महाराजाधिराजा की जयंती पर विश्वविद्यालय परिसर में उनकी आदमकद प्रतिमा का हुआ अनावरण।
दरभंगा: विकास का सबसे बड़ा मापक शिक्षा है। सामूहिक रूप से लिये गये निर्णय के अनुसार कार्य करना बेहतर होता है। महाराजा स्व. डॉ. सर कामेश्वर सिंह शिक्षा, स्वास्थ्य एवं रोजगार के प्रति लोक कल्याणकारी एवं बेहतरीन सोच के धनी व्यक्तित्व थे। उनके चिंतन, दर्शन एवं कार्य सराहनीय हैं। ये बातें ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सुरेन्द्र प्रताप सिंह ने कही।
वे सोमवार को महाराजाधिराज की 116वीं जयंती के अवसर पर उनकी आदमकद प्रतिमा का अनावरण करने के बाद अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। कुलपति ने कहा कि महाराजा की बोलती हुई प्रतीत होने वाली मूर्ति दोनों विश्वविद्यालयों के प्रवेश स्थल पर स्थापित होना प्रसन्नता की बात है। उन्होंने विवि की ओर से शुभकामनाएं देते हुए मूर्ति की स्थापना में सहयोग करने वाले सभी व्यक्तियों के प्रति कृतज्ञता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि एक ही परिसर कामेश्वरनगर में दो विश्वविद्यालयों की स्थापना और संचालन अन्यत्र दुर्लभ है। हरेक सृजन कार्य का हमेशा पहले विरोध होता है, परंतु संघर्ष से ही स्थायी उपलब्धियां प्राप्त होती हैं।
कुलपति ने विश्वविद्यालय में नवनिर्मित एडवांस रिसर्च सेंटर का फीता काटकर उद्घाटन करते हुए कहा कि बिहार के विश्वविद्यालयों में लनामि विवि प्रथम विश्वविद्यालय है, जहां एडवांस रिसर्च सेंटर प्रारंभ हो रहा है। इसका लाभ विवि के शिक्षकों व शोधार्थियों के साथ ही अन्य लोगों को भी मिलेगा। ई- लाइब्रेरी से बिना शुल्क तथा सशुल्क स्तरीय जर्नलों एवं पुस्तकों को एक क्लिक के माध्यम से शिक्षक व शोधार्थी घर बैठे लाभ उठा सकेंगे।
कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विवि के कुलपति प्रो. शशिनाथ झा ने कहा कि बड़े हर्ष की बात है कि दानवीर कर्ण सदृश महाराजा कामेश्वर सिंह की मूर्ति का अनावरण विवि परिसर में हुआ है, जिसका हम लोग काफी दिनों से इंतजार कर रहे थे। कुलसचिव प्रो. मुश्ताक अहमद ने कहा कि महाराजा कामेश्वर सिंह की आदमकद प्रतिमा के अनावरण से आज विवि 50 वर्षों के ऋण से मुक्त हो रहा है। आज का दिन विवि के स्वर्णाक्षरों में लिखा जाएगा।
सीनेट सदस्य डॉ. बैद्यनाथ चौधरी बैजू ने कहा कि कुलपति ने महाराजा कामेश्वर सिंह के साथ ही गांधी जी की मूर्ति का भी अनावरण कर सराहनीय कार्य किया है। पूर्व विधान पार्षद प्रो. विनोद कुमार चौधरी ने मूर्ति अनावरण को खुशी का अवसर बताया। महाराजा के पौत्र रत्नेश्वर सिंह ने कहा कि आज महाराज परिवार के लिए अत्यंत खुशी की बात है कि उनकी मूर्ति की स्थापना दोनों विश्वविद्यालय के संगम स्थल पर हुई है।
इस अवसर पर कुलपति प्रो. सिंह ने विश्वविद्यालय परिसर में नवनिर्मित एडवांस रिसर्च सेंटर का भी उद्घाटन किया। कुलपति ने सेंटर के विभिन्न सेलों के कोऑर्डिनेटरों तथा संबंधित अधिकारियों से विशेष जानकारियां प्राप्त की । मौके पर सांसद डॉ. गोपाल जी ठाकुर, वित्त समिति के सदस्य गोपाल चौधरी, सामाजिक विज्ञान संकायाध्यक्ष प्रो. जितेन्द्र नारायण, विज्ञान संकायाध्यक्ष प्रो. शिशिर कुमार वर्मा, मानविकी संकायाध्यक्ष प्रो. एके बच्चन, पूर्व कुलसचिव प्रो. अजीत कुमार सिंह, डब्ल्यूआई टी के निदेशक प्रो. विमलेन्दु शेखर झा, परीक्षा नियंत्रक डॉ. आनंद मोहन मिश्र, कई विभागाध्यक्ष आदि उपस्थित थे। स्वस्ति वाचन गंधर्व ने किया। डीडीई के निदेशक प्रो. अशोक कुमार मेहता के संचालन में आयोजित कार्यक्रम में धन्यवाद ज्ञापन प्रो. अजय नाथ झा ने किया।
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