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September 26, 2021

मिथिलाक्षर साक्षरता अभियान का आठवां स्थापना दिवस समारोह शुरू।

दरभंगा: मिथिलाक्षर साक्षरता अभियान के आठवें स्थापना दिवस के अवसर पर वर्चुअल मोड में आयोजित पाक्षिक समारोह का शुभारंभ शनिवार देर शाम शुभंकरपुर स्थित श्मशान काली मंदिर परिसर में किया गया। समारोह का शुभारंभ विद्यापति सेवा संस्थान के महासचिव डॉ बैद्यनाथ चौधरी बैजू, वरिष्ठ साहित्यकार व भारत निर्वाचन आयोग के दरभंगा जिला स्वीप आईकॉन मणिकांत झा, नीलम झा, आकाशवाणी दरभंगा के चर्चित गायक दीपक कुमार झा एवं मिथिलाक्षर साक्षरता अभियान के वरिष्ठ संरक्षक प्रवीण कुमार झा ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलित कर किया।

मौके पर डॉ बैद्यनाथ चौधरी बैजू ने कहा कि वर्तमान समय में मिथिला, मैथिली और मिथिलाक्षर के सूरत-ए-हाल हमें आत्मावलोकन करने की जरूरत है। यदि हम अपनी मातृ लिपि मिथिलाक्षर का प्रयोग दैनिक कार्यों में नहीं करेंगे तो वह पुनः मृत प्राय हो जाएगी। उन्होंने मृतप्राय हो चुकी मिथिला की धरोहर लिपि मिथिलाक्षर को पुनर्जीवित करने में मिथिलाक्षर साक्षरता अभियान की भूमिका की सराहना करते हुए मिथिला के व्यावसायिक प्रतिष्ठानों को इसे अपनाते हुए इसके प्रचार-प्रसार के लिए आगे आने का आह्वान किया।

मणिकांत झा ने कहा कि मिथिलाक्षर साक्षरता अभियान के संस्थापक पं. अजय नाथ झा शास्त्री ने मिथिलाक्षर लिपि को सोशल मीडिया के माध्यम से पुनर्जीवित करने का अभियान चलाकर ऐसा नेक कार्य किया है, जिसके लिए मिथिला के इतिहास में उनका नाम स्वर्णाक्षरमें लिखा जाएगा। नीलम झा ने आठवें स्थापना दिवस के अवसर पर अपनी शुभकामनाएं प्रेषित करते हुए अपनी स्वरचित कवितायें सुनाई।

अभियान के वरीय संरक्षक प्रवीण कुमार झा ने 25 सितंबर से 10 अक्टूबर तक देश-विदेश में आयोजित होने वाले स्थापना दिवस के वर्चुअल पाक्षिक समारोह की विस्तृत जानकारी देते बताया कि इस दौरान अनेक साहित्यिक एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाने के साथ ही प्रधानमंत्री एवं राष्ट्रपति को मिथिलाक्षर में लिखा पोस्टकार्ड अभियान की ओर से भेजा जाएगा।

इस दौरान मिथिलाक्षर में लिपिबद्ध किए गये विभिन्न ग्रंथों को सोशल मीडिया के प्लेटफार्म पर प्रदर्शित करने के साथ ही एक दिन मिथिलाक्षर के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए ट्वीटर के प्लेटफार्म पर मेगा ट्रेंड चलाया जाएगा।

अध्यक्षीय संबोधन में मिथिलाक्षर साक्षरता अभियान के संस्थापक पं अजयनाथ झा शास्त्री ने अभियान के गतिविधियों की विस्तार से चर्चा करते हुए कहा कि मिथिलाक्षर की शत-प्रतिशत साक्षरता के प्रति इस अभियान से जुड़े अभियानी पूर्णतः कृतसंकल्प हैं, लेकिन मिथिलाक्षर को चलन में लाना संपूर्ण मिथिलावासी की जिम्मेवारी है।
समारोह में गंधर्व कुमार झा ने वेद ध्वनि प्रस्तुत किया। जबकि दीपक कुमार झा एवं जया के गाए गोसाउनि गीत एवं अभियान गीतों को देश-विदेश से जुड़ने वाले दर्शकों ने काफी पसंद किया।

कार्यक्रम के आयोजन में दीपक आनन्द मल्लिक, धर्मेन्द्र कुमार झा, अनिल कुमार मिश्र, रुनू मिश्रा, पंकज कुमार कर्ण, कृष्ण कान्त झा, शंभु नाथ झा, उग्रनाथ झा, सुधा झा, जगतरंजन झा , संजय मिश्रा, साकेत कुमार झा आदि की उल्लेखनीय भूमिका रही। जबकि मिथिला क्षेत्र के सभी शहर, नगर और महानगर के साथ ही उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, प बंगाल, पंजाब, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, राजस्थान और तमिलनाडु के अतिरिक्त लंदन, नेपाल, सऊदी अरब, कतर, आस्ट्रेलिया, साउथ कोरिया, कैलिफोर्निया, नाईजीरिया, मलेशिया, यूके, यूएई, यूएसए, मैक्सिको, जाम्बिया, कुबैत आदि देशों से भारी संख्या मे प्रवासी मैथिल जुड़े।

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