दरभंगा में लॉकडाउन के नाम पर गाली देने और नाबालिग को पीटने से भी नही चूक रहे अधिकारी!
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दरभंगा: लॉकडाउन की सख्ती का दरभंगा में आलम यह हो चला है कि पुलिस ही नही, प्रखंड के जिम्मेवार अधिकारी खुद बीडीओ साहब भी गालियां देने में परहेज नही करते। गरीब एवं छोटे मोटे बाइक, ऑटो, रिक्शा चालक आदि पर लाठी डंडे चलाने का तो जैसे लॉकडाउन में अधिकारियों को खुला लाइसेंस मिल जाता है। पर किसी बड़े गाड़ी वाले या बड़ा रुतबा रखने वाले पर इनकी लाठी शायद ही उठती हो।
जिले के हायाघाट के प्रखंड विकास पदाधिकारी राकेश कुमार तो कर्तव्यपरायणता की सारी हदें पार करते दिख रहे हैं। लॉकडाउन का अनुपालन किस कदर गंभीरता से करवाते हैं, इसका उदाहरण हाल ही में एक नवविवाहित जोड़े को बिना मास्क रोककर भी इन्होंने दिखाया था।
शुक्रवार को एक और वीडियो इनकी इसी प्रकार की वीरता का सामने आया है।
दरअसल गुरुवार को क्षेत्र भ्रमण में निकले बीडीओ साहब ऑटो वाले से उठक बैठक लगवाते और साथ चल रहे पुलिस वाले से उसे पिटवाते भी दिख रहे हैं। आगे एक कार वाले को रोककर उसी से कार की हवा निकलवाते दिखे। चूंकि कार वाले का स्टेंडर्ड ऑटो वाले से ज्यादा हाई लगा होगा, इसलिए उठक बैठक या पिटाई नही करवाये। एक नाबालिग बच्चा दुकान बंद करते हुए रो रहा था। उसने कैमरे पर बताया कि अपने कटघरे की दुकान खुले रखने के कारण साहब लोगों ने उसे पीटा है।
लॉकडाउन में मानवाधिकार हनन तो सामान्य सी बात दिख ही रही थी। अब नाबालिग की पिटाई भी यदि होने लगे तो कोई अतिश्योक्ति नही कि मानवाधिकार संगठनों की तरह बाल अधिकार संरक्षण केलिए बने संस्थान भी चुप ही रहें।
दरभंगा में अधिकारियों की ऐसी तत्परता देखकर लगता है जैसे बाजार खुलने के टाइम में उमड़ने वाली भीड़ से ज्यादा कोरोना तो शायद दुकानें बंद होने के बाद इक्का दुक्का चलने वाले लोगों से ज्यादा फैलता है शायद।
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