दरभंगा से विमान परिचालन की तीसरी वर्षगांठ पर ‘उड़ान: ए जर्नी ट्रांसलेटेड’ का हुआ विमोचन।
दरभंगा: दरभंगा एयरपोर्ट से विमान परिचालन प्रारंभ होने के तीन वर्ष पूरा होने पर महात्मा गांधी शिक्षण संस्थान के तत्वावधान में बुधवार को आयोजित कार्यक्रम में संस्थान द्वारा प्रकाशित मणिकांत झा की हवाई यात्रा पर लिखी गई संस्मरण आधारित पुस्तक ‘आंखिक पांखि मिथिलाक उड़ान’ के अंग्रेजी में अनूदित पुस्तक का विमोचन किया गया। ‘उड़ान:ए जर्नी ट्रांसलेटेड’ नाम से अनूदित इस पुस्तक का मूल मैथिली से अंग्रेजी में वरिष्ठ पत्रकार विष्णु कुमार झा ने अनुवाद किया है। डा एडीएन सिंह की अध्यक्षता में आयोजित कार्यक्रम में विद्यापति सेवा संस्थान के महासचिव डा बैद्यनाथ चौधरी बैजू बतौर मुख्य अतिथि उपस्थित थे। जबकि पुस्तक का लोकार्पण अतिथियों के साथ मिलकर दरभंगा नगर निगम के पूर्व महापौर ओमप्रकाश खेड़िया ने किया।
मौके पर डा बैद्यनाथ चौधरी बैजू ने कहा कि हम मिथिलावासियों के लिए आज खुशी एवं गर्व का दिन है कि विगत तीन साल में कई लाख लोगों ने इस एयर पोर्ट से सफर किया है। दरभंगा एयरपोर्ट के तीन साल के शानदार सफर के लिए उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के प्रति आभार जताया।
ओमप्रकाश खेड़िया ने कहा कि एयरपोर्ट के रूप में लगातार तीसरे साल मिथिला वासियों के वर्षों का सपना धरातल पर उतर कर कामयाबी की नित नई उड़ान ले रहा है, इससे बड़ी खुशी की बात और कुछ नहीं हो सकती।
वरिष्ठ शिशु रोग विशेषज्ञ डा ओमप्रकाश ने दरभंगा एयरपोर्ट की बढ़ती लोकप्रियता का सबसे प्रमुख कारण सुगम आवागमन को बताते कहा कि बिहार के दूसरे एयरपोर्ट के रूप में स्थापित दरभंगा एयरपोर्ट पहुंचने के लिए यात्रियों को जाम की समस्या से जूझना नहीं पड़ता है।
प्रतिभा खेड़िया ने दरभंगा से हवाई परिचालन के तीन साल पूरा होने पर खुशी जताते हुए कहा कि दरभंगा एयरपोर्ट की शानदार कामयाबी से आसपास के जिलों में परिवहन एवं अन्य क्षेत्रों में रोजगार के नये अवसर पैदा हुए हैं। यह आनेवाले समय में मिथिला में औद्योगीकरण और विभिन्न क्षेत्रों में निवेश के लिए भी बेहतर माहौल बनने के लिए शुभ संकेत है।
टटुआर पंचायत के पूर्व मुखिया प्रो जीवकांत मिश्र ने कहा कि इसने महज तीन साल के भीतर उत्तर बिहार के बड़े हिस्से के विकास को रफ्तार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
अध्यक्षीय संबोधन में डा एडीएन सिंह ने कहा कि दरभंगा एयरपोर्ट से कार्गो सेवा शुरू होने से यहां और आसपास के किसानों को काफी सहुलियत मिली है। साथ ही, मिथिला के प्रमुख उत्पाद में से एक मखाना सहित अन्य उत्पादों को अंतरराष्ट्रीय बाजार मिल गया है।
इससे पहले अपना विचार रखते हुए पुस्तक के अनुवादक एवं हवाई यात्रा के पहले विमान में मणिकांत झा के सहयात्री रहे वरिष्ठ पत्रकार विष्णु कुमार झा ने दरभंगा में विमान सेवा के इतिहास एवं वर्तमान की स्थितियों पर समीक्षात्मक टिप्पणी करते हुए उड़ान योजना की कामयाबी में देशव्यापी मिसाल बन चुके दरभंगा एयरपोर्ट की तीन साल की ऐतिहासिक उपलब्धियों को दरभंगा को जनता की भागीदारी का अनुपम उदाहरण बताया।
मूल पुस्तक के लेखक मणिकांत झा ने अंग्रेजी की अनूदित पुस्तक को आम पाठक के लिए उपयोगी बताते कहा कि मिथिला के विकास की आकांक्षा अब जाग चुकी है। वर्षों का सपना बीते तीन साल में साकार होने लगा है। उड़ान योजना की ऐतिहासिक कामयाबी ने मिथिला के सर्वांगीण विकास के सभी दरवाजे खोल कर रख दिए हैं। सड़क, स्वास्थ्य, शिक्षा और नागरिक उड्डयन के क्षेत्र में मिथिला न सिर्फ अव्वल स्थान पर काबिज हो चुका है, बल्कि यह नित्य प्रतिदिन नए कीर्तिमान रच रहा है।
प्रधानाचार्य अशोक राय ने कहा कि दरभंगा एयरपोर्ट हाईवे पर अवस्थित संभवतः देश का इकलौता हवाई अड्डा है, जिसने विगत तीन वर्षों में अनेक गौरवशाली उपलब्धियां हासिल की है।
दीपक कुमार झा के संचालन में उनके द्वारा प्रस्तुत गोसाउनि गीत जय जय भैरवि…से शुरू हुए कार्यक्रम में अतिथियों का स्वागत महात्मा गांधी शिक्षण संस्थान के चेयरमैन हीरा कुमार झा ने किया। वेद ध्वनि गंधर्व कुमार झा ने प्रस्तुत किया। जबकि कार्यक्रम में विद्यालय के प्रबंधक संजीव कुमार, शिक्षक विनोद कुमार झा, राजीव रंजन कुमार, राकेश रौशन ठाकुर, कविता कुमारी, प्रो चंद्रशेखर झा बूढ़ाभाई, प्रवीण कुमार झा, संतोष कुमार झा, नीतीश सौरभ, गजेंद्र नारायण झा आदि की उल्लेखनीय उपस्थिति रही।
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