एमएल एकेडमी में आयुक्त एवं डीएम ने किया शिक्षा संवाद।
दरभंगा: सरकार के आदेश के आलोक में जिले के सभी उच्च विद्यालयों में आयोजित किये जा रहे ‘‘शिक्षा संवाद’’ की कड़ी में दरभंगा के प्लस 2 एमएल एकेडमी, लहेरियासराय में दरभंगा प्रमण्डल के आयुक्त मनीष कुमार एवं जिलाधिकारी राजीव रौशन ने जिला स्तरीय पदाधिकारियों के साथ छात्र/छात्राओं, अभिभावकों एवं स्थानीय नागरिकों के साथ ‘‘शिक्षा संवाद’’ किया।
‘‘शिक्षा संवाद’’ कार्यक्रम में आयुक्त द्वारा कई बच्चों से उनके भावी लक्ष्य के संबंध में उनसे जानना चाहा।
मो.आरिफ ने बताया कि वह डॉक्टर बनना चाहता है। आयुक्त ने कहा कि बहुत अच्छा संकल्प है, हम चाहेंगे कि एम.एल.एकेडमी का मो.आरिफ विश्व प्रसिद्ध हार्ट स्पेशलिस्ट या ब्रेन सर्जन बने और पूरी दुनिया में एम.एल. एकेडमी का नाम रौशन करें।
11वीं कक्षा की शबा प्रवीण ने बताया कि वह डेंटिस्ट डॉक्टर बनना चाहती है,यह पूछे जाने पर कि आपको डॉक्टर बनने की प्रेरणा कहा से मिली,तो शबा प्रवीण ने बतायी कि बचपन में उसके दाँत में बहुत समस्या रहती थी और बार-बार डेंटिस्ट के पास जाना पड़ता था,इसलिए मैं डेस्टिट बनना चाहती हूँ।
आयुक्त ने कहा कि हमारे यहाँ प्रतिभा की कोई कमी नहीं है,उन्हें तरासने की जरूरत है तथा हम सभी तरासने काम करते हैं,ताकि बच्चें अपना,अपने जिले व देश का नाम रौशन करें।
सर्वप्रथम कार्यक्रम में उपस्थित छात्र, शिक्षकगण, अभिभावक एवं स्थानीय नागरिकों का स्वागत करते हुए जिलाधिकारी ने
‘‘शिक्षा संवाद’’ कार्यक्रम का महत्त्व बताते हुए कहा कि इस कार्यक्रम का उद्देश्य है कि छात्र और शिक्षकों के बीच, छात्र और प्रधानाचार्य के बीच तथा प्रशासनिक तंत्र में जुड़े हुए लोगों के बीच संवाद स्थापित हो सके। हम आपके अनुभव को जान सके और कार्यक्रम की जानकारी दे सके, ताकि हमारे यहाँ का एक भी बच्चा सरकार के द्वारा चलाई जा रही योजनाओं से वंचित न रह सके।
उन्होंने कहा भारतवर्ष में गुरु व शिष्य, शिक्षा एवं शिक्षकों की परम्परा बहुत पूरानी रही है और इस क्षेत्र में मिथिला का एक विशेष इतिहास रहा है। मिथिला अपने ज्ञान-विज्ञान के माध्यम से पूरी दुनिया में शांति का संदेश देने के लिए जाना जाता है।
उन्होंने कहा कि दुनिया में प्रारंभ से ही ज्ञान फैलाने का काम यहाँ के ऋषि-मुनियों ने किया है,अगर हम नाम लेना चाहेंगे तो मर्हिषी वाल्मीकि से लेकर यागवल्क्य तक, राजा जनक से लेकर मर्हिर्षी वशिष्ठ तक,द्रोणाचार्य से लेकर संदीपनी मुनि तक सैकड़ों ऐसे नाम हैं,जिन्होंने एक से बढ़कर एक शिष्य बनाए जिन्होंने इतिहास में अपनी अमिट छाप छोड़ी और हजारों साल बाद भी आज लोग उन्हें याद करते है।
उन्होंने कहा कि शिक्षा किसी राष्ट्र के लिए सम्पूर्ण एवं मूलभूत अवयव है,अगर किसी राष्ट्र में शिक्षा नहीं है,शिक्षा की अच्छी व्यवस्था नहीं है,तो उस राष्ट्र को बिखरते देर नहीं लगता।
उन्होंने कहा कि अस्त्र या शस्त्र नहीं बल्कि किसी देश की खराब शिक्षा व्यवस्था उस देश को बर्बाद करने के लिए पर्याप्त है।अगर हमें देश को आगे बढ़ाना है,तो अपने शिक्षण व्यवस्था को और शिक्षा को मजबूत करना होगा।
उन्होंने कहा कि ज्ञान के साथ विवेक होना भी आवश्यक है। बहुत सारे अविष्कार और बहुत सारे निर्माण का अविवेकपूर्ण प्रयोग मानवता और मानव सभ्यता को नुकसान ही पहुँचाया है। शक्ति और सामर्थ के साथ अगर विवेक नहीं हो,तो आप समाज, विश्व और पूरी मानवता को नुकसान ही पहुँचाएगें।
उन्होंने कहा कि बिहार विद्यालय परीक्षा समिति का लोगो (logo) बहुत ही प्रेरणादायी है,जिसमें अंकित है कि हमारे पास धनुष और बाण है,तो उसे चलाने के लिए विवेक भी जरूरी है।
उन्होंने कहा कि समाज कल्याण के कई सारे प्रयास हुए हैं, जिनमें बाल विवाह को समाप्त करने की बात शामिल है, इसका भी सीधा संबंध शिक्षा से है। राज्य सरकार सामाजिक बदलाव के लिए एक क्रांति के रूप में इसका प्रयास कर रही है। इस प्रथा की बुराई सीधे-सीधे शिक्षा को नुकसान पहुंचाती है और उसको समाप्त करने के लिए सरकार कृत संकल्पित है।
उन्होंने कहा कि बच्ची व बच्चे के जन्म से लेकर रोजगार प्राप्त करने तक सरकार उन्हें मदद करती है और सरकार की ओर से इसके लिए अनेक कल्याणकारी योजनाएँ चलायी जा रही है।
उन्होंने कहा कि सरकार ने शिक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए दो चरणों में पर्याप्त संख्या में शिक्षकों की नियुक्ति की है। ‘‘शिक्षा संवाद’’ कार्यक्रम के प्रारंभ में जिला शिक्षा पदाधिकारी समर बहादुर सिंह,जिला प्रोग्राम पदाधिकारी (समेकित बाल विकास सेवाएँ) डॉ.रश्मि वर्मा,डीपीएम. (हेल्थ) शैलेश चन्द्र, जिला निबंधन सह परामर्श केन्द्र के प्रबंधक विकास कुमार, श्रम प्रवर्त्तन पदाधिकारी, जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (समग्र शिक्षा) ने मुख्यमंत्री बालक एवं बालिका साईकिल योजना, मुख्यमंत्री पोशाक योजना, मुख्यमंत्री किशोरी स्वास्थ्य कार्यक्रम योजना, मुख्यमंत्री बालिका प्रोत्साहन योजना, बिहार शताब्दी मुख्यमंत्री बालिका प्रोत्साहन योजना, मुख्यमंत्री प्रोत्साहन छात्रवृत्ति, योजना, प्री-मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना, पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति, मेधा-सह-आय छात्रवृत्ति योजना, बिहार स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना, मुख्यमंत्री निश्चय स्वयं सहायता भत्ता योजना, कुशल युवा कार्यक्रम, मिशन दक्ष, विशेष कक्षा,निपुण बिहार, इंस्पायर्ड अवार्ड सहित स्वास्थ्य विभाग एवं श्रम संसाधन विभाग द्वारा बच्चों के उत्थान के लिए चलाई जा रही योजनाओं की जानकारी दी गई।
‘‘शिक्षा संवाद’’ कार्यक्रम में बच्चो के अभिभावक ने भी अपना-अपना अनुभव साझा किया तथा सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं को काफी सराहनीय बताया।
‘‘शिक्षा संवाद’’ कार्यक्रम में एम.एल.एकेडमी के प्रभारी प्रधानाध्यापक नीलम कुमारी ने भी सम्बोधित किया। वहीं विशिष्ट कला सम्मान,राष्ट्रीय कला उत्सव-2024 के लिए राज्य स्तर पर चयनित एम.एल. एकेडमी के करीना कुमारी को आयुक्त के द्वारा स्मृति चिन्ह प्रदान किया गया।
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