है। समापन अवसर पर हायाघाट के विधायक राम चन्द्र प्रसाद, समाजसेवी आर के चौधरी, नंद किशोर झा, विकाश जी, सतेंद्र जी, अविनाश जी, एस एस पराशर, नीरज पराशर, रवींद्र नाथ सिंह उर्फ चिंटू, डीएन मल्लिक, गणेश पूर्वे, मनोज चौधरी ,दिलीप लालदेव आदि मौजूद थे।
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