Home Featured फोटोग्राफी से समझ में आनी चाहिए कहानी : मांडेरकर।
February 27, 2020

फोटोग्राफी से समझ में आनी चाहिए कहानी : मांडेरकर।

दरभंगा: ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के गांधी सदन सभागार में दरभंगा में पहली बार फोटोग्राफी के क्षेत्र में जागरूकता पैदा करने के उद्देश्य से एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में विश्व प्रसिद्ध गोवा के आशय मांडेरकर ने फोटोग्राफी के महत्व को बताते हुए वन्यजीवों की तस्वीरों का प्रदर्शन करते हुए बेहतर फोटोग्राफी के संबंध में कई महत्वपूर्ण जानकारियां दी। इस क्रम में उन्होंने कहा कि फोटोग्राफी ऐसी होनी चाहिए कि उसमें आपकों पूरी कहानी समक्ष और दिखनी भी चाहिए। बेहतर फोटोग्राफी के लिए समय का निर्धारण अति महत्वपूर्ण है। इसी क्रम में उन्होंने विलुप्त बाघों की घटती प्रजाति की चर्चा करते हुए स्पष्ट किया कि जिस प्रकार इंसानों के हाथों की लकीर अलग-अलग होती है। उसी प्रकार बाघों के खालों पर भी बनी लकीड़े अलग-अलग होती है। इससे हमें उनके कुल जनसंख्याओं का पता चलता है। कार्यक्रम का उद्घाटन कुलसचिव कर्नल निशीथ कुमार राय ने किया। उन्होंने कहा कि ऐसे कार्यशालाओं को पाठ्यक्रम का रूप देना चाहिए। जिससे छात्र एवं छात्राओं को फोटोग्राफी की जानकारी मिल सके। दुरस्थ शिक्षा के उपनिदेशक डॉ. शम्भु प्रसाद ने कहा कि ऐसे कार्यशालाओं का होना सही रूप में दिशा प्रदर्शित करता है। इस मौके पर महाराजाधिराज लक्ष्मीश्वर सिंह संग्रहालय के चंद्रप्रकाश, उपनिदेशक फवाद गजाली, सहायक निदेशक संतोष कुमार, मुरारी कुमार झा आदि उपस्थित थे। फोटोग्राफर आशय मांडेरकर ने विश्वविद्यालय के शोध संस्थान, माधवेश्वर प्रांगण, मोती महल, राजकिला, चौरंगी आदि जगहों का अवलोकन भी किया।

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