Home Featured एक तरफ एम्स का हो रहा शिलान्यास, दूसरी तरफ उद्धघाटन के 11 महीने बाद भी सर्जिकल भवन की सेवाएं बदहाल !
3 days ago

एक तरफ एम्स का हो रहा शिलान्यास, दूसरी तरफ उद्धघाटन के 11 महीने बाद भी सर्जिकल भवन की सेवाएं बदहाल !

दरभंगा: 13 नवंबर को शोभन में एम्स निर्माण केलिए पीएम नरेंद्र मोदी शलान्यास करने आने वाले हैं। वहीं दूसरी ओर डीएमसीएच में बने नए सर्जिकल भवन के उद्घाटन के 11 माह बाद भी यहां इमरजेंसी, सीसीडब्लू व ऑपरेशन थियेटर चालू नहीं हो सका है। इस पांच मंजिले भवन में मात्र दो फ्लोर पर सर्जरी और ऑर्थो के मरीजों को भर्ती कर इलाज हो रहा है। हालात यह है कि जो गंभीर मरीज आते हैं, उनका आज भी पुराने इमर्जेंसी में इलाज होता है। यहां बेड कम होने पर मरीजों का इलाज जमीन पर करना पड़ता है। मात्र 21 बेड का पुराना इमरजेंसी में मेडिसिन, सर्जरी और ऑर्थों के गंभीर मरीजों के लिए कम पड़ रहा है।

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बताया जाता है कि अस्पताल प्रशासन नए सर्जिकल भवन की निर्माण एजेंसी बीएमएसआईसीएल से कई बार ऑपरेशन थियेटर बनाकर देने के लिए कहा चुका है। निर्माण एजेंसी की लेटलतीफी के कारण मरीजों के साथ ही डॉक्टरों को भी परेशानी हो रही है। इसी परेशानी को देखते हुए न्यू सर्जिकल भवन के काम में देरी से नाराज जूनियर डॉक्टर ने जून में बीएमएसआईसीएल कार्यालय में ताला जड़ दिया। गर्मी में पुराने जर्जर सर्जिकल भवन के ऑपरेशन थियेटर में ऑपरेशन करने के दौरान गर्मी से सर्जरी विभाग के तीन जूनियर डॉक्टर बेहोश हो गए थे। जिसके बाद डॉक्टर गुस्से में आ गए थे, पर प्रिंसिपल और अधीक्षक के समझाने के बाद डॉक्टरों को शांत किया गया था। जिसके बाद भी काम में तेजी नहीं आई।

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कुल मिलाकर कर कहा जाय तो हालात यह है कि एक भी ओटी उद्घाटन के 11 माह बाद भी नहीं बन सका। फोर्थ फ्लोर पर नेत्र सर्जरी और सीटीवीटी वार्ड बनकर तैयार है। इस वार्ड में फॉल्स सीलिंग, बिजली की स्पलाई, ऑक्सीजन, शौचालय का काम पूरा हो चुका है। लेकिन इस फ्लोर पर मरीजों का इलाज चालू नहीं होने से फर्श पर धूल लगी रहती है। इस फ्लोर पर ब्लड बैंक का काम पूरा हो चुका है। सिर्फ डॉक्टर और नर्सिंग स्टाफ के लिए चेयर व मरीजों के लिए बेड नहीं लगाया गया है। नए सर्जिकल भवन में ओटी बनाने का काम धीरे चल रहा है। फॉल्स सीलिंग का काम बाकी है। ओटी तक ऑक्सीजन की आपूर्ति नहीं हुई है। इस फ्लोर पर निर्माण के सामान जहां-तहां बिखरे पड़े हैं। शौचालय और बेसिन का काम अधूरा है। एसी का काम बाकी है। ग्राउंड फ्लोर पर जीविका का रसोई घर बनकर तैयार है, लेकिन इसमें काम चालू नहीं किया जा रहा है। मात्र दूसरे और तीसरे फ्लोर पर ही मरीजों को भर्ती कर इलाज 11 माह से चल रहा है।

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वहीं दरभंगा मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य केएन मिश्रा का कहना है कि निर्माण एजेंसी बीएमएसआईसीएल से कम से कम दो ऑपरेशन थियेटर तैयार कर देने को कहा गया है। एजेंसी ने शीघ्र ऑपरेशन थियेटर तैयार कर देने का आश्वासन दिया है।

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