दरभंगा इंजीनियरिंग कॉलेज में एक बार फिर छात्र-छात्राओं का आंदोलन शुरू।
दरभंगा: दरभंगा इंजीनियरिंग कॉलेज में एक बार फिर छात्र-छात्राओं का आंदोलन शुरू हो गया है। गुरुवार की सुबह कॉलेज खुलते ही छात्र-छात्राओं ने गोलबंद होकर कॉलेज में तालाबंदी कर दी। छात्र कॉलेज में बुनियादी सुविधाओं के अभाव के साथ ही कॉलेज प्रशासन पर छात्र-छात्राओं का शोषण करने का आरोप लगा रहे हैं।
कॉलेज प्रशासन कक्षा में कम उपस्थिति को छात्रों के आंदोलन का कारण बता रहा है। आंदोलन की सूचना मिलते ही स्थानीय प्रशासन से सदर एसडीओ चंद्रिमा अत्री, सदर एसडीपीओ अमित कुमार सहित कई थानों की पुलिस कॉलेज पहुंची और छात्रों को शांत करने का प्रयास किया। छात्र लगातार अपनी समस्याओं को लेकर नारेबाजी करते हुए कॉलेज के प्रधानाचार्य संदीप तिवारी के स्थानांतरण या इस्तीफे की मांग को लेकर अड़े रहे। देर शाम तक कैंपस में गतिरोध बना रहा। छात्रों का कहना था कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होती, उनका आंदोलन जारी रहेगा। छात्रों के अनुसार शुक्रवार को भी उनका प्रोटेस्ट जारी रहेगा। शनिवार से कॉलेज में दुर्गापूजा की छुट्टियां हो रही हैं।
आंदोलन कर रहे विभिन्न सेमेस्टरों के छात्र-छात्राओं ने कॉलेज में मूलभूत सुविधाओं के घोर अभाव के साथ ही कॉलेज प्रशासन पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं। छात्रों का कहना है कि कॉलेज में छात्रों को गंभीर पेयजल संकट का सामना करना पड़ रहा है। बिजली कटने पर जेनरेटर की सुविधा उपलब्ध नहीं हो पा रही है। कॉलेज में संचालित तकनीकी व सांस्कृतिक क्लब के फंड की राशि का छात्रों को कोई लाभ नहीं मिल रहा। छात्रों ने कॉलेज प्रशासन पर उनसे मनमाना जुर्माना वसूली करने का आरोप भी लगाया है। छात्र-छात्राओं ने बताया कि कॉलेज में फैकल्टी का घोर अभाव है। लैब में आधारभूत सुविधाओं की कमी है। इंटरर्नशिप के लिए उन्हें एनओसी दिए जाने में आनाकानी की जाती है। एनओसी मिलने पर भी उनकी उपस्थिति काट दी जाती है।
छात्र-छात्राओं ने बताया कि उनका सेमेस्टर नवंबर में पूरा होने वाला है, लेकिन अभी से छात्रों पर उपस्थिति को लेकर अनावश्यक दबाव बनाकर भय का माहौल बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि छात्रों को उपस्थिति को लेकर कोई समस्या नहीं है, लेकिन कॉलेज प्रशासन व्यवस्थाओं में सुधार की दिशा में सकारात्मक नहीं है। इससे पूर्व भी वे कई बार अपनी समस्याओं से कॉलेज प्रशासन को अवगत करा चुके हैं, लेकिन उनकी मांगों पर अब तक कोई विचार नहीं किया गया। मजबूरन छात्रों को आंदोलन का रास्ता अपनाना पड़ा है। इधर कॉलेज प्रशासन का कहना है कि सितम्बर में द्वितीय सेमेस्टर के 40 छात्र-छात्राओं को विभागीय निर्देश के आलोक में कम उपस्थिति के कारण परीक्षा से वंचित किया गया था। इस स्थिति से बचने के लिए छात्र प्रदर्शन कर रहे हैं।
दरभंगा इंजीनियरिंग कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉ. संदीप तिवारी ने छात्रों के आरोपों को खारिज करते हुए बताया कि यह आंदोलन कॉलेज प्रशासन पर दबाव बनाने का प्रयास है। डॉ. तिवारी ने कहा कि विभागीय निर्देश के आलोक में 75 प्रतिशत उपस्थिति पूरा नहीं करने वाले छात्रों को परीक्षा से रोका जा रहा है। ऐसे में कक्षा से लगातार गायब रहने वाले छात्रों ने अन्य छात्रों को उकसाकर यह गतिरोध उत्पन्न किया है। ऐसे छात्रों की संख्या उन्होंने करीब 50 से 60 बताई। कहा कि छात्रों की उपस्थिति पूरा करने के लिए अतिरिक्त कक्षाओं का आयोजन किया जा रहा है। अगर ऐसा नहीं किया जाता तो करीब 100 से 150 छात्र-छात्राएं उपस्थिति के कारण परीक्षा में शामिल होने से वंचित हो सकते हैं।
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