अस्पतालों में आउटडोर के साथ साथ मरीजों को इंडोर की भी पर्याप्त सुविधा मिले: डीएम। Voice of Darbhanga
दरभंगा: अस्पतालों में उपलब्ध संसाधनों से मरीजों को हर संभव मदद पहुंचाई जाए तथा उनका बेहतरीन तरीके से इलाज किया जाए । जिलाधिकारी डॉ चंद्रशेखर सिंह ने समाहरणालय स्थित बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर सभागार में स्वास्थ्य विभाग की मासिक समीक्षात्मक बैठक में उक्त निर्देश दिए । उन्होंने कहा कि आउटडोर के साथ साथ मरीजों को इंडोर की भी पर्याप्त सुविधा मिले इसे भी सुनिश्चित करने की जरूरत है। समीक्षा में पाया गया कि इंडोर इलाज में अलीनगर सबसे आगे एवं गौरा बौराम सबसे पीछे है। ओपीडी में गौरा बौराम की स्थिति सबसे अच्छी तथा बिरौल की स्थिति सबसे खराब पाई गई। सभी चिकित्सा प्रभारियों को लक्ष्य के अनुरूप उपलब्धि सुधारने का निर्देश दिया गया।
अस्पतालों में प्रसव की संख्या को और बढ़ाने के लिए जागरूकता पर विशेष फोकस करने को कहा गया। जिलाधिकारी ने कहा कि संस्थागत प्रसव होने से शिशु एवं मातृ मृत्यु दर पर काफी अंकुश लगाया जा सकता है। सिविल सर्जन ने सभी चिकित्सा प्रभारियों को निर्देश दिया कि अस्पतालों में अनेस्थेसिस्ट तथा सर्जन की जरूरत है तो उसकी मांग करें पर सभी अस्पतालों में सिजेरियन ऑपरेशन जरूर सुनिश्चित करावें। बैठक में जननी बाल सुरक्षा अभियान के बचे हुए भुगतान को भी समय पर कर देने का निर्देश दिया गया। प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारियों ने एंबुलेंस के ठीक से कार्यरत नही रहने की शिकायत की। सिविल सर्जन ने एंबुलेंस के सर्विस प्रोवाइडर के विरुद्ध विभाग को सूचित करने की बात कही। जिलाधिकारी ने निर्देश दिया कि चाहे जिस तरह से व्यवस्था की जाए एंबुलेंस की स्थिति को सुधारें।
अंतरा गर्भनिरोधक सुई से अधिक से अधिक महिलाओं को लाभान्वित कराने के लिए जागरूकता कार्यक्रम पर ध्यान देने को कहा गया । इस सुई से लाभान्वित कराने में सिंघवारा सबसे आगे एवं मनीगाछी सबसे पीछे पाए गए। प्रसव पूर्व जांच एवं आवश्यक टीकाकरण पर विशेष रुप से ध्यान देने का निर्देश सभी प्रखंड चिकित्सा पदाधिकारियों को दिया गया। उन्हें कहा गया कि एएनएम तथा आशा एवं आंगनवाडी के माध्यम से चारों ए एन सी समय पर सुनिश्चित करावे।
बैठक में नियमित टीकाकरण अभियान को और प्रभावकारी ढंग से चलाने पर का भी निर्देश दिया गया। प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान, राष्ट्रीय बाल सुरक्षा कार्यक्रम व आयुष्मान भारत अभियान से संबंधित लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए सभी संबंधित पदाधिकारियों को और परिश्रम करने को कहा गया।
समीक्षा के क्रम में पाया गया है कि जिला में आशा कर्मियों के 400 पद रिक्त हैं। जिलाधिकारी ने प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारियों को निर्देश दिया कि वे शीघ्र संबंधित प्रखंडों में आशा कर्मियों का नियोजन सुनिश्चित कर लें। बैठक में बहेरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में उपलब्ध सुविधाओं एवं कार्य प्रणाली से संबंधित प्रेजेंटेशन भी दिखाया गया।
इस अवसर पर सिविल सर्जन डीएमसीएच के अधीक्षक जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी तथा सभी प्रखंड प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी हेल्थ मैनेजर एवं यूनिसेफ के प्रतिनिधि आदि उपस्थित थे
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