Home Featured मंत्री को काला झंडा दिखाने की धमकी के बाद आंदोलनकारियों से वार्ता करने दलबल के साथ पहुंचे एसडीपीओ।
November 4, 2022

मंत्री को काला झंडा दिखाने की धमकी के बाद आंदोलनकारियों से वार्ता करने दलबल के साथ पहुंचे एसडीपीओ।

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दरभंगा: मुद्दा जनहित का हो या राजनीतिक, यदि कोई धरना प्रदर्शन हो रहा हो और सड़क आदि बाधित न हो तो शायद ही कोई प्रशासनिक संज्ञान लिया जाता हो। पर यदि बात किसी बड़े ओहदे वाले आका पर आंच की आय तो पदाधिकारियों की फौज दौड़ पड़ती है। कुछ ऐसा मामला एकबार फिर शुक्रवार को बहादुरपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत डरहार पंचायत के बम्बइया चौक के निकट देखने को मिला।

दरअसल, इन दिनों डरहार पंचायत में डायरिया का प्रकोप अत्याधिक फैला हुआ है। इस प्रकोप के फैलने का मुख्य कारण जल संसाधन विभाग के द्वारा नहर पक्कीकरण के कारण पानी को रोककर उसे सड़ने के बाद गांव की तरफ पम्पिंग सेट फेके जाने को बताया जाता है। ठेकेदार की लापरवाही के डायरिया फैलने का आरोप लगाते हुए मिथिला स्टूडेंट यूनियन के द्वारा इसके समाधान की मांग को लेकर गुरुवार को धरना शुरू किया गया। पर कोई सुनवाई नही हुई न कोई पदाधिकारी वार्ता करने आये। शुक्रवार को आंदोलनकारियों द्वारा जल संसाधन विभाग के मंत्री संजय झा के कार्यक्रम में जाकर उन्हें काला झंडा दिखाने की धमकी सोशल मीडिया के माध्यम से दी गयी। अक्सर कई कई दिनों तक कान में तेल डालकर धरना प्रदर्शन को अनसुना करने वाली पुलिस मंत्री के शान में गुस्ताखी की खबर सुनते ही हरकत में आ गयी। अधिकारियों के चेहरे पर नेता केलिए चिंता की लकीरें बढ़ गयी। सदर एसडीपीओ अमित कुमार ने न केवल कार्यालय से निकलने की जेहमत उठाई, बल्कि दौड़े दौड़े दलबल के साथ आंदोलनकारियों से वार्ता करने पहुंचे।

एसडीपीओ के पहुंचते ही उनके साथ जल संसाधन विभाग के कर्मी भी वार्ता केलिए पहुंचे। बहादुरपुर के हेल्थ मैनेजर एवं अंचलाधिकारी भी कुछ ही देर में पहुंच गए। सवाल आखिर आका की शान में गुस्ताखी के डर का जो था।

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आंदोलनकारियों से वार्ता के बाद तत्काल नहर के सभी ब्लॉकेज को खोलने एवं ब्लीचिंग पाउडर के छिड़काव का कार्य शुरू किया गया। आंदोलनकारियों ने वार्ता को सकारात्मक बताया। पर ठेकेदार पर कारवाई का कोई ठोस आश्वासन देने की मांग पर अड़े रहे। इस पर विभागीय अधिकारियों ने विभागीय वार्ता कर सूचित करने का नाम कहा।

वार्ता पूरी हुई या नहीं, आंदोलनकारी उठे या नहीं, यह देखे बिना एसडीपीओ हड़बड़ी में वहां से निकलने लगे। यहां तक कि वार्ता के सम्बंध में जब एसडीपीओ से मीडियाकर्मियों ने पूछना चाहा तो वे किसी भी प्रतिक्रिया देने से बचने की कोशिश करते दिखे।

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