तालाबों की बढ़ती हत्या और तालाब हत्यारों का बढ़ता आतंक विषय पर एकदिवसीय धरना का आयोजन।
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दरभंगा: तालाबों के शहर दरभंगा में अब तालाब गायब होते जा रहे हैं। भूमाफिया लगातार इन्हें भरकर बेच रहे हैं और प्रशासन इसपर मौन है। यदि कोई इसका विरोध करे तो माफियाओं द्वारा उनपर जानलेवा हमला किया जाता है और हमले के बाद भी पुलिस कोई कारवाई नहीं करती है।
उपरोक्त विषयों को लेकर दरभंगा जिले के बुद्धिजीवियों द्वारा बुधवार को तालाब बचाओ अभियान के तहत एकदिवसीय धरना का आयोजन किया गया। लहेरियासराय के पोलो मैदान में आयोजित इस धरना का विषय तालाबों की बढ़ती हत्या और तालाब हत्यारों का बढ़ता आतंक रखा गया।
वक्ताओं ने मुख्य रूप से मोइन पोखर को भरे जाने का विरोध करने वाले सामाजिक कार्यकर्ता मो0 तासिम नवाब पर हुए जानलेवा हमले का विरोध करते हुए कारवाई की मांग की। उन्होंने आरोप लगाया कि गत 10 जनवरी को हुए हमले के बाद पुलिस द्वारा हमलावरों के विरुद्ध कारवाई नहीं की जा रही है और हमलावर खुलेआम घूम रहे हैं। उन्होंने मोइन पोखर का सीमांकन कर उसे पुनर्जीवित करने की मांग की।
साथ ही दरभंगा सदर के अंचलाधिकारी ने 118 तथा बहादुरपुर के अंचलाधिकारी ने 30 तालाबों को अतिक्रमणमुक्त करने की जो सूची उच्च न्यायालय में 16 नवंबर 2022 को समर्पित किया है, उसे सार्वजनिक कर जिला एवं राज्य सरकार के वेबसाइट पर प्रकाशित करने की भी मांग की गई।
धरनार्थियों द्वारा तालाब बचाओ अभियान से जुड़े सभी कार्यकर्ताओं के जानमाल के सुरक्षा की मांग के साथ साथ मो0 तासिम नवाब के ऊपर हमला करने वालों के गिरफ्तारी की मांग भी की गई।
इस धरना में प्रो0 विद्यानाथ झा, प्रो0 एम नेहाल, डॉ रामबाबू खेतान, डॉ विनय कुमार मिश्र, प्रो0 शारदानन्द चौधरी, डॉ जावेद अब्दुल्ला, इंदिरा कुमारी, अजीत कुमार मिश्रा, नारायणजी चौधरी, उमेश राय, मनीष मो तासिम, अभिषेक कुमार झा, जय शंकर प्रसाद गुप्ता, शिवन यादव, प्रिंस राज, दिलीप कुमार, रामलोभित चौधरी एवं सुधांशु झा आदि सहित कई अन्य व्यक्ति शामिल थे।
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