Home Featured बच्चों को समाज में मुख्यधारा से जोड़ना सभी का दायित्व : जिलाधिकारी।
2 weeks ago

बच्चों को समाज में मुख्यधारा से जोड़ना सभी का दायित्व : जिलाधिकारी।

दरभंगा: समाहरणालय अवस्थित बाबा साहेब डॉ.भीमराव सभागार में बाल संरक्षण से संबंधित विषयों पर आयोजित एक दिवसीय-सह- उन्मुखीकरण कार्यशाला का उद्घाटन जिलाधिकारी राजीव रौशन के कर कमलों से दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया। किशोर न्याय अधिनियम 2015, पोक्सो अधिनियम 2012, दत्तक ग्रहण एवं परवरिश विषय पर आयोजित इस कार्यशाला में प्रधान दंडाधिकारी किशोर न्याय बोर्ड दरभंगा, अध्यक्ष कल्याण समिति, उप निदेशक जन संपर्क, पुलिस उपाधीक्षक मुख्यालय, श्रम अधीक्षक आदि उपस्थित थे।

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सहायक निदेशक नेहा कुमारी जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी ने जल जीवन हरियाली की प्रतीक सभी आगत अतिथियों को पौधा देकर सम्मानित की। कार्यशाला में जिले के सभी बाल विकास परियोजना पदाधिकारी, सभी थाना प्रभारी, सभी बाल कल्याण पुलिस पदाधिकारी, अधीक्षक पर्यवेक्षण गृह/बालगृह, समन्वयक, विशिष्ट दत्तक ग्रहण संस्थान, चाइल्ड हेल्प लाइन एवं सभी हितधारकों को शाहिद जावेद एवं सैफुर रहमान, राज्य परामर्शी समाज कल्याण निदेशालय बिहार पटना द्वारा प्रशिक्षण दिया गया।

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कार्यशाला का संबोधित करते हुए जिलाधिकारी ने कहा कि बच्चे हमारे देश के भविष्य है, उनका संरक्षण करना, उन्हें समाज में मुख्य धारा से जोड़ना हम सबों का दायित्व है, हमें इसके लिए समाज को जागरूक करना है। प्रधान दंडाधिकारी ने सभी थाना प्रभारी एवं बाल कल्याण पुलिस पदाधिकारी को संबोधित करते हुए किशोर न्याय अधिनियम में कई धाराओं को उल्लेख किया और बताया कि पेटी आॅफेंस एवं सीरियस आॅफेंस मामलों में केवल संदेह के आधार पर बच्चों को विधि विवादित नहीं मानेंगे, विधि विवादित बच्चों के मामले में उम्र का निर्धारण हेतु जेजे एक्ट धारा -94 का अनुपालन किया जाना है।

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राज्य परामर्शी सह प्रशिक्षक शाहिद जावेद द्वारा जेजे एक्ट 2015 के विभिन्न धाराओं एवं इसमें व्यावहारिक अनुप्रयोग को लेकर विस्तार से चर्चा की गई। साथ ही सैफुर रहमान द्वारा पास्को एक्ट पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए एवं इसके अधीन संचालित मामलों में त्वरित प्रक्रिया से अवगत कराते हुए बताया कि पास्को मामले में 24 घंटे के अंदर बाल कल्याण समिति को एफआईआर की कॉपी अनिवार्य रूप से उपलब्ध कराई जानी है। कार्यक्रम के अंत में नेहा कुमारी द्वारा उपस्थित सभी अतिथियों एवं प्रतिभागियों को धन्यवाद ज्ञापन करते हुए कहा कि बच्चों के देख रेख एवं संरक्षण की जरूरतमंद तथा विधि विवादित बच्चों के संरक्षण हेतु जिला बाल संरक्षण इकाई एक नोडल इकाई है।

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जिला में बाल कल्याण समिति, किशोर न्याय बोर्ड, पर्यवेक्षक गृह, बालगृह तथा विशिष्ट दत्तक ग्रहण संस्थान संचालित है। उन्होंने कहा कि जिले के सभी पुलिस थानों में चाइल्ड फ्रेंडली कॉर्नर बनाया जा चुका है। साथ ही बाल कल्याण पुलिस पदाधिकारी नामित है, उन्होंने बताया कि जिला में संस्थानिक के अलावा गैर संस्थानिक स्तर पर विभिन्न योजनाओं एवं कार्यक्रमों को जिले में की जा रही है दत्तक ग्रहण, चाइल्ड हेल्प लाईन-(1098/112) पोक्सो एक्ट आदि का जिले में बैनर, फ्लेक्स नुक्कड़ नाटक, सोशल मीडिया आदि के माध्यम से प्रचार प्रसार की जा रही है। बाल श्रम आदि रेस्क्यू अभियान नियमित रूप से चलाई जा रही है, परवरिश योजना में 643 लाभुकों को लाभ दी जा रही है। उन्होंने बाल संरक्षण संबंधित सभी हिटतधारकों से संवेदनशीलता के साथ काम करने की अपील की।

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