वाणिज्य विभाग में अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का समापन, रिटेल एवं ई-कॉमर्स में समन्वय की आवश्यकता पर जोर।
दरभंगा: सूचना प्रौद्योगिकी ने मानव जीवन के प्रत्येक पहलू को प्रभावित किया है। रोजमर्रा की बातों में भी तकनीकी दखल बढ़ा है। हम इलेक्ट्रॉनिक माध्यम का धड़ल्ले उपयोग कर रहे हैं। व्यावसायिक गतिविधियां भी ऑनलाइन हो चुकी हैं। ई कॉमर्स का दायरा दिनों दिन बढ़ता ही जा रहा है।
ये बातें स्नातकोत्तर वाणिज्य एवं व्यवसाय प्रशासन विभाग के तत्वाधान में शनिवार को ‘ई-कॉमर्स: चुनौतियां एवं संभावनाएं’ विषयक ऑनलाइन व ऑफलाइन कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में पूर्व कुलपति प्रो. एस एम झा ने कही। उन्होंने कहा कि भारतीय ई-कॉमर्स बाजार वर्ष 2024 तक 99 बिलियन अमेरिकी डॉलर का हो जाएगा। ऑनलाइन खरीदारों की संख्या 220 मिलियन हो जाएगी। नए-नए विक्रेता ई-कॉमर्स बाजार में प्रवेश कर रहे हैं। डिजिटल इंडिया अभियान से भारतीय अर्थव्यवस्था में ऑनलाइन बाजार का दायरा बढ़ेगा। उन्होंने ई कॉमर्स के परिदृश्य एवं जुड़े विभिन्न पहलुओं की चर्चा की। उन्होंने ई-कॉमर्स के बढ़ते चलन के खतरों से भी आगाह किया और परंपरागत रिटेल व्यवसाय को बचाए रखने की आवश्यकता जताई।
अध्यक्षीय संबोधन में प्रतिकुलपति प्रो. डॉली सिन्हा ने कहा कि ई कॉमर्स का क्षेत्र व्यापक है। इसमें अपार संभावनाएं मौजूद हैं और उनके समुचित दोहन की जरूरत है। वाणिज्य एवं प्रबंधन के छात्र ई-कॉमर्स के क्षेत्र में काफी आगे बढ़ सकते हैं। बिहार के कलाकारों द्वारा निर्मित हस्तशिल्प उत्पाद, मिथिला पेंटिंग, मखाना उत्पाद एवं प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद की ई कॉमर्स द्वारा ज्यादा व्यापारिक संभावना है। समापन सत्र के वक्ता वाणिज्य एवं व्यवसाय प्रशासन जगत के विद्वान प्रो. एलपी सिंह ने कहा कि डिजिटल क्रांति ने उपभोक्ता व्यवहार में दखल दिया है। व्यवसाय का स्वरूप तेजी से बदल रहा है। लोग घर बैठे ऑनलाइन वस्तुओं और सेवाओं की मांग करते हैं। कोविड में ई-कॉमर्स का प्रचलन बढ़ा है। आने वाले समय में ई-कॉमर्स का दायरा और विस्तृत होगा।
दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन के दूसरे दिन जो सत्र आयोजित हुए। पहला सत्र तकनीकी सत्र एवं दूसरा समापन सत्र था। तकनीकी सत्र का आयोजन प्रो. आईसी वर्मा की अध्यक्षता में हुआ। इस सत्र में कुल 93 पत्रों का वाचन हुआ। सत्र की प्रतिवेदिका रितिका मौर्य एवं समन्वयक डॉ. एसके ठाकुर थे। समापन सत्र में अतिथियों का स्वागत डॉ. आईडी प्रसाद की ओर से किया गया। इस सत्र के सम्मानित अतिथियों में शिक्षाविद डॉ. संत कुमार चौधरी, यूक्रेन के राजनयिक प्रो. ईवान, कुवैत के ई. दीपक चौधरी एवं बांग्लादेश के डॉ. धनंजोेय कुमार शामिल थे। इस सम्मेलन में देश के विभिन्न प्रांतों के प्रतिभागियो के साथ-साथ नेपाल, बांग्लादेश, रूस, कुवैत, यूक्रेन, इजिप्ट एवं अमेरिका के अतिथियों तथा प्रतिभागियों की सहभागिता रही। विभागीय शिक्षक डॉ. आशीष कुमार के संचालन में आयोजित समापन सत्र में सम्मेलन के आयोजक सचिव प्रो. अजीत कुमार सिंह ने धन्यवाद ज्ञापन किया।
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