Home Featured चर्चित हीरा पासवान हत्याकांड में चार अभियुक्तों को आजीवन कारावास।
July 19, 2019

चर्चित हीरा पासवान हत्याकांड में चार अभियुक्तों को आजीवन कारावास।

दरभंगा: प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश सह अनुसूचित जाति/जनजाति अधिनियम के विशेष न्यायाधीश ब्रजेश कुमार मालवीय की अदालत ने चर्चित हीरा पासवान हत्याकांड में चार अभियुक्तों को आजीवन कारावास और अर्थदण्ड की सजा सुनाई है।
अदालत ने हीरा पासवान की हत्या की जूर्म में जम्मू-कश्मीर प्रांत के कश्तवार जिले के परियारना थानान्तर्गत चित्रनाना निवासी कुख्यात करतार सिंह तथा समस्तीपुर जिले के रोसड़ा थाना के ऐरौत-मुसहरी गांंव के रमन सिंंह, को भादवि की धारा 302 में आजीवन कारावास, एससी/एसटी ऐक्ट में आजीवन कारावास, तथा आर्म्स ऐक्ट की धारा 27 में 3 बर्ष तथा तीनो धाराओं में कुल पच्चीस-पच्चीस हजार रुपये अर्थदण्ड चूकाने की सजा सुनाई है। वहीं इसी मामले के दरभंगा जिले के मखनाही गाँव के अभियुक्त छोटू झा उर्फ संकल्प झा और दरभंगा जिले के ही माधोपुर गाँव के संजीव सिंह को भादवि की धारा 302 में आजीवन, एससी/एसटी ऐक्ट में भी आजीवन कारावास तथा दोनो धाराओं में दस-दस हजार रुपये
, यानि कुल बीस -बीस हजार रुपये भूगतान करने की सजा सूनाई है। अर्थदण्ड नही चुकाने पर चारो अभियुक्तों को दोनो धाराओं में दो-दो बर्ष अतिरिक्त कारावास भूगतने का प्रावधान निर्णय में किया है।
इसके अतिरिक्त कोर्ट ने ‘पीड़ित प्रतिकर योजना’ से मृतक परिजन को सात लाख रुपये भूगतान करने का आदेश डीएम दरभंगा को दिया है।
इस मामले में विशेष लोक अभियोजक अंजनी कुमार भगत के निर्देशन में अपर लोक अभियोजक चमक लाल पंडित ने अभियोजन पक्ष का संचालन किया। एपीपी श्री पंडित ने बताया कि छोटू झा उर्फ संकल्प झा ने फोन कर शाहपुर चक्का गांव के हीरा पासवान को जमीन क्रय-विक्रय में हिसाब कर वकाया रुपये ले जाने के लिए बुलाकर ‘हत्या’ करवा दिया था। जिसकी प्राथमिकी मृतक का पिता ज्ञान चन्द्र पासवान ने 14 जून 2016 को सदर थाना में प्राथमिकी संख्या 219/16 संस्थित कराया।
इसी मामलें में सत्रवाद संख्या 479/16 में सत्रवाद के विचारण उपरांत 12 जूलाई को कोर्ट ने सभी अभियुक्तों को मानव हत्या समेत अन्य धाराओं में दोषी करार दिया था। आज शुक्रवार को अदालत ने अभियुक्तों को सजा निर्धारण के बिन्दु पर दोनो पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अपना निर्णय पारित किया है।
फैसले के बाद मृतक के पिता ने कहा कि- “हम अदालत के फैसले का सम्मान करते हैं, फिर भी हम चाहते थे कि ऐसे दुर्दांत अपराधियों को फाँसी की सजा मिलनी चाहिए।”

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