प्रत्येक पांच हजार की आबादी पर एटीएम की सुविधा के लिए डीएम ने स्थल चिन्हित करने का दिया निर्देश।
दरभंगा : समाहरणालय अवस्थित बाबा साहेब डॉ. भीमराव अम्बेडकर सभागार में जिलाधिकारी राजीव रौशन की अध्यक्षता में जिला स्तरीय परामर्शदात्री/समीक्षा समिति की जून, 2023 की तिमाही बैठक आयोजित की गई।
बैठक में अग्रणी जिला प्रबंधक अजय कुमार सिन्हा ने दरभंगा जिला के सभी बैंकों की समेकित तिमाही उपलब्धि से जिलाधिकारी को अवगत कराते हुए कहा कि वर्ष 2023-24 के लिए वार्षिक साख योजना का लक्ष्य 7715.83 करोड़ रूपये है, जिसमें कृषि क्षेत्र के लिए निर्धारित लक्ष्य 2982.12 करोड़ रुपये के विरूद्ध उपलब्धि 561.50 करोड़ रुपये( लक्ष्य का 18.83 प्रतिशत), एमएसएमई के लिए निर्धारित लक्ष्य 2642.98 करोड़ के विरुद्ध उपलब्धि 872.36 करोड़,(लक्ष्य का 33.01 प्रतिशत), एवं अन्य प्राथमिक क्षेत्रों के लिए 494.61 करोड़ रूपये के विरुद्ध 134.87 करोड़ रुपये (लक्ष्य का 27.17 प्रतिशत) है। इस प्रकार कुल – 5894.71 करोड़ रूपये के विरूद्ध तिमाही उपलब्धि 1568.73 करोड़ रूपये है, जो कुल प्राथमिक क्षेत्र के लक्ष्य का 26.61 प्रतिशत है।
गैर प्राथमिकता क्षेत्र में वार्षिक लक्ष्य 1596.12 करोड़ रुपये के विरूद्ध तिमाही उपलब्धि 417.54 करोड़ रूपये है।
इस प्रकार प्राथमिकता व गैर प्राथमिकता क्षेत्र का कुल वार्षिक लक्ष्य 7715.83 करोड़ रूपये के विरूद्ध तिमाही उपलब्धि 1986.27 करोड़ है, जो वार्षिक लक्ष्य का 25.74 प्रतिशत है। उल्लेखनीय है कि राज्य की उपलब्धि 29.32 प्रतिशत है।
बैंकिंग सुविधा के विस्तार के लिए जिले के सभी 24 बैंकों के 242 शाखाओं द्वारा 557 बिजनेस कॉर्रेस्पोंडेन्ट रखा गया है, जो घर-घर सम्पर्क कर संबंधित बैंक के बैंकिंग सुविधा को उपलब्ध करा सके।
जिलाधिकारी ने वैसे बैंकों के लिए जिनके पास एक भी बिजनेस कॉर्रेस्पोंडेन्ट नहीं है, उन्हें अपनी आवश्यकता की सूची उपलब्ध कराने का निर्देश दिए तथा डीपीएम (जीविका) को उतनी संख्या में बैकिंग कॉर्रेस्पोंडेन्ट उपलब्ध कराने के निर्देश दिए, ताकि बैंकिग सुविधा का विस्तार ग्राहक के घर ही किया जा सके।
इसी प्रकार एटीएम की समीक्षा में पाया गया कि अर्द्ध शहरी क्षेत्र में 37 एवं शहरी क्षेत्र में 138 कुल – 220 एटीएम सभी बैंकों द्वारा संस्थापित है।
जिलाधिकारी ने कहा गाइडलाइन के अनुसार कि हर 05 हजार आबादी एवं हर 05 किलोमीटर पर एटीएम की सुविधा होनी चाहिए, अगर कहीं नहीं है, तो स्थल का नाम उपलब्ध कराया जाए।
महाप्रबंधक, जिला उद्योग केन्द्र ने दोनार औद्योगिक क्षेत्र में एटीएम की स्थापना करने की आवश्यकता बतलाई।
जिलाधिकारी ने कहा कि सभी प्रखण्ड मुख्यालय में एक-एक एटीएम की स्थापना की जाए। 14 प्रखण्डों के पास अपना भवन उपलब्ध है।
उन्होंने एलडीएम को सभी बैंक के साथ बैठक कर उन्हें प्रखण्ड आवंटित कर देने का निर्देश दिया। इसके अतिरिक्त जिस प्रखंड में ट्रांजेक्शन (लेन-देन) अधिक होता है, वहाँ बैंक की स्थापना हो। कहा कि तत्काल जीविकास बिजनेस कॉर्रेस्पोंडेन्ट की सुविधा उपलब्ध करावें।
साख जमा अनुपात के संबंध में बताया गया कि जून, 2023 में जिले का साख-जमा अनुपात 46.24 है, जबकि राज्य का साख- जमा अनुपात 55.70 प्रतिशत है।
जिलाधिकारी ने इन तमाम बैंकों को जिनके साख- जमा अनुपात जिला औसत से भी कम है, उनके विरूद्ध नराजगी जताई, जिनमें भारतीय स्टेट बैंक, सेन्ट्रल बैंक ऑफ इण्डिया, पंजाब नेशनल बैंक, कैनरा बैंक, यूको बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा जैसे बड़े बैंक भी शामिल हैं।
जिले का साख- जमा अनुपात कम होने पर जिलाधिकारी ने सभी संबंधित बैंकों के विरूद्ध नराजगी जताई।
उन्होंने कहा कि दरभंगा की जनता ने विगत तीन महीने में यहाँ के बैंकों में 13 हजार 921 करोड़ रूपये जमा की है, जबकि बैंकों ने मात्र 6 हजार 437 करोड़ रूपये ही ऋण दिए। यदि अधिक ऋण दिए जाते तो जिले का विकास बेहतर होता। उन्होंने कहा कि बैंकर्स अगर चाहें, तो जिला और राज्य की तस्वीर बदल सकती है।
जिलाधिकारी ने कहा कि अगली डीएलसीसी की बैठक में राज्य औसत से कम का साख जमा अनुपात किसी बैंक के लिए मान्य नहीं होगा।
बैठक में जिला गव्य विकास पदाधिकारी ने बताया कि देशी गो-पालन के लिए वर्ष 2023-24 के लिए 33 गव्य का लक्ष्य रखा गया है, जबकि समग्र गव्य विकास योजना के अन्तर्गत 65 गव्य का लक्ष्य रखा गया है।
बताया कि 15 सितम्बर से इसके लिए ऑन लाईन आवेदन लिया जाएगा, जबकि देशी गो-पालन के लिए ऑनलाईन आवेदन प्राप्त हो गए है। इस सितम्बर महीने के अंत तक सभी आवेदन को संबंधित बैंकों को भेज दिया जाएगा। इस योजना के तहत 40 से 75 प्रतिशत् तक का अनुदान दिया जाता है। साथ ही गव्य यानी गाय, भैंस राज्य के बाहर से मंगवाए जाते हैं।
उन्होंने कहा कि इसके लिए सरकारी संस्था से प्रशिक्षण प्राप्त किसानों को, दुग्ध उत्पादक सहयोग समिति सदस्य को एवं जीविका के सदस्य को वरीयता दी जाती है।
उन्होंने कहा पशु खरीद के लिए केसीसी भी लिया जा सकता है। बैठक में डीडीएम (नबार्ड) राज नंदनी ने पीएमईजीपी एवं पीएमएफएमई के संबंध में पावर प्वाइंट प्रस्तुतीकरण के माध्यम से विस्तृत जानकारी दी।
बैठक में केसीसी में अधिक से अधिक नए आवेदकों को जोड़ने के निर्देश दिए गए। समीक्षा में पाया गया कि 11,046 पुराने किसानों का केसीसी का नवीकरण किया गया है, जबकि मात्र 269 नए किसानों को ही केसीसी प्रदान किया गया है।
जिलाधिकारी ने बकरी पालन, मुर्गी पालन, गो-पालन के लिए कितने लोगों को केसीसी दिया गया है, इसकी सूची उपलब्ध कराने के निर्देश दिए।
पीएमईजीपी का वार्षिक लक्ष्य 509 के विरूद्ध 134 तथा पीएमएफएमई का वार्षिक लक्ष्य 326 के विरूद्ध 78 आवेदनों की स्वीकृति दिए जाने पर जिलाधिकारी ने महाप्रबंधक उद्योग के प्रति नाराजगी व्यक्त करते हुए नवम्बर महीने तक शत-प्रतिशत लक्ष्य पूरा करने के निर्देश दिए।
बैठक में बेनीपुर के माननीय विधायक विनय कुमार चौधरी, भारतीय रिर्जव बैंक के प्रतिनिधि मलया रंजन, उप निदेशक, जन सम्पर्क नागेन्द्र कुमार गुप्ता, वरीय उप समाहर्त्ता बैंकिंग गौरव शंकर के साथ-साथ सभी संबंधित पदाधिकारीगण उपस्थित थे।
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