Home Featured एम्बुलेंस चालको की हड़ताल से ऑटो एवं निजी एम्बुलेंस चालकों की कट रही चांदी, गरीब परेशान।
June 23, 2024

एम्बुलेंस चालको की हड़ताल से ऑटो एवं निजी एम्बुलेंस चालकों की कट रही चांदी, गरीब परेशान।

दरभंगा: जिले में चल रहे सरकारी एम्बुलेंस कर्मियों की हड़ताल का व्यापक प्रभाव दिखने लगा है। गरीब मरीजों के साथ परिजनों की परेशानी बढ़ गई है। हालात यह है कि शव वाहनों की किल्लत हो गई है। लोग शवों को टेंपो पर लादकर ले जा रहे हैं। इसके एवज में टेंपो चालक मनमाना किराया वसूल रहे हैं। निजी एम्बुलेंस चालकों की चांदी कट रही है।

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बताया जाता है कि शनिवार रात सड़क हादसे में मौत के बाद सदर थाना क्षेत्र के पुरा गांव निवासी पेंटर सरोज यादव का रविवार को पोस्टमार्टम हुआ। जिसके स्वजन शव वाहन की खोज करने लगे। कई घंटों के बाद एक टेंपो चालक शव लेकर जाने को तैयार हुआ। परिजनों ने बताया कि कोई भी वाहन चालक शव लेकर नहीं जाना जाता है। कहता है कि शव लेकर जाने के बाद गाड़ी की धुलाई करवानी पड़ती है। एक टेंपो चालक महज 20 किलोमीटर जाने के लिए 3000 रूपए पर तैयार हुआ है।

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बता दें कि डीएमसीएच में स्वास्थ्य विभाग के द्वारा छह शव वाहन उपलब्ध है। जिसके चालक हड़ताल में शामिल है। इसके चलते शवों को ले जाने में स्वजन को दिक्कत हो रही है। यही हाल डीएमसीएच से रेफर होनेवाले मरीजों का भी है।

रविवार को इमरजेंसी विभाग मरीज को लेकर आए मधुबनी के निर्मला देवी के परिजनों ने बताया कि पटना रेफर किया गया है। वहां जाने के लिए 8000 में एक एंबुलेंस मिला है। हड़ताल नहीं रहता तो किराया बच जाता। पास के सभी पैसे खत्म हो गये है। मित्रों से उधार पैसा एकाउंट में मंगवा रहे हैं क्योंकि पटना में और भी खर्च होगा।

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बताया जाता है कि सरकारी एंबुलेंस की हड़ताल से निजी चालकों की बांछें खिली हुई है। इमरजेंसी चौराहे से लेकर ईएनटी विभाग के परिसर में दर्जनों निजी एंबुलेंस खड़ी रहती हैं। जिनके चालक दिनभर बेबस मरीजों से अधिक से अधिक राशि वसूलने का चक्कर चलाते रहते हैं। इनमें से कई एंबुलेंस निजी अस्पतालों के भी है जो सवार होने के बाद मरीज के परिजनों को बहला कर निजी अस्पताल पहुंचा देते हैं।

इधर,102 एंबुलेंस पर तैनात चालक एवं ईएमटियों ने चौथे दिन रविवार को धरनास्थल पर जमकर नारेबाजी किया। जिलाध्यक्ष भोगेंद्र कुमार मिश्रा, जिला सचिव विक्रम पासवान, रामनारायण सिंह, ललन पासवान, रामाशीष महतो, मनोज कुमार यादव, गंगाराम, सुभाष झा, जागेश्वर कुमार, पवन कुमार यादव, ललन आदि ने बताया कि तीन माह होने जा रहा है। अभी मात्र एक माह का वेतन दिया गया है। हमलोगों को श्रम अधिनियम के तहत वेतन का भुगतान किया जाए। साथ ही तानाशाह क्षेत्रीय पदाधिकारी को निलंबन करने और नियुक्ति पत्र, पीएफ, ईएसआईसी, सैलरी स्लीप सभी लोगों को दिया जाए। इसके अलावा जो पहले से निलंबित कर्मी है उसे वापस काम पर लिया जाए और वेतन कटौती पर रोक लगाई जाए। बकाया एरियर विपत्र के साथ अविलंब पूरा वेतन का भुगतान किया जाए। तभी हड़ताल समाप्त होगा।

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