डॉ बैकुंठ पांडेय बने ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के लोकपाल।
दरभंगा: ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय में लोकपाल की नियुक्ति कर दी गई है। जेपी विश्वविद्यालय, छपरा के राजेंद्र कॉलेज के सेवानिवृत्त प्रधानाचार्य और भौतिकी के शिक्षक डॉ. बैकुंठ पांडेय ने सोमवार को कुलपति प्रो. संजय कुमार चौधरी के कार्यालय कक्ष में लोकपाल के पद पर योगदान किया है।
विवि के मीडिया सेल के संयोजक प्रो. हरेकृष्ण सिंह ने बताया कि विवि में लोकपाल का पद रिक्त चल रहा था। वर्तमान कुलपति प्रो. चौधरी ने इसे गंभीरता से लेते हुए लोकपाल के पद पर नियुक्ति का महत्वपूर्ण कदम उठाया है। कुलपति छात्रों के साथ ही शिक्षकों और कर्मचारियों की समस्याओं के त्वरित निष्पादन के लिए लगातार प्रयासरत हैं। इसी कड़ी में छात्र-छात्राओं की नामांकन से लेकर परीक्षा आदि से संबंधित समस्याओं के त्वरित निष्पादन के लिए लोकपाल की नियुक्ति की गई है।
प्रो. सिंह ने बताया कि योगदान के समय कुलपति प्रो. चौधरी ने नये लोकपाल डॉ. पांडेय का मिथिला की परंपरानुसार स्वागत किया और विवि प्रशासन की ओर से हरसंभव सहयोग का आश्वासन दिया।
इस मौके पर कुलसचिव डॉ. अजय कुमार पंडित, डीएसडब्ल्यू डॉ. विजय कुमार यादव तथा विवि के छात्र शिकायत निवारण समिति के अध्यक्ष डॉ. चंद्रभानु प्रसाद सिंह उपस्थित थे। पद पर योगदान के बाद लोकपाल डॉ. पांडेय डीएसडब्ल्यू कार्यालय गए। वहां डीएसडब्ल्यू डॉ. यादव के साथ छात्र-छात्राओं की विभिन्न समस्याओं को लेकर विस्तार से चर्चा की। उन्हें बताया गया कि चार वर्षीय स्नातक सत्र 2024-28 के प्रथम सेमेस्टर में नामांकन प्रक्रिया आगामी 20 अप्रैल से आरंभ होने वाली है।
बता दें कि विश्वविद्यालयों में लोकपाल की नियुक्ति यूजीसी रेगुलेशन 2023 के अधीन की जाती है। 11 अप्रैल 2013 को यूजीसी ने गजट अधिसूचना जारी कर देश के सभी विश्वविद्यालयों को छात्र शिकायत निवारण समिति का गठन करते हुए लोकपाल की नियुक्ति का आदेश दिया गया था। इसी आलोक में लनामिवि में वरीय प्रोफेसर डॉ. चंद्रभानु प्रसाद सिंह की अध्यक्ष्यता में छात्र शिकायत निवारण समिति का गठन किया गया और विवि के जंतु विज्ञान विभाग से सेवानिवृत्त डॉ. विमलेंदु शेखर झा को विवि का पहला लोकपाल नियुक्त किया गया। बाद में डॉ. झा के बीएन मंडल विवि, मधेपुरा का कुलपति नियुक्त होने के बाद से विवि में लोकपाल का पद रिक्त था। वर्तमान कुलपति ने योगदान के साथ ही लोकपाल नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू की। इसके लिए विवि की वेबसाइट पर विज्ञापन जारी कर 29 फरवरी तक आवेदन लिये गये थे।
बताते चलें कि यूजीसी के निर्देशानुसार अगर शिकायत करने के बावजूद किसी स्टूडेंट को संस्थान की स्टूडेंट ग्रीवांस रिड्रेसल कमेटी से कोई सहायता नहीं मिल पाती है तो वह लोकपाल के सामने अपील कर सकते हैं। लोकपाल के पद पर नियुक्ति के लिए कुछ शर्तें भी निर्धारित हैं। सेवानिवृत्त कुलपति, 10 सालों के अनुभव वाले सेवानिवृत्त प्रोफेसर या पूर्व जिला जज ही लोकपाल बन सकते हैं।
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