इमरजेंसी की रैंप से उतरने के दौरान ई रिक्शा का ब्रेक फेल, मरीज सहित परिजन घायल।
दरभंगा: मरीज का इलाज कराने पहुंचे परिजन सोमवार को डीएमसीएच परिसर में ई रिक्शा के चदरा के पार्टीशन से टकराने से स्वयं घायल हो गए। ई रिक्शा पर सवार तीन परिजनों को इलाज के लिए इमरजेंसी विभाग के क्रिटिकल केयर यूनिट में भर्ती कराना पड़ा। ई रिक्शा पर बैठी मरीज भी हादसे में घायल हो गई।

बताया जाता है कि पेट में दर्द के कारण इलाज के लिए मधुबनी जिला के बासोपट्टी थाना क्षेत्र के जोकि गांव निवासी संजय झा की 15 वर्षीय पुत्री स्वाति कुमारी को इलाज के लिए इमरजेंसी विभाग में भर्ती कराया गया था। चिकित्सकों ने उसकी अल्ट्रासाउंड जांच कराने की सलाह दी। उसे ई रिक्शा पर बैठाकर आधा दर्जन परिजन इमरजेंसी विभाग से सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल भवन की ओर रवाना हुए। इमरजेंसी की रैंप से उतरने के दौरान ई रिक्शा का ब्रेक नहीं लगा। तेज गति से रैंप से नीचे आकर वह सीधे बाउंड्री वॉल के अभाव में पार्टीशन के लिए लगाए गए चदरा से जाकर टकरा गया। हादसे के बाद ई रिक्शा छोड़कर चालक फरार हो गया। ई रिक्शा पर सवार मरीज स्वाति के सर पर गंभीर चोट आई। उसकी मां सोनी देवी के सर से खून बहने लगा। सोनी देवी की ननद कविता देवी भी जख्मी हो गई। वहीं सोनी देवी का पुत्र आदित्य और दामाद देवेश झा भी चोटिल हो गए। वहां जुटे लोगों ने सोनी देवी, कविता देवी और स्वाति को इमरजेंसी विभाग पहुंचाया। सोनी देवी के सर पर कई स्टिच पड़े। तीनों को सीटी स्कैन कराने की सलाह दी गई। बता दें कि करीब एक सप्ताह पहले भी एक ई रिक्शा इसी तरह हादसे का शिकार हो गया था। हालांकि उसपर सवार मरीज और परिजन बाल- बाल बच गए थे।

मालूम रहे कि न्यू सर्जिकल बिल्डिंग में अभी तक अल्ट्रासाउंड और सीटी स्कैन की व्यवस्था नहीं की गई है। एक्सरे मशीन के खराब रहने की वजह से गंभीर मरीजों को जांच के लिए पुरानी इमरजेंसी भवन के पास ले जाना पड़ता है। परिजन को टेंपो और ई रिक्शा पर लादकर मरीजों को जांच के लिए ले जाना पड़ता है। इसके लिए ई रिक्शा और टेंपो चालक मनमाना राशि वसूलते हैं।

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