नेपाल की नदियों से आने वाला पानी बिहार में बनता है बाढ़ का कारण: मंत्री।
दरभंगा: बिहार सरकार के जल संसाधन सह सूचना व जनसंपर्क मंत्री संजय कुमार झा ने गुरुवार को सदर और बहादुरपुर प्रखंड में जल संसाधान विभाग द्वारा वर्ष 2023 की बाढ़ से सुरक्षा के लिए कराये जा रहे कई कटाव निरोधक कार्यों का स्थल निरीक्षण एवं कार्यारंभ किया। साथ ही वर्ष 2022 में पूर्ण कराये गये कटाव निरोधक कार्यों का लोकार्पण किया। इस दौरान जल संसाधन विभाग के वरीय अधिकारी तथा अनेक गणमान्य लोग मौजूद थे।
उन्होंने सर्वप्रथम गौसाघाट में जीवछ कमला नदी के तट पर ढाई करोड़ की लागत से बनने वाले घाट के निर्माण कार्य का शिलान्यास किया।
सदर प्रखंड के शुभंकरपुर में आयोजित समारोह में उन्होंने कहा कि उत्तर बिहार में हर साल आने वाली बाढ़ का कारण नेपाल से आने वाली नदियां हैं। इससे मिथिला सहित उत्तर बिहार को भारी नुकसान झेलना पड़ता है और राज्य सरकार को बाढ़ से सुरक्षा तथा राहत एवं बचाव के कार्यों पर हजारों करोड़ रुपये खर्च करने पड़ते हैं। जब तक केंद्र सरकार नेपाल में हाई डैम बनाने की दिशा में ठोस पहल नहीं करती, बाढ़ से सुरक्षा के कार्य ही किये जा सकते हैं, बाढ़ को रोका नहीं जा सकता। जल संसाधन विभाग मिथिला सहित पूरे बिहार में बाढ़ से सुरक्षा के कार्य तत्परता से कर रहा है।
मंत्री श्री झा ने कहा कि पिछले माह पटना हाईकोर्ट ने एक ऐतिहासिक फैसले में कोसी विकास प्राधिकरण का गठन करने और उत्तर बिहार की बाढ़ का समयबद्ध समाधान तलाशने का निर्देश दिया गया है। केंद्र सरकार को हाईकोर्ट के फैसले पर अमल करते हुए कोसी विकास प्राधिकरण के गठन, उत्तर बिहार में बाढ़ की समस्या के समयबद्ध समाधान और नेपाल में हाईडैम के निर्माण की दिशा में शीघ्र पहल करनी चाहिए।

श्री झा ने कहा कि होली के पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई राज्य कैबिनेट की बैठक में दरभंगा एम्स के लिए 150 एकड़ जमीन शोभन बाईपास के पास देने को मंजूरी मिल गई है। दरभंगा एम्स शोभन के पास बनने से शहर को एक नया विस्तार मिलेगा। एम्स के आसपास आवासीय एवं व्यावसायिक गतिविधियां शुरू होंगी और बड़ी संख्या में रोजगार के नये अवसर पैदा होंगे। एम्स का निर्माण नये इलाके में होने से डीएमसीएच का भी विकास होगा और दरभंगा इलाज का बड़ा केंद्र बनेगा।

मंत्री श्री झा ने कहा कि दरभंगा एयरपोर्ट के लिए पहले सिर्फ 31 एकड़ जमीन की मांग की गई थी। लेकिन, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जब यहां नाइट लैंडिंग फेसिलिटी और टर्मिनल बिल्डिंग के निर्माण के साथ-साथ इसे अंतरराष्ट्रीय स्तर का एक बड़ा एयरपोर्ट बनाने का अनुरोध किया, तब एयरपोर्ट अथॉरिटी द्वारा 78 एकड़ जमीन की मांग की गई। राज्य सरकार ने कुल 342 करोड़ से अधिक रुपये खर्च कर अधिग्रहीत 78 एकड़ जमीन दो किस्तों में एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया को सौंप दी है
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