Home Featured डब्ल्यूआईटी को मां जानकी के नाम पर देश का पहला महिला भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान बनाने की मांग।
July 30, 2021

डब्ल्यूआईटी को मां जानकी के नाम पर देश का पहला महिला भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान बनाने की मांग।

दरभंगा: अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की ओर से शुक्रवार को कामेश्वर सिंह संस्कृत विश्वविद्यालय के दरबार हॉल में छात्रा संसद का आयोजन किया गया। सूबे में पहली बार आयोजित इस तरह के कार्यक्रम में प्रस्ताव पारित कर डब्ल्यूआईटी को मां जानकी के नाम पर देश का पहला महिला भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान बनाने की मांग की गई।

वक्ताओं ने डब्ल्यूआईटी की शुरुआती स्थिति को आगे भी बहाल रखने के विषय पर मिथिला की जानकी सदृश बेटियों ने स्वयं को स्वावलंबी बनाने वाले इस संस्थान की शुद्धता को बरकरार रखने की जरूरत पर बल दिया। प्रधानमंत्री के ‘बेटी पढ़ाओ-बेटी बचाओ वाक्य को सफलता का सूत्र मानते हुए छात्रा संसद ने सर्वसम्मति से यह प्रस्ताव पारित किया कि महिला प्रौद्योगिकी संस्थान की विशेष अद्यतन स्थिति को बहाल रखते हुए स्वावलंबन, कौशल विकास और स्त्री सशक्तीकरण की प्रतिमूर्ति जानकी के नाम पर देश का प्रथम महिला राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान अर्थात वीमेंस आईआईटी के तौर पर विकसित, संरक्षित और संवर्धित किया जाए। छात्रा संसद की शुरुआत राष्ट्रीय गीत वंदे मातरम के साथ एवं प्रसिद्ध वैज्ञानिक पूर्व राष्ट्रपति स्व. डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम एवं प्रसिद्ध वैज्ञानिक स्व. डॉ. मानस बिहारी वर्मा के चित्र पर पुष्पांजलि के साथ की गई। कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ. पूनम सिंह ने प्रोटेम स्पीकर के रूप में की।

सदन की नेता के तौर पर जया सिंह, विपक्ष की नेता के तौर पर ऋचा मृणाल और वक्ता के तौर पर डॉ. ममता कुमारी, संजना कुमारी, प्रिया सिंह, खुशबू कुमारी, अंकित झा, मानसी, प्रीति कुमारी, अमृता राय और निशी कुमारी थीं। कार्यक्रम का संचालन पूजा कश्यप ने किया। इस छात्रा संसद के माध्यम से विश्वविद्यालय के शैक्षणिक माहौल एवं ज्वलंत समस्या डब्ल्यूआईटी के मूल स्वरूप के साथ छेड़छाड़ करने पर सभी वक्ताओं ने पक्ष एवं विपक्ष में अपने विचार प्रोटेम स्पीकर के समक्ष रखे। छात्रा सांसद में प्रिया सिंह नामक ‘सांसद ने कहा कि मिथिला नारी सशक्तीकरण का संदेश पुरातन काल से विश्व को दे रही है। इस संदर्भ में यहां का डब्ल्यूआईटी नारी सशक्तीकरण के मार्ग को प्रशस्त कर रहा है। अंकिता नामक ‘सांसद ने कहा कि डब्ल्यूआईटी जैसे संस्थान पर कुठाराघात यहां का विद्वत समाज एवं मनीषियों के सपनों पर चोट करने जैसा है। इसके पक्ष में जया सिंह, सुषमा झा, खुशबू झा, अंकिता, पूजा कुमारी, संजना सिंह सहित कई छात्रा सांसदों ने विचार रखे। दूसरी ओर मानसी कुमारी नामक ‘सांसद ने कहा कि डब्ल्यूआईटी में छात्राओं के साथ छात्रों की भी पढ़ने की व्यवस्था होनी चाहिए।

विपक्ष में बैठी रिचा कुमारी ने कहा कि यह संस्थान अभी घाटे में चल रहा है एवं विश्वविद्यालय प्रशासन इसके प्रति उदासीन है। यहां सुविधाओं का अभाव है। इस कारण यह निर्णय विवि प्रशासन पर छोड़ देना चाहिए। अंत में इस अभिभाषण पर छात्रा सांसदों ने प्रोटेम स्पीकर के समक्ष वोटिंग का प्रस्ताव रखा, जिसपर उन्होंने सहमति जताई। कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के तौर पर विद्यार्थी परिषद की प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ. ममता कुमारी, डॉली कुमारी, लिली कुमारी, शीतल कुमारी, निशी कुमारी, प्रीति कुमारी, शैलजा सक्सेना, नेहा कुमारी, राखी कुमारी, दिव्या झा, अनुपम कुमारी समेत दर्जनों छात्राएं उपस्थित थीं। कार्यक्रम के संयोजन में जिला संयोजक उत्सव पाराशर, विभाग संयोजक सुमित सिंह, अनुपम कुमार, अनूप कुमार, हरिओम झा, सूरज ठाकुर, अमित शुक्ला, कौशल झा, राघव झा, राहुल सिंह, रौशन कुमार, अमित वात्सल, सुमन सिंगाहिनिया, वागीश झा, शशि यादव समय विद्यार्थी परिषद के दर्जनों कार्यकर्ता उपस्थित थे।

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