ठंड के प्रकोप पर भारी पड़ेगा केके पाठक के प्रकोप का डर या डीएम देंगे बच्चों की सुरक्षा को प्राथमिकता!
दरभंगा: इन दिनों जिले में भीषण ठंड का प्रकोप है। हाड़ कंपाने वाली पूस की रात ही नहीं, दिन भी है। सर्द पछुआ हवा से शरीर टूट रहा है। मौसम विभाग ने अगले तीन दिनों तक पटना, नालंदा, गया, औरंगाबाद, भागलपुर, खगड़िया, मुंगेर, जमुई, बांका, लखीसराय, नवादा, जहानाबाद, अरवल, भोजपुर, रोहतास, बक्सर, कैमूर समेत 18 जिलों में ‘भीषण शीत लहर का अलर्ट’ जारी किया। पूर्णिया, कटिहार, किशनगंज, अररिया, सहरसा, मधेपुरा, पश्चिमी चंपारण, पूर्वी चंपारण, गोपालगंज, सीवान, सारण, मुजफ्फरपुर, दरभंगा, सीतामढ़ी, वैशाली समेत 20 जिलों में ‘शीत दिवस का यलो अलर्ट’ है। लेकिन, एक-दो को छोड़ ज्यादातर जिलाधिकारी 20 जनवरी से आगे छुट्टी की घोषणा नहीं कर रहे थे। जिस अधिकार से छुट्टी देते थे, वह भूल गए थे। क्योंकि डर था आईएएस केके पाठक का। पाठक ने 16 से 20 जनवरी तक छुट्टी देने पर प्रमंडलाधिकारियों की क्लास लगा दी थी। आने के पहले अपने विभाग के मंत्री को हटवा दिया है। तो, डर तो लगना ही था! ऐसे में बड़ा सवाल यह भी है कि ऐसे में ठंढ के प्रकोप पर केके पाठक के डर का प्रकोप भारी पड़ेगा या बच्चों की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए डीएम छुट्टी की घोषणा करेंगे।

हलांकि, इसी बीच कुछ डीएम ने हिम्मत दिखाई है और बच्चों की सुरक्षा को प्राथमिकता दी है। पटना के डीएम ने भी आदेश जारी कर दिया। अब बाकी भी दे ही देंगे, यह माना जा सकता है। पटना डीएम ने आठवीं तक के स्कूलों के साथ कोचिंग में भी छुट्टी का आादेश दिया है।

दरअसल, रविवार की देर शाम पटना के डीएम ने भी आठवीं कक्षा तक के लिए 22 जनवरी तक के लिए छुट्टी घोषित कर दी। इससे पहले, गया और नालंदा के स्कूलों को बंद करने का आदेश जिलाधिकारी दिया था। नालंदा में 21 जनवरी से 23 जनवरी तक एक से आठ तक के कक्षा के स्कूल बंद रहेंगे। वहीं गया में 21 से 24 जनवरी तक एक से आठ कक्षा तक के स्कूल बंद रहेंगे। हालांकि कक्षा 9 से ऊपर की कक्षाओं की शैक्षणिक गतिविधियां पूर्व के भांति ही चलती रहेगी, जो 9:00 से 3:30 के बीच है। मिशन दक्ष तथा बोर्ड परीक्षा के संचालन हेतु किए जाने वाले विशेष कक्षाओं के संचालन इससे मुक्त हैं। इससे पूर्व 9 जनवरी, 12 जनवरी, 16 जनवरी को आदेश निकालकर प्री स्कूल एवं आंगनबाड़ी केंद्र सहित एक से आठ तक के शैक्षणिक गतिविधियों पर प्रतिबंध लगाया गया था।

वहीं बात करें प्राइवेट स्कूलों की तो प्राइवेट स्कूल जिलाधिकारी के आदेश बगैर भी इस ठंड में खतरा उठाने से बचने के लिए खुद छुट्टी घोषित कर सकते हैं। बच्चों को स्कूल में ठंड के कारण परेशानी होती है तो अभिभावक सीधे-सीधे उनपर जिम्मेदारी डालेंगे। इसके अलावा, स्कूल की छवि भी खराब होगी। इस डर के कारण कई स्कूल ऑनलाइन मोड में रहने का विकल्प कर चुके हैं।
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