शराबबंदी पर कला जत्था एवं जीविका द्वारा आयोजित कार्यक्रम में शामिल हुए मंत्री।
दरभंगा: बिहार सरकार के मंत्री मद्यनिषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग रत्नेश सादा ने शनिवार को दरभंगा जिले का दौरा कर उन्होंने महादलित बस्ती में आयोजित शराबबंदी जागरूकता कार्यक्रम में सम्मिलित हुए। यह कार्यक्रम बिहार सरकार की महत्त्वाकांक्षी योजना, जो जीविका और कला जत्था के द्वारा आयोजित किया गया था।
शराबबंदी पर चर्चा करते हुए, मंत्री ने कहा कि बिहार सरकार द्वारा लागू की गई शराबबंदी नीति ने राज्य में सामाजिक सुधार की दिशा में एक नया अध्याय जोड़ा है। उन्होंने नशे से होने वाले दुष्प्रभावों की विस्तार से बोर्ड पर लिख कर चर्चा करते हुए सभी को हर प्रकार के नशापान से दूर रहने का संदेश दिया। साथ ही सभी को शिक्षा से जुड़ कर गरीबी समाप्त करने की बात कही।
इस अवसर पर उन्होंने सतत जीविकोपार्जन योजना के तहत दरभंगा के कुल 671 लाभार्थी परिवारों को दो करोड़ दो लाख एकावन हजार का प्रतीकात्मक चेक प्रदान किया। 06 इलेक्ट्रिक रिक्शा व एक ठेला का फीता काट कर अनावरण कर जीविका दीदियों को चाभी सौंपी। मंत्री ने सतत् जीविकोपार्जन योजना की सफलता की भी सराहना की, जिसे ग्रामीण विकास विभाग के अंतर्गत जीविका द्वारा संचालित किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि “यह योजना अत्यंत निर्धन परिवारों को गरीबी के कुचक्र से बाहर निकालने में मदद कर रही है और अब तक 2.01 लाख से अधिक परिवारों को इससे जोड़ा जा चुका है। यह एक अद्वितीय सफलता है।” दरभंगा जिले में योजना का प्रभाव विशेष रूप से उल्लेखनीय है, जहां 7,000 से अधिक निर्धन परिवारों को इसका लाभ मिला है।
डीपीएम डॉ.ऋचा गार्गी ने बताया कि सतत् जीविकोपार्जन योजना का मुख्य उद्देश्य अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति और अत्यंत निर्धन परिवारों को आर्थिक सशक्तिकरण की ओर अग्रसर करना है। इसके तहत इन परिवारों को वित्तीय सहायता, क्षमता विकास, और परिसंपत्तियों के निर्माण में सहयोग प्रदान किया जाता है।
साथ ही योजना के माध्यम से इन परिवारों को न केवल रोजगार के अवसर मिल रहे हैं, बल्कि उन्हें प्रधानमंत्री आवास योजना, जन वितरण प्रणाली अंतर्गत राशन कार्ड, शौचालय, और आयुष्मान कार्ड जैसी लाभकारी योजनाओं से भी जोड़ा गया है, जिससे उनकी जीवनशैली में समग्र सुधार हो सके।
मंत्री ने योजना के सफल क्रियान्वयन की प्रशंसा करते हुए कहा कि सही मार्गदर्शन, वित्तीय सहायता और अवसर मिलने पर अत्यंत निर्धन परिवार भी आत्मनिर्भर बन सकते हैं।
उन्होंने उदाहरण स्वरूप रूबी देवी और संजुला देवी का उल्लेख किया। जिन्होंने सतत् जीविकोपार्जन योजना का लाभ उठाकर अपने परिवार की आर्थिक स्थिति में महत्वपूर्ण सुधार किया है।
रेनू देवी जो पहले ताड़ी और देशी शराब की बिक्री में शामिल थीं, अब एक चाय और स्नैक की दुकान चलाती हैं और साथ ही एक छोटे किराना व्यवसाय और बकरी पालन से अपनी आय में वृद्धि कर रही हैं।
इसी प्रकार रूबी देवी ने सतत् जीविकोपार्जन योजना के तहत सहायता प्राप्त कर अपना खुद का किराना व्यवसाय शुरू किया है और अपनी आय से परिवार की आर्थिक स्थिति को सुधारने में सफल रही हैं।
मंत्री ने जोर देकर कहा कि सतत् जीविकोपार्जन योजना ने बिहार के अत्यंत निर्धन परिवारों के जीवन में एक नई आशा का संचार किया है। उन्होंने कहा “यह योजना गरीबी और बेरोजगारी के कुचक्र को तोड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।”
वित्तीय सहायता, सामुदायिक समर्थन और जीविका जैसी संस्थाओं के सहयोग से अत्यंत निर्धन परिवार अब आत्मनिर्भर हो रहे हैं और आर्थिक रूप से सशक्त हो रहे हैं।
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