Home Featured सूर्य सिद्धांत व मकरन्द गणित पर आधारित विश्वविद्यालय पंचांग का हुआ विमोचन।
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सूर्य सिद्धांत व मकरन्द गणित पर आधारित विश्वविद्यालय पंचांग का हुआ विमोचन।

दरभंगा: कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय से प्रकाशित सर्वमान्य विश्वविद्यालय पंचांग के 47 वे अंक का कुलपति कार्यालय कक्ष में आज शनिवार को विमोचन किया गया। कुलपति प्रो. लक्ष्मी निवास पांडेय की अध्यक्षता में आयोजित सादे समारोह में विमोचित वर्ष 2024-25 का पंचांग अगले 22 जुलाई 2024 से 10 जुलाई 2025 तक आमजनों के लिए उपयोगी रहेगा। वर्ष 2023-24 के लिए उपलब्ध पंचांग 21 जुलाई 2024 तक ही मान्य है। उक्त जानकारी देते हुए पीआरओ निशिकांत ने बताया कि विक्रम संवत 2081-82 तथा शक साल 1946-47 के लिए विमोचित पंचांग में धर्मशास्त्र के सभी निर्णयों को शामिल किया गया है।

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वहीं इस अवसर पर कुलपति प्रो. पांडेय ने कहा कि विश्वस्तर के इस विश्वविद्यालय पंचांग में कई विशेषताएं हैं। सभी धार्मिक व सामाजिक कार्य आसानी से अब सम्पादित होंगे। उन्होंने उम्मीद जताई कि सभी संस्कारों में यह पंचांग सहायक होगा।

व्याकरण विभाग अध्यक्ष सह प्रकाशन प्रभारी डॉ. दयानाथ झा ने संचालन करते हुए नए पंचांग की विशेषताओं को बताया।

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वहीं, ज्योतिष विभाग के अध्यक्ष सह पंचांग के निदेशक डॉ. कुणाल कुमार झा ने पूर्व कुलपति व विश्वविद्यालय पंचांग के प्रणेता पूर्व कुलपति डॉ. रामकरण शर्मा को याद करते हुए कहा कि उन्हीं की प्रेरणा से 1978 से विश्वविद्यालय पंचांग का अनवरत प्रकाशन संस्कृत विश्वविद्यालय से हो रहा है। सभी वक्ताओं ने पंचांग के मुख्य संरक्षक पूर्व कुलपति प्रख्यात ज्योतिर्विद डॉ. रामचन्द्र झा समेत सभी गणितज्ञों व सहायकों को साधुवाद दिया। बता दें कि इस वर्ष श्रावण माह के कृष्णपक्ष प्रतिपदा से अगले वर्ष के आषाढ़ शुक्ल पक्ष के गुरु पूर्णिमा तक के लिए उपयोगी पंचांग के अनुसार अबकी बार न तो कोई मलेमास का योग है और न ही किसी तरह के ग्रहण का कोई योग। वर्षा पांच व धन्य 11 बताया गया है।

बकौल पंचांग निदेशक पीआरओ ने बताया कि इस बार सूर्य राजा एवं बुध मंत्री की भूमिका में रहेंगे। इस कारण वज्रपात, सामान्य से अधिक वर्षा के साथ ज्वरादि रोग का प्रबल योग है। सर्प दंश की घटना बढ़ सकती है। चोरी व तस्करी में भी इजाफा संभव है। शासक-प्रशासक कुशलता व शिष्टाचार से रहेंगे। वहीं इस वर्ष शादी ब्याह, उपनयन, मुंडन, गृह आरम्भ, गृह प्रवेश जैसे मांगलिक कार्यों की तिथि चालू वर्ष से अधिक है। इसलिए शहनाई पहले से ज्यादा बजेगी।

विमोचन कार्यक्रम में मुख्य रूप से कुलसचिव डॉ. दीनानाथ साह, उपकुलसचिव डॉ. सुनील कुमार झा, डॉ. रेणुका सिंहा, डॉ. पवन कुमार झा, डॉ. दिलीप कुमार झा, डॉ. विनय मिश्र, डॉ. घनश्याम मिश्र, डॉ. शम्भू शरण तिवारी, विभूति नाथ झा, अमरनाथ शर्मा, प्रकाशन विभाग के डॉ. अनिल कुमार झा, सुशील कुमार झा उर्फ बौआ जी, कुंदन भारद्वाज, अभिषेक कुमार उपस्थित थे।

महत्वपूर्ण मांगलिक तिथियां

“विवाह शुभ मुहूर्त”

अंग्रेजी माह नवंबर 2024 में 18, 22, 25 और 27 तथा दिसंबर में 1, 2, 5, 6 और 11 तथा वर्ष 2025 के जनवरी माह में 16, 19, 20, 23, 24, 29, 30 फरवरी में 2, 3, 6, 7, 16, 19, 20, 21, 24, 26 मार्च में 2, 3, 6, 7 अप्रैल में 16, 18, 20, 21, 23, 25, 30 मई में 1, 7, 8, 9, 11, 18, 19, 22, 23, 25, 28,जून में 1, 2, 4 और 6

“मुंडन की तिथि”

नवंबर 2024 में 18, 20,दिसंबर- 5, 6, 11 ,जनवरी 2025 में 31,फरवरी 3, 7, 10, 17मार्च- 6, 10 अप्रैल- 17, 30, मई-8,9,28, जून – 5, 6, 26, 27,जुलाई-2, 4

“गृहारंभ की तिथि”

जुलाई- 22, 24, अगस्त 15, अक्टूबर – 21, नवंबर – 14, 18, 20, दिसंबर – 7, 11, 12, फरवरी 2025 – 8, 15, मार्च – 10, अप्रैल – 16, मई-3, 8, 10, जून – 5, 6, 7

“गृहप्रवेश की तिथि”

अगस्त 2024-10, 14, 15, नवंबर 7, 8, 11, 13, 14, दिसंबर 7, 11, 12, फरवरी – 3, 6, 7, 8, 10, मार्च – 6, 8, 10, मई – 3, 7, 8, 9, 10, जून- 4, 5, 6, 7

“द्विरागमन की तिथि”

माह नवंबर – 18, 20, दिसंबर 5, 6, 8, 11, 12, फरवरी 2025-16, 17, मार्च- 2, 3, 5, 6, 7, 9, 10 अप्रैल – 18, मई 1, 4, 7, 8, 9, 11, 12

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