शहर के विभिन्न केंद्रों पर शांतिपूर्ण और कदाचारमुक्त संपन्न हुई सीईटी-बीएड परीक्षा।
दरभंगा: कुलपति प्रो. सुरेंद्र प्रताप सिंह ने बिहार के राज्यपाल-सह-कुलाधिपति द्वारा ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय को लगातार चौथी बार सीईटी-बीएड की संयुक्त प्रवेश परीक्षा के आयोजन के लिए नोडल विश्वविद्यालय नामित करने पर आभार प्रकट किया।
कुलपति ने कहा कि संपूर्ण बिहार में शांतिपूर्ण एवं कदाचारमुक्त परीक्षा का आयोजन कुलाधिपति के निर्देश के अक्षरश: पालन का परिणाम है। इससे विश्वविद्यालय परिवार महामहिम के प्रति कृतज्ञ है। प्रो. सिंह ने राजभवन से सभी विशेष पर्यवेक्षक, सभी सहभागी विश्वविद्यालयों के कुलपति और कुलसचिव, समन्वयक, नोडल पदाधिकारी, पर्यवेक्षक, केंद्राधीक्षक, निरीक्षक और परीक्षा कार्यों में शामिल हुए संबंधित प्रमंडलीय आयुक्त एवं जिलाधिकारी, एसएसपी के साथ जिला प्रशासन के अन्य पदाधिकारियों के प्रति आभार प्रकट किया।
साथ ही अभ्यर्थियों को परीक्षा में सफलता प्राप्त करने के लिए मंगलकामना की। कुलपति ने कहा कि परीक्षा का सफल आयोजन कराने के लिए राज्य नोडल पदाधिकारी व उनकी टीम के सदस्य बधाई के पात्र हैं। परीक्षा पूरी तरह निष्पक्ष तरीके से हुई।
दो वर्षीय बीएड एवं शिक्षा शास्त्री में नामांकन के लिए संयुक्त प्रवेश परीक्षा (सीईटी-बीएड)-2023 पूरी शूचिता के साथ शनिवार को पूर्वाह्ण 11:00 बजे से अपराह्ण 1:00 बजे के बीच संपन्न हुई।
इस बार सीईटी-बीएड-2023 की संयुक्त प्रवेश परीक्षा के लिए 1,84,233 अभ्यर्थियों में 96,698 महिला एवं 87,535 पुरूष थे। इनमें से 87,402 महिला एवं 74,517 पुरूष अभ्यर्थी परीक्षा में सम्मिलित हुए। इस प्रकार कुल 89.79 प्रतिशत अभ्यर्थी परीक्षा में शामिल हुए। वहीं शिक्षा शास्त्री के 255 अभ्यर्थियों के लिए एक परीक्षा केंद्र दरभंगा शहर में बनाये गये थे। इनमें से 194 अभ्यर्थी परीक्षा में सम्मिलित हुए। इस प्रकार कुल 76.08 प्रतिशत अभ्यर्थी परीक्षा में शामिल हुए। कुलपति प्रो. सिंह, सीईटी-बीएड-2023 की संयुक्त प्रवेश परीक्षा को लेकर दरभंगा शहर के लिए राजभवन से आये विशेष पर्यवेक्षक कमलेश प्रसाद सिन्हा और कुलसचिव प्रो. मुश्ताक अहमद ने दरभंगा शहर के एमआरएम महाविद्यालय, एमएलएसएम महाविद्यालय और रोज पब्लिक स्कूल के परीक्षा केंद्रों का जायजा लिया।
परीक्षा शांतिपूर्ण माहौल में चलते देख सभी पदाधिकारियों ने व्यवस्था को लेकर संतोष जताया।
विशेष पर्यवेक्षक कमलेश प्रसाद सिन्हा ने कहा कि नोडल विश्वविद्यालय के रूप में एलएनएमयू की पूरी टीम ने जिस तरह से लगातार चौथी बार सुचारू रूप से संयुक्त प्रवेश परीक्षा संपन्न कराया है, इसके लिए पूरी टीम की जितनी तारीफ की जाए वह कम है। कुलपति के नेतृत्व में पूरी टीम बेहतर समन्वय के साथ परीक्षा का आयोजन करके एलएमएमयू ने दूसरे विश्वविद्यालय के लिए अनुकरणीय मापदंड बना दिया है। एलएनएमयू की ओर से सभी केंद्रों पर परीक्षा को लेकर बेहतर व्यवस्था की गई थी। सुंदर व्यवस्था का ही परिणाम है कि लगातार चौथी बार मिथिला विश्वविद्यालय ने परीक्षा के सफल आयोजन को लेकर सफलता प्राप्त किया है।
कुलसचिव प्रो. मुश्ताक अहमद ने कहा कि सीईटी-बीएड की संयुक्त प्रवेश परीक्षा का सफल आयोजन चौथी बार संपन्न कराकर ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यलाय ने अपनी जिम्मेदारी का सफलतापूर्वक निर्वहन किया है। यह इस बात का प्रमाण है कि अगर भविष्य में किसी भी प्रकार की जिम्मेदारी महामहिम की ओर से विश्वविद्यालय को दी जाती है तो उस जिम्मेदारी पर विश्वविद्यालय पूरी तरह खरा उतरेगा। अब जल्द ही प्रवेश परीक्षा का परीक्षाफल भी प्रकाशित किया जाएगा। समय पर नामांकन की प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी। प्रवेश परीक्षा के सफल आयोजन और निष्पक्ष काऊंसेलिंग का ही परिणाम है कि प्रत्येक वर्ष आवेदन करने वाले अभ्यर्थियों की संख्या में अच्छी खासी बढ़ोतरी होती रही है।
सीईटी-बीएड-2023 के राज्य नोडल पदाधिकारी प्रो. अशोक कुमार मेहता ने कहा कि कुलपति के मार्गदर्शन के कारण संयुक्त प्रवेश परीक्षा शांतिपूर्ण सफल हो पाया। प्रो. मेहता ने कहा कि सीईटी-बीएड की परीक्षा को लेकर राजभवन से आये विशेष पर्यवेक्षक आरा शहर के लिए विनय कुमार ठाकुर, भागलपुर के लिए आनंद अभिषेक, छपरा के लिए भैरव नाथ सिंह, दरभंगा के लिए कमलेश प्रसाद सिन्हा, गया के लिए महाबीर प्रसाद सिन्हा, हाजीपुर के लिए प्रवीन कुमार गुप्ता, मधेपुरा के लिए जमील अख्तर, मुंगेर के लिए नरेश प्रसाद, मुजफ्फरपुर के लिए दिवाकर चटर्जी, पटना के लिए संजय कुमार और पूर्णियाँ के लिए शाहीद अतहर की संयुक्त प्रवेश परीक्षा के सफल आयोजन कराने में महती भूमिका रही। प्रो. मेहता ने बताया कि बिहार के 11 शहरों- पटना, हाजीपुर, गया, आरा, छपरा, मुजफ्फरपुर, दरभंगा, मुंगेर, पूर्णियाँ, भागलपुर व मधेपुरा में कुल 301 परीक्षा केंद्रों पर परीक्षा का आयोजन किया गया था। इनमें 144 परीक्षा केंद्र महिलाओं के लिए एवं 156 परीक्षा केंद्र पुरूषों के लिए बनाए गए थे। भीषण गर्मी के बावजूद अभ्यर्थी अपने-अपने परीक्षा केंद्र पर सुबह 09 बजे के पहले से ही उपस्थित होने लगे थे। प्रो. मेहता ने कहा कि कुलपति के नेतृत्व में ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय ने सफलतापूर्वक परीक्षा का आयोजन कराया है। अब काऊंसेलिंग की प्रक्रिया को सफलतापूर्वक संपन्न कराने के लिए सभी प्रयास किए जाऐंगे। ताकि, एक जुलाई से नए सत्र शुरू होने से पूर्व ही नामांकन की प्रक्रिया पूरी हो जाए। प्रो. मेहता ने शांतिपूर्ण परीक्षा संपन्न हो जाने पर कुलपति, प्रति-कुलपति, कुलसचिव, केंद्रीय समन्वयक सह पर्यवेक्षक सभी कोर-कमेटि के सदस्य, स्थायी पर्यवेक्षक और उड़नदस्ता दल के प्रति आभार जताया।
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