Home Featured पैसों के खातिर बेटे का शव रोकने पर पीड़ित ने डीएम से लगायी गुहार, डीएम ने कर दी कारवाई।
June 2, 2021

पैसों के खातिर बेटे का शव रोकने पर पीड़ित ने डीएम से लगायी गुहार, डीएम ने कर दी कारवाई।

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दरभंगा: दरभंगा जिला के बहेड़ी थाना क्षेत्र अंतर्गत रजवाड़ा गांव के निवासी अजीत कुमार सिंह ने अपने पुत्र दिलीप अजीत सिंह को इलाज के लिए दरभंगा शहर के पारस ग्लोबल हॉस्पिटल में भर्ती करवाया जहां पर दिलीप अजीत कुमार सिंह की मौत हो गई। मृतक के पिता ने पारस ग्लोबल हॉस्पिटल पर इलाज में लापरवाही बरतने व ठीक से इलाज नहीं करने का आरोप लगाया है। इस संबंध में उन्होंने दरभंगा के जिलाधिकारी डॉ त्यागराजन एसएम को आवेदन भी दिया है।

जिलाधिकारी को दिए आवेदन में मृतक के पिता ने कहा कि, जब वे पारस हॉस्पिटल आए तो प्रारंभ में उन्हें इलाज के लिए चौदह हजार चार सौ रुपये बताया गया। लेकिन अस्पताल में बेटे को भर्ती करवाने के बाद विभिन्न तरह के चार्ज के नाम पर पैसों की मांग की जाने लगी। इसके बाद इलाज के दौरान उन्होंने दो लाख, तीस हजार पांच सौ रुपये दिए। इसके बावजूद इलाज में लापरवाही के कारण 29 मई की रात को करीब एक बजे उनके बेटे ने दम तोड़ दिया। बेटे की मृत्यु हो जाने के बाद जब उन्होंने अपने बेटे की लाश की मांग की तो उनसे और 67 हजार रुपये की मांग की गई। काफी गिड़गिड़ाने के बावजूद अस्पताल ने 67 हजार रुपये देने के बाद ही शव सौंपने की बात कही।
इसके पश्चात जब शव की अंत्येष्टि हेतु उन्होंने कबीर सेवा संस्थान से अपने बेटे की अंत्येष्टि की बात की। साथ ही संस्थान के संयोजक नवीन सिन्हा को अपने साथ घटे घटना का जिक्र किया।
नवीन सिन्हा के पहल पर मामला जिलाधिकारी के संज्ञान में लाया गया। जिलाधिकारी डॉ त्यागराजन एसएम ने मामले को त्वरित संज्ञान में लेते हुए पारस ग्लोबल हॉस्पिटल पर अधिक राशि वसूलने एवं हॉस्पिटल पर कार्रवाई करने को लेकर प्रेस रिलीज जारी किया है।

जिला प्रशासन द्वारा जारी संशोधित प्रेस रिलीज के अनुसार बताया गया है कि पारस ग्लोबल अस्पताल, दरभंगा में मृतक दिलीप अजीत सिंह जो 21 मई 2021 को पारस ग्लोबल अस्पताल में भर्ती हुए थे और 29 मई 2021 तक कुल 09 दिनों तक उनका इलाज पारस अस्पताल द्वारा किया गया।
मरीज की मृत्यु 29-30  माई के रात्रि 12:58 बजे हुई थी। मरीज के पिता अजीत कुमार सिंह द्वारा अधिक राशि वसूली का परिवाद पत्र दायर किया गया था। परिवाद की जांच के लिए जिलाधिकारी डॉ. त्यागराजन एस.एम द्वारा अपर समाहर्ता दरभंगा, की अध्यक्षता में अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी दरभंगा एवं सहायक निदेशक अल्पसंख्यक कल्याण, दरभंगा के साथ तीन सदस्यीय जांच कमेटी का गठन किया गया था।
जांच कमेटी द्वारा अपने जांच प्रतिवेदन में बताया गया है कि पारस ग्लोबल अस्पताल दरभंगा द्वारा मरीज का इलाज कोविड-19 के दिशा निर्देश के अनुसार नहीं किया गया है तथा अत्यधिक अनावश्यक दवाएं मरीज को दी गई।
अस्पताल द्वारा दो तरह का विपत्र बनाया गया औपबंधिक विपत्र एवं अंतिम विपत्र। औपबंधिक विपत्र 2 लाख 97 हजार 100 रुपये का एवं अंतिम विपत्र 2 लाख 30 हजार 500 रुपये का मृतक के संबंधी को दिया गया।
अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी दरभंगा ने बताया कि अस्पताल में भर्ती के दौरान मरीज का कोविड का एंटीजन या आरटीपीसीआर जांच नहीं की गई। लेकिन, अनेक प्रकार के हायर एंटीबायोटिक और एंटीफंगल दवा दी गई। बताया गया कि मरीज 03 दिन ही भेंडीलेटर पर था लेकिन 09 दिनों का चार्ज लिया गया।
इसके अलावा पी पी ई कीटस, फेस मस्क एन-95, ग्लबस, फेस शिल्ड, डिस्पोजेबल सिरिंच का चार्ज प्रतिदिन दर्शाया गया है।
जांच समिति द्वारा बताया गया है कि सरकार द्वारा कोविड-19 के इलाज के लिए निर्धारित दर के अनुसार अस्पताल का विपत्र 1 लाख 18 हजार रुपये का होता है। लेकिन, पारस अस्पताल प्रबंधन द्वारा मरीज के परिजन से 2 लाख 30 हजार रुपये वसूल किया गया।
इस प्रकार 1लाख 12 हजार रुपये मृतक के परिजन से अधिक वसूली गई है।
जांच कमेटी को मृतक के पिता अजित सिंह ने बताया कि पारस अस्पताल द्वारा न केवल अधिक राशि का विपत्र दिया गया बल्कि राशि चुकाने हेतु उनके साथ अभद्र व्यवहार भी किया गया।
जांच कमेटी द्वारा अपने अंतिम जाँच प्रतिवेदन में पारस ग्लोबल अस्पताल प्रबंधन से 1 लाख 12 हजार रुपये की वसूली करने व उसके विरुद्ध अनुशासनिक एवं विधिसम्मत कार्रवाई करने की अनुशंसा जिलाधिकारी से की गई है।

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