केंद्र सरकार के प्रस्तावित नए हिट एंड रन कानून के विरोध में तीन दिवसीय हड़ताल शुरू।
दरभंगा: दुर्घटना के शिकार व्यक्ति को अस्पताल नहीं पहुंचाने पर 10 साल की कैद और 10 लाख रुपए जुर्माना संबंधी केंद्र सरकार के प्रस्तावित कानून के विरोध में व्यावसायिक वाहनों की तीन दिवसीय सांकेतिक हड़ताल सोमवार से शुरू हुई। पहले दिन दिल्ली मोड़ व लहेरियासराय स्थित स्टैंड से बसें नहीं चलीं। इससे यात्री दिनभर इधर-उधर भटकते रहे।
लहेरियासराय स्थित स्टैंड पर बस पकड़ने पहुंचे बलिगांव के रमेश लालदेव ने कहा कि मुझे एक आवश्यक काम से मुजफ्फरपुर जान था। लेकिन यहां आने के बाद पता चला कि बस चालकों की हड़ताल है। मुझे इसके बारे में पहले से पता नहीं था। यहां आने पर हड़ताल की जानकारी मिली। अब टेंपू रिजर्व कर घर लौटेंगे। वहीं, माखनपुर के बैद्यनाथ झा ने कहा कि मुझे एक काम से बिरौल जाना था। यहां आने पर पता चला कि बस चालकों की हड़ताल है। अब मुझे वापस घर लौटना होगा। इसके अलावा बस स्टैंड पर कई अन्य यात्रियों को ठंड में ठिठुरते हुए बस का इंतजार करते देखा गया।
उधर, दोनार बस स्टैंड पर लगमा गांव निवासी लालू झा ने कहा कि मुझे व्यवसाय के सिलसिले में बहेड़ी जाना था। यहां आने पर पता चला कि बस चालकों की हड़ताल है। मुझे बहेड़ी जाना जरूरी है इसलिए अपने भतीजे को बाइक लेकर यहां बुलाया है। सोचा था कि ठंड अधिक है तो बस से चले जाएंगे, पर ऐसा हो नहीं पाया। वहीं, नीरो देवी ने कहा कि मुझे अपनी बेटी के घर बेनीपुर जाना था। यहां आई तो पता चला कि आज कोई भी बस नहीं जाएगी। ऐसे में अब खाली हाथ घर लौटना पड़ रहा है। उधर, कई अन्य यात्रियों को पास में जल रहे अलाव को तापते देखा गया।
बता दें कि बस चालकों की हड़ताल से हजारों की संख्या में लोगों को इस ठंडी में परेशानी का सामना करना पड़ा। आम दिनों में वाहनों से गुलजार रहने वाले दरभंगा-कुशेश्वरस्थान एसएच 56 भी सोमवार को वीरान नजर आ रहा था। वहीं, एनएच 27 पर भी वीरानी छायी हुई थी। कभी-कभी कार व अन्य छोटे वाहनों को आते-जाते देखा जा रहा था। वाहनों से गुलजार रहने वाला उघड़ा चौक भी सोमवार को वीरान नजर आ रहा था। बस पकड़ने पहुंचने वाले यात्रियों को खाली हाथ लौटना पड़ रहा था।
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