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1 week ago

झोलाछाप डॉक्टर की लापरवाही से मरीज की मौत, क्लीनिक बंद कर डॉक्टर फरार।

दरभंगा: झोलाछाप डॉक्टर की लापरवाही की वजह से मरीज की मौत हो गई। परिजन जब आक्रोशित हुए तो डॉक्टर ने अपनी गलती मान ली। 11 फरवरी को स्टांप पेपर पर लिखकर दिया कि मेरी गलती से मरीज ने दम तोड़ा है। पुलिस केस नहीं करें।

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डॉक्टर ने मृतक के परिजन को 4 लाख रुपए देने का वादा किया। 75 हजार रुपए मौके पर ही ऑनलाइन ट्रांसफर किया। बाकी 3.25 लाख रुपए 11 दिन में देने को बोला, लेकिन अगले दिन डॉक्टर अस्पताल का बोर्ड हटाकर फरार हो गया।

दरअसल, मधुबनी जिला के जीरो माइल स्थित प्राइवेट अस्पताल नवजीवन अस्पताल में 8 फरवरी को मरीज संजय यादव को ले जाया गया था। डॉक्टर ने बताया था कि उसके फेफड़े में पानी भर गया है। उसे भर्ती कराना होगा। गांव की एक महिला काजल कुमार जो उसी अस्पताल में काम करती है। उसी के कहने पर संजय को अस्पताल में भर्ती कराया गया। डॉक्टर ने कहा तीन दिन में ठीक हो जाएगा, पर अगले दिन 9 फरवरी को मौत हो गई।

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मौत के बाद डॉक्टर ने मरीज को डीएमसीएच भेजने के लिए बुलवाया। बिना रेफर स्लिप दिए परिजनों को दरभंगा भेज दिया। रास्ते में एक परिचित डॉक्टर से जांच करवाई तो पता चला कि संजय की मौत हो चुकी है। इसके बाद परिजन शव लेकर गांव लौट आए। मामला रैयाम थाना क्षेत्र के नयागांव का है।

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डॉक्टर के भागने के बाद परिजन काफी परेशान हैं। उन्हें पैसे भी नहीं मिले। परिजन कहां जाएं उन्हें समझ नहीं आ रहा था। अंत में 23 मार्च को परिजन मीडियाकर्मियों के पास पहुंची और अपनी परेशानी बताई।

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रैयाम प्रभारी थानाध्यक्ष कुमारी दिव्या ने बताया कि मृतक के परिवार की ओर से कोई लिखित शिकायत नहीं दी गई है। आरोपी डॉक्टर अस्पताल छोड़कर फरार है। उसका मोबाइल भी नॉट रीचेबल आ रहा है।

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मृतक की पत्नी रूबी देवी ने आरोप लगाया कि झोलाछाप डॉक्टर ने गलत इलाज किया। जिससे उसके पति की जान चली गई। डॉक्टर ने इलाज से जुड़ा कोई भी कागज नहीं दिया। संजय गांव में ठेला लगाकर चाउमिन बेचते थे। तीन बच्चे हैं। बेटी रूपम कुमारी और दो बेटे राहुल यादव व राजन कुमार यादव।

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कहा कि मैं पुलिस में नहीं जाऊंगी मेरा बच्चा सब छोटा छोटा है। कौन केश लड़ेगा और पैसा भी कहां से लाऊंगी। मीडिया के लोगों और प्रशासन से उन्होंने आग्रह किया कि मुझे कैसे भी रुपया दिलवा दीजिए। ताकि घर परिवार चल सके। मेरे पति तो हमलोगों को छोड़कर चले गए।

मृतक के भाई जितेंद्र यादव, जो मुंबई में काम करते हैं। उन्होंने बताया कि अस्पताल के बोर्ड पर डॉक्टर कुमार, अमित, शिशु और महिला रोग विशेषज्ञ, डीएमसीएच लिखा था, लेकिन डॉक्टर के आधार कार्ड पर नाम देवेंद्र प्रसाद साह था। गांव की अनपढ़ महिलाएं उसके झांसे में आ गईं।

जितेंद्र ने बताया कि अब यही डॉक्टर मधुबनी के बिस्फी में नया अस्पताल खोल चुका है। वहां भी बोर्ड पर डॉक्टर कुमार अमित लिखा है। उन्होंने सरकार से बच्चों के भरण-पोषण के लिए मुआवजा और झोलाछाप डॉक्टर पर सख्त कार्रवाई की मांग की।

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