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December 18, 2020

सरकार की सबसे महत्वपूर्ण एवं महत्वाकांक्षी योजना है नल जल योजना: मंत्री।

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दरभंगा: समाहरणालय परिसर अवस्थित अम्बेडकर सभागार में बिहार सरकार के लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग द्वारा आयोजित प्रमंडल स्तरीय हर घर नल का जल योजना की समीक्षा बैठक में लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग के मंत्री डॉ0 रामप्रीत पासवान ने शिरकत की।
मंत्री ने बैठक को संबोधित करते हुए सभी को अपनी शुभकामनाएं दी और कहा कि हम ग्रामीण क्षेत्र से आते हैं और यह भली-भांति जानते हैं कि यह योजना ग्रामीण क्षेत्र की जनता के लिए कितनी उपयोगी है। इस योजना से लोगों को पीने को शुद्ध जल प्राप्त हो रहा है।
सरकार कि यह सबसे महत्वपूर्ण एवं महत्वकांक्षी योजना है और इसका शत-प्रतिशत क्रियान्वयन सरजमीं पर दिखना चाहिए।
यह सत्य है कि इस योजना में बहुत काम हो रहा है और कहीं-कहीं बहुत अच्छा काम हो रहा है, कहीं कुछ त्रुटियां भी पाई जा रही है। उन्होंने कहा कि हमारा उद्देश्य है कि गांव के लोगों को शुद्ध पानी मिले। यदि कहीं किसी योजना में कुछ कमी है या परेशानी है तो उससे विभाग को अवगत करावें, गलत डाटा पेश ना करें, इससे सरकार की बदनामी होती है।
उन्होंने कहा कि कहीं कहीं ऐसा भी देखा जा रहा है कि जल मीनार बन गया है, लेकिन पाइप नहीं बिछा है। कहीं पानी चल रहा है, लेकिन नल नहीं लगा है। इस योजना में संवेदक को 5 साल तक अपनी योजनाओं का मेंटेनेंस करना है, आप उनसे काम करावें। आप ऐसा काम करें कि आप को सम्मानित किया जाए।
उन्होंने कहा कि यह भी सही है कि विभाग में मानव बल की कमी है। इसके लिए रिक्त पदों को भरने की पहल कर दी गई है।
लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण के सचिव द्वारा मंत्री एवं बैठक में उपस्थित आला अधिकारियों का हार्दिक स्वागत किया गया।
दरभंगा प्रमंडल के आयुक्त मयंक वरबड़े ने कहा कि दरभंगा प्रमंडल में नल-जल योजना का क्रियान्वयन अच्छी तरह से किया गया है। कहीं कहीं कुछ समस्या आती रही है। लेकिन, उनका निराकरण भी किया जाता रहा है। बाढ़ के दौरान सचिव के द्वारा दरभंगा प्रमंडल का भ्रमण किया गया था, जिसके कारण भी यहां की प्रगति अच्छी रही।
बैठक में जिलाधिकारी दरभंगा ने कहा कि विगत माह में नल जल की 38 योजनाओं की जांच कराई गई थी, जिनमें से 30 पूर्णतः चालू पाया गया 04 आंशिक रूप से कार्यरत था और 4 योजना कुछ कारनों से बंद पाया गया। कहीं ऑपरेटर की कमी थी तो कुछ और समस्याएं थी।
उन्होंने कहा कि शहरी क्षेत्र में दो योजनाओं पर काम चल रहा हैं, जिनमें अभी तक पाइप कनेक्शन नहीं किया गया है।
कुछ योजनाएं ऐसी हैं जिन्हें नगर निकाय को हस्तांतरित नहीं किया गया है जिसके कारण मेंटेनेंस की समस्या उत्पन्न हो रही है।
बिरौल में बरही पंचायत में आर्सेनिक पाया जाता है, वहां के लोगों को इससे गंभीर बीमारी होने की शिकायत मिल रही है, वहाँ आर्सेनिक प्लांट लगाया गया था, लेकिन कार्यरत नहीं हो सका है। इसे चालू करवाने की जरूरत है।
समीक्षा क्रम में दरभंगा जिला के पीएचईडी के कार्यपालक अभियंता ने बताया कि दरभंगा के 324 पंचायतों में से 44 पंचायतों के 625 वार्डों में से उन्हें 322 वार्डों में जलापूर्ति करने का लक्ष्य दिया गया था, जिनमें से 301 वार्डों में कार्य पूर्ण कर लिया गया है।
पीएचईडी के कार्यपालक अभियंता, मधुबनी द्वारा बताया गया कि मधुबनी जिला के 399 पंचायतों में से 56 पंचायतों के 802 वार्डो में से 678 वार्ड में जलापूर्ति करने का लक्ष्य पीएचईडी को दिया गया था, जिनमें से 661 वार्डों में कार्य पूर्ण कर लिया गया है।
समस्तीपुर के कार्यपालक अभियंता,पीएचईडी ने बताया कि समस्तीपुर के 381 पंचायत में से 167 पंचायतों के 5210 वार्डों में से 1570 वार्डों में जलापूर्ति करने का लक्ष्य पीएचईडी को दिया गया था, जिनमें से 1450 वार्डों में कार्य पूर्ण कर लिया गया है।
सचिव, पीएचईडी द्वारा कनीय अभियंतावार समीक्षा के दौरान पाया कि वास्तविक रूप से पूर्ण बताए जा रहे योजनाओं में से अभी भी 10% योजनाओं में कुछ समस्या के कारण योजना अकार्यरत है। उन्होंने वैसी योजनाओं को 31 दिसंबर तक चालू कराने के निर्देश दिए।
उन्होंने सभी उप विकास आयुक्त को नियमित रूप से नल-जल योजना की समीक्षा करने के निर्देश दिए।
उन्होंने कहा कि यदि संवेदक द्वारा निर्धारित अवधि में कार्य नहीं किया गया तो विलंब के लिए कुल प्राक्कलित राशि में से 10% राशि की कटौती जुर्माना के रूप में की जाए।
उन्होंने बैठक में उपस्थित अधीक्षण अभियंता एमसी झा को समस्तीपुर के लंबित योजनाओं की समीक्षा करने तथा मुख्य अभियंता एसपी शूर को बेनीपुर की योजना की जांच करने के निर्देश दिए।
उन्होंने सभी कार्यपालक अभियंता को पूर्ण योजनाओं की सूची अपने-अपने जिलाधिकारी को उपलब्ध कराने के निर्देश दिए और जिलाधिकारी से अनुरोध किया गया कि वह चरणवार इन योजनाओं की जांच करा ली जाए।
उन्होंने उपस्थित सभी कनीय अभियंताओं को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि किसी योजना को कागज में पूर्ण दिखाया गया है और वास्तविक रूप में वहां पानी नहीं चल रहा है, तो वे सीधे निलंबित किए जाएंगे।
उन्होंने नल जल के लाभार्थियों के किचन में या उनके दरवाजे पर लगे पाइप में पीतल के आई एस आई मार्का वाला पीतल का नल लगवाने तथा उनसे रिसीविंग कराने के निर्देश दिए।
उन्होंने कहा कि नल जल की कोई योजना अकार्यरत है तो संबंधित संवेदक पर 2000 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से जुर्माना करने का प्रावधान है। वैसी अकार्यरत योजनाओं के लिए संबंधित संवेदक पर निश्चित रूप से जुर्माना किया जाए।
बैठक में मुख्य अभियंता, लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग, बिहार, अधीक्षण अभियंता, दरभंगा प्रमंडल, उप विकास आयुक्त, समस्तीपुर, उप विकास आयुक्त, मधुबनी, उप निदेशक जन संपर्क,दरभंगा प्रमंडल एवं तीनों जिला के पीएचईडी के कार्यपालक अभियंता, सहायक अभियंता, सहायक अभियंता एवं कनीय अभियंता उपस्थित थे।

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