बाढ़ के कारण सड़क किनारे लाश जलाने को मजबूर हुए लोग, प्रशासन से समुचित व्यवस्था करने की मांग।
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दरभंगा: बाढ़ के कारण जहां एक तरफ मानव जीवन प्रभावित है, वहीं लाशों को जलाने की समस्या भी उतपन्न हो गयी है। शहर के एकमीघाट स्थित श्मसान घाट पूरी तरह से बाढ़ के पानी मे डूब चुका है। इस कारण लोग सड़क किनारे मुर्दा जलाने को विवश हैं। रविवार को भी कुछ ऐसा ही नजारा एकमीघाट के श्मसान के निकट देखने को मिला, जहां जिले के अति व्यस्ततम मार्ग दरभंगा-समस्तीपुर मुख्य सड़क के किनारे लोग अपनी जान को खतरे में डालकर मुर्दा जला रहे थे। दरभंगा से समस्तीपुर को जाने वाली इस व्यस्ततम मार्ग पर काफी संख्या में वाहनों की आवाजाही रहती है। बावजूद इसके लोग सड़क किनारे अपने परिजनों की लाश का अंतिम संस्कार करने को मजबूर हैं, क्योंकि श्मशान घाट पूरी तरह से बाढ़ के पानी में डूब गया है। दरअसल लहेरियासराय एवं आसपास में रहने वाली आबादी अपने सगे संबंधियों के मृत शरीर के दाह संस्कार के लिए एकमीघाट के ही श्मसान आते हैं। लेकिन बाढ़ के समय श्मसान पूरी तरह से डूब जाने के कारण लोगों को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
रविवार को कई मोहल्ले से लोग अपने परिजनों के लाश को लेकर अंतिम संस्कार करने के लिए एकमीघाट के श्मसान घाट पर पहुंचे। लोगों को शिकायत थी कि वे लोग मुर्दा को अपनी जान जोखिम में डालकर जला रहे हैं। लोगों ने सरकार व जिला प्रशासन से मांग किया कि मुर्दा जलाने के लिए लहेरियासराय में किसी सुरक्षित जगह व्यवस्था की जाय। साथ ही लोगों ने मांग किया कि जिस तरह दरभंगा के मुक्तिधाम में इलेक्ट्रिक उपकरण के द्वारा मुर्दे को जलाया जाता है, उसी प्रकार की व्यवस्था लहेरियासराय क्षेत्र में भी होनी चाहिए।
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