Home Featured सिद्धेश्वर नाथ मंदिर में हजारों भक्त करेंगे जलाभिषेक, धूमधाम से मनाया जाएगा शिव पार्वती का परिणय उत्सव।
February 20, 2020

सिद्धेश्वर नाथ मंदिर में हजारों भक्त करेंगे जलाभिषेक, धूमधाम से मनाया जाएगा शिव पार्वती का परिणय उत्सव।

दरभंगा: जिले के मनीगाछी प्रखंड के टटुआर पंचायत अंतर्गत विशौल गांव में अवस्थित अति प्राचीन श्री श्री 108 बाबा सिद्धेश्वरनाथ महादेव मंदिर में महाशिवरात्रि के पावन अवसर पर सिमरिया से पैदल एवं मोटर वाहन से गंगाजल लाने वाले हजारों कमरथुआ शुक्रवार को जलाभिषेक करेंगे। खास बात यह कि इस बार शिवरात्रि के अवसर पर ग्रहों एवं नक्षत्रों के बनने वाले शुभ फलदायी योगों के बीच शिव भक्तों को बाबा सिद्धेश्वर नाथ के साथ ही, बीते माह इस परिसर में स्थापित की गई माता पार्वती की प्रतिमा पर भी जलाभिषेक करने का सुअवसर प्राप्त होगा। बृहस्पतिवार को गांव के युवाओं ने मंदिर के सभी पहुंच पथों की साफ-सफाई की।
मंदिर प्रबंधन समिति के अध्यक्ष प्रो जीवकांत मिश्र एवं सचिव विद्यानंद झा के अनुसार शुक्रवार की सुबह 108 कुंवारी कन्याओं द्वारा भव्य शोभायात्रा निकालकर महाशिवरात्रि महोत्सव की विधिवत शुरुआत की जाएगी। तदुपरांत सिमरिया से पैदल गंगाजल लेकर आ रहे कांवरियों की गांव के सीमा पर स्वागत कर उन्हें गाजे-बाजे व शिव-बारात के मनोरम झांकियों के साथ मंदिर परिसर में जलाभिषेक करने के लिए लाया जाएगा। उन्होंने बताया कि महाशिवरात्रि के मौके पर हर बार की तरह इस बार भी संजय पुरोहित की अगुवाई में बाबा सिद्धेश्वर नाथ की चारों पर विशेष पूजा अर्चना की जाएगी तथा संध्या के समय गर्भगृह में स्थापित शिवलिंग का सुगंधित फूलों की मालाओं से भव्य श्रृंगार किया जाएगा। उन्होंने बताया कि मिथिला में शिवरात्रि महापर्व शिव विवाह के रूप में मनाए जाने की परंपरा रही है। इसलिए बाबा सिद्धेश्वर नाथ एवं माता पार्वती का विवाह उत्सव धूमधाम से मनाया जाएगा। इस रस्म को शुक्रवार की रात पूरा किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि मंदिर परिसर में ग्रामीण योगेंद्र झा द्वारा अपनी माता की स्मृति में स्थापित पार्वती मंदिर व ग्रामीण इंद्रकांत झा की पुण्य स्मृति में उनके पुत्रों द्वारा निर्मित बाबा सिद्धेश्वर नाथ मंदिर का भव्य प्रवेश द्वार भक्तों के विशेष आकर्षण के केंद्र में है। इसे और अधिक आकर्षक बनाने के लिए मंदिरों व प्रवेश द्वार की सजावट फूल मालाओं के साथ ही बिजली बल्ब और झालरों से की गई है। 1763 शाके की चैत्र शुक्ल दशमी वृहस्पति को महान शिव उपासक सिद्धेश्वरनाथ मिश्र द्वारा स्थापित इस मंदिर के जीर्णोद्धार के बाद लगातार 38वें साल आयोजित हो रहे महाशिवरात्रि महोत्सव को भक्तिमय बनाने के लिए प्रो परमानंद झा के सौजन्य से विगत 19 फरवरी से ही श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ तथा भजन संध्या का आयोजन किया जा रहा है। शिवरात्रि महोत्सव के दौरान स्मारिका विमोचन के साथ ही अनेक साहित्यिक एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।

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