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April 4, 2021

दरभंगा की पहचान है डीएमसीएच: मंत्री।

दरभंगा: दरभंगा की पहचान दरभंगा मेडिकल कॉलेज सह अस्पताल से है। यदि दरभंगा से डीएमसीएच को माइनस कर लें तो यहां क्या बचता है। आज न एम्स और एयरपोर्ट की बात हो रही है। लेकिन, डीएमसीएच से दरभंगा की पहचान है। इसका ग्लोबल प्रेजेंस हैं। इसे इग्नोर करके को नया संस्थान कैसे आकार ले सकता है। डीएमसीएच का स्वर्णिम इतिहास रहा है। इसके अस्तित्व पर कोई सवाल ही नहीं है। जबतक हम कोई बड़ी लकीर खींचने की कोशिश नहीं करेंगे तबतक समग्रता में विकास की परिकल्पना कैसे करेंगे। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पटना के बराबर डीएमसीएच को मानते हैं। यह उन्हीं की सोच है कि आज यहां एम्स आकार ले रहा है। एयरपोर्ट से लोग उड़ान भर रहे हैं। भारत सरकार ने तय किया कि बिहार में दूसरे एम्स का निर्माण हो, तो नीतीश कुमार ने इसके लिए दरभंगा को चुना। इसके लिए कई जगहों से डिमांड आ रही थी। लेकिन, मुख्यमंत्री जी का दरभंगा और मिथिला से प्रेम है कि उन्होंने एम्स का निर्माण दरभंगा में कराने का फैसला किया। आज एम्स निर्माण की दिशा में काम चल रहा है।
उपरोक्त बातें सूबे के जल-संसाधन सह सूचना व जनसंपर्क विभाग के मंत्री संजय झा ने रविवार को दरभंगा मेडिकल कॉलेज सह अस्पताल के अतिथि गृह में चिकित्सकों से संवाद करते हुए कही। वे यहां चिकित्सकों द्वारा आयोजित सम्मान सह अल्पाहार कार्यक्रम में भाग लेने पहुंचे थे। इससे पहले दरभंगा मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. केएन मिश्रा व अन्य वरीय चिकित्सकों ने उन्हें मिथिला की परंपरा के अनुरूप पाग व चादर देकर सम्मानित किया। साथ ही डीएमसीएच के स्वरूप को पहले से बेहतर बनाने और एम्स स²श करने की अपील की।

मंत्री ने एयरपोर्ट की चर्चा करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उड़ान स्कीम के तहत बिहार में दो एयरपोर्ट आरंभ करने का फैसला लिया। बिहार सरकार को तय करना था कि एयरपोर्ट कहां संचालित होगा। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस दिशा में फिर दरभंगा का चयन किया। एक एयरपोर्ट दरभंगा में और दूसरा पूर्णिया में। आज दरभंगा एयरपोर्ट देश में उड़ान योजना के तहत खुले सभी एयरपोर्ट में बेहतर स्थिति में है। इसकी घोषणा दो साल पहले ही सीएम ने दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में की थी। तत्कालीन केंद्रीय मंत्री सुरेश प्रभु और मुख्यमंत्री जी इस एयरपोर्ट की आधारशिला रखी थी। एविएशन के लोगों से मेरी पहचान थी। मैं स्पाइस जेट के अधिकारियों को लेकर आया। यहां आज सेवा आरंभ है। जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया भी शीघ्र पूरी की जाएगी। इसके लिए निर्धारित एयरफोर्स कमेटी की अनुशंसा मिलने भर की देरी है। जिस तरह से एयरपोर्ट का विकास हो रहा है। यह एक क्रांति है। अगले पांच साल में विकास के मामले में पटना के बाद दूसरा शहर होगा दरभंगा। एयरपोर्ट की सुरक्षा के लिए लाए काननू तो हुआ विरोध

मंत्री ने कहा- एयरपोर्ट की सुरक्षा में सीआइएसएफ की तैनाती होती है। लेकिन, बिहार में जब एयरपोर्ट की संख्या बढ़ी और यात्रियों की आवाजाही बढ़ रही है। निकट भविष्य में निवेश बढ़ेगा। औद्योगिक संरचनाएं आकार लेगीं तो इसके लिए जरूरी होगी बेहतर सुरक्षा। इसके लिए बिहार सैन्य पुलिस को बदलकर बिहार सशस्त्र पुलिस किया गया और कानून लाए गए तो विपक्ष ने बिना पढ़े हंगामा किया। बिना जाने बिना पढ़े हंगामा हुआ। अब कोई नहीं बोल रहा। यह कानून सुरक्षा को पुख्ता बनाएगा। हमारे एयरपोर्ट की सुरक्षा में लगे बीएमपी के जवान व अधिकारियों को तात्कालिक कार्रवाई करने में सहूलियत होगी।

मंत्री ने कहा- फिलहाल एक ही कंपनी के विमान दरभंगा एयरपोर्ट से उड़ान भर रहे हैं। लेकिन, शीघ्र अन्य कंपनियों की सेवा यहां से शुरू हो जाएगी। इंडिगो ने अपना शेड्यूल आदि तैयार कर रखा है। एयरफोर्स से सहमति मिलने के साथ ही यह कंपनी भी सेवा देने लगेगी। इसी के साथ जब दो तीन कंपनियां सेवा देने लगेंगी तो यात्री सुविधाओं में इजाफा होगा और किराया भी कम लगेगा।

मंत्री ने जल संसाधन विभाग की चर्चा करते हुए कहा- तमाम विकास के काम होंगे। लेकिन, जबतक बाढ़ के प्रभाव को कम नहीं किया जाता समग्र विकास नहीं हो सकता। हालांकि, इस क्षेत्र में बाढ़ की त्रासदी का बड़ा कारण नेपाल से आनेवाला अनियंत्रित जल-प्रवाह है। इसे नियंत्रित करने के लिए आधुनिक तकनीक के उपयोग पर हम काम कर रहे हैं। जयनगर में एक बराज का निर्माण हो रहा है। इसके लिए टेंडर हो चुका है। निर्माण कार्य आरंभ है। अगले दो तीन साल में यह बनकर तैयार हो जाएगा। इसके बाद करीब 60 फीसद पानी नियंत्रित होकर निकलेगा और इलाके के लोगों को बाढ़ से मुक्ति मिल जाएगी।
मौके पर पूर्व कुलपति डॉ. एसपी सिंह, प्राचार्य डॉ. केएन मिश्रा, पूर्व प्राचार्य डॉ. एचके झा, अधीक्षक डॉ. मणिभूषण शर्मा, डॉ. सीएम झा, डॉ. जीएम झा, डॉ. डीएन झा, डॉ. अजीत चौधरी, डॉ. डीएन झा, डॉ. संतोष मिश्रा, पूर्व अधीक्षक डॉ. आरआर प्रसाद समेत बड़ी संख्या में डीएमसीएच के चिकित्सक व प्रबुद्धजन मौजूद थे।

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