एम्स निर्माण से पहले शहर में ओवरब्रिज एवं डीएमसीएच को एनएच से जोड़ना आवश्यक।
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दरभंगाः जिले में एम्स निर्माण की तस्वीर साफ होती दिख रही है। जनप्रतिनिधियों की इच्छाशक्ति खामियों को दूर करने केलिए देखने केलिए मिल रही है। एम्स के लिए राज्य सरकार के दिए जमीन का भौतिक सत्यापन करने प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना के संयुक्त सचिव सुनील शर्मा के नेतृत्व में 7 सदस्यीय टीम सोमवार को दरभंगा पहुंची।
डीएमसीए के प्राचार्य ने अतिथि भवन में 7 सदस्यीय केंद्रीय टीम का मिथिला की परंपरा के अनुसार पग, चादर और मिथिला पेंटिंग देकर इनका स्वागत किया जिसके बाद टीम डीएमसी के कॉन्फ्रेंस हॉल में अस्पताल प्रशासन और जिला प्रशासन के कई अधिकारियों के साथ प्रोजेक्टर के माध्यम से डीएमसीएच के बनावट पर बैठक कर की है।
टीम के लीडर सुनील शर्मा ने कहा कि पूर्व में टेक्निकल टीम यहां आई थी, जिसने डीएमसीएच को लो लैंड और फ्लड इफेक्टेड के साथ ही अस्पताल के बीच से होकर जाने वाली व्यस्तम सड़क तथा ट्रैफिक जाम को एम्स के लिए बाधा बताई थी। साथ ही रेलवे लाइन के दूसरी तरफ करीब 25 एकड़ जमीन है, उस जमीन से कनेक्टिविटी भी समस्या थी। शहर में जाम की समस्या है। जिससे क्रिटिकल पेशेंट्स के आने में ही ज्यादा समय लग जाएगा। इसपर ओवरब्रिज निर्माण होने की जानकारी भी मिली है। साथ ही राज्य सरकार ने भारत सरकार को पत्र लिखकर सभी समस्याओं को दूर कर लेने का भरोसा दिलाया और दरभंगा में एम्स के निर्माण का आग्रह किया है। इसके बाद केंद्र सरकार ने पुनः 7 सदस्य टीम यहां भेजी है, जिसके तहद हमलोग यहां जांच करने के बाद सरकार को रिपोर्ट देंगे।
इस अवसर पर सांसद गोपालजी ठाकुर ने दरभंगा मे एम्स निर्माण को लेकर अपनी प्रतिबद्धता दोहराते हुए कहा की यहाँ एम्स निर्माण मे जो भी तकनीकी बाधाएं आ रही है,उसको दूर करने का लगातार प्रयास जारी है, और हर हाल में उन्हें दूर कर लिया जायेगा। एकबार तकनीकी टीम के निरीक्षण के बाद जब पुनः केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री अश्विनी चौबे ने उक्त स्थल का स्वयं किया था, तभी उन्हें विश्वास हो गया था कि एम्स हर हाल में दरभंगा में बनेगा। इसकेलिए वे हमेशा प्रयासरत थे और आज उन्ही के विशेष आग्रह पर केन्द्रीय टीम दरभंगा मे प्रस्तावित एम्स निर्माण को लेकर एकबार फिर से सर्वे करने आयी है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी दरभंगा में एम्स निर्माण केलिए प्रतिबद्ध हैं और वे भी चाहते है कि दरभंगा में एम्स का निर्माण हो।
वहीं नगर विधायक संजय सरावगी ने बताया कि पिछली बार जो टीम आयी थी, वह सीधे आ गयी थी और न जिला प्रशासन न राज्य सरकार के अधिकारियों को कोई जानकारी थी। उन्हें जो तकनीकी कमियां दिखी, वह रिपोर्ट कर दिए। पर इसबार जो टीम आयी है, उनके साथ राज्य सरकार और जिला प्रशासन के अधिकारियों के साथ हमलोग भी थे और सही स्थिति बताते रहे। पिछली बार टीम द्वारा हेरिटेज बिल्डिंग की बात भी की गयी थी। जबकि ऐसा कोई हेरिटेज बिल्डिंग नही है जिसे तोड़ा नही जा सकता। एनएच केंक्टिवटी की मांग टीम द्वारा की गयी है जो किया जा सकता है। सबसे बड़ी बात है कि इसबार जो टीम आयी है, एम्स निर्माण केलिए आयी है। कोई भी बड़ी बाधा निर्माण में नही है।
बताते चलें कि इस टीम में दिल्ली एम्स के डॉ0 बी के शर्मा, पटना एम्स के डॉ0 रामजी सिंह, जे पी श्रीवास्तव, सीनियर आर्किटेक्ट मुकेश कुमार वाजपेयी, निर्देशक संजय राय और विशेष आमंत्रित सदस्य के रूप में एचएएलएल के सीनियर आर्किटेक्ट आरके खेतान शामिल है।
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