Home Featured तानाशाही की भाषा छोड़ हड़ताली शिक्षक के साथ सम्मानपूर्वक वार्ता करे नीतीश सरकार: माले।
February 22, 2020

तानाशाही की भाषा छोड़ हड़ताली शिक्षक के साथ सम्मानपूर्वक वार्ता करे नीतीश सरकार: माले।

जाले: भाकपा(माले) की जाले प्रखण्ड कमिटी के नेतृत्व में हड़ताली शिक्षकों से सम्मानपूर्वक वार्ता कर शिक्षण संस्थान को पुर्नर बहाल करने, हड़ताली शिक्षक पर दमनात्मक कार्रवाई पर रोक लगाने की मांग को लेकर चहटा कामतौल रेलवे गुमती से प्रतिवाद मार्च निकल कर भोला टॉकीज, डाकघर, कामतौल बाजार होते हुए भगतसिंह चौक पर पहुंच कर सभा मे तब्दील हो गया। मार्च का नेतृत्व प्रखण्ड सचिव ललन पासवान, मो गौस, राजू पासवान कर रहे थे। वहीं भगतसिंह चौक पर सभा को सम्बोधित करते हुए भाकपा-माले के दरभंगा जिला कमिटि सदस्य देवेन्द्र कुमार ने कहा है कि छात्र हित में हड़ताली शिक्षकों के हड़ताल को समाप्त करवाने की दिशा में बिहार सरकार को तत्काल पहल लेनी चाहिए. बिहार सरकार को शिक्षकों के प्रति दमनात्मक रूख अपनाने, उन्हें सेवा से बर्खास्त कर देने की धमकी देने जैसे तानाशाही व्यवहार से बाज आना चाहिए. शिक्षकों की मांग हर लिहाज से जायज है. इसलिए धमकी की भाषा छोड़कर सरकार तत्काल हड़ताली शिक्षकों से वार्ता करे और इस संकट का हल निकाले. वहीं प्रखण्ड सचिव ललन पासवान ने कहा कि सरकार पहल कर समान काम का समान वेतन की घोषणा नही करेगा तो 25 फरवरी को विधानसभा मार्च का इसे मुद्दा बनाया जाएगा। नेताओं ने कहा कि कल 23 फरवरी को आरक्षण के साथ केन्द्र सरकार की खिलवाड़ नीति के खिलाफ भारत बन्द का पूर्ण समर्थन किया जाएगा।

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