कुलपति और कुलसचिव को हटाने को लेकर छात्र संगठनों ने किया आंदोलन, रोकी ट्रेन।
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दरभंगा: ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के कुलपति और कुलसचिव को हटाने को लेकर छात्र संगठनों ने आंदोलन किया। इसे राजनीतिक पार्टियों का भी समर्थन मिला। बुधवार को विश्वविद्यालय बचाओ संघर्ष मोर्चा के बैनर तले मिथिलांचल बंद के आह्वान को लेकर व्यापक तैयारी देखी गई। सुबह छात्रों का हुजूम दरभंगा स्टेशन पहुंचा और दरभंगा से दिल्ली जाने वाली जनसंपर्क क्रांति एक्सप्रेस को रोक लिया। इसके कारण ट्रेन 10 मिनट लेट भी हुई।
इसके बाद छात्रों ने शहर के मुख्य मार्ग होते हुए सभी सार्वजनिक एवं व्यावसायिक प्रतिष्ठानों को बंद करवाते दिखे। आयकर चौराहा टावर चौक स्टेशन रोड आदि सड़कें सुनी दिखने लगी। बाद में करीब 11
बजे विश्वविद्यालय परिसर पहुंचकर विश्वविद्यालय के सभी विभागों के कामकाज को ठप करा दिया।
वहीं, कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय को भी बंद कराया। इसके बाद छात्रों ने दिल्ली मोर स्थित बस स्टैंड पर बसों की आवाजाही को भी कुछ देर केलिए बाधित कर दिया।
इस बीच आंदोलन में मुख्य रूप से आईसा एवं जन अधिकार पार्टी एवं एआईएसएफ के छात्र कार्यकर्ताओं ने भाग लिया। वहीं, वामपंथी पार्टियों के नेता व कार्यकर्ताओं का समर्थन देखने को मिला।
इस दौरान आंदोलनकारियों ने बताया कि यह आंदोलन तब तक खत्म नहीं होगा, जब तक ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय की
कुलपति एवं कुलसचिव को यहां से हटाया नहीं जाता है। इन लोगों ने छात्र के मंदिर को भ्रष्टाचार के अड्डे में तब्दील कर दिया है। पार्ट 3 के रिजल्ट में अनावश्यक विलंब हो रहा है।
पुरानी डाटा कंपनी एवं विश्वविद्यालय के प्रशासन के बीच में फंसे पेच में छात्रों का भविष्य अंधकार में हो रहा है। इसे छात्र संगठन सामाजिक एवं राजनीतिक संस्थाओं से अपील करते हैं कि इस आंदोलन में सकरी सहयोग कर आंदोलन को आगे बढ़ाने में अपनी सक्रिय सहभागिता दें ताकि विश्वविद्यालय को ऐसे भ्रष्ट पदाधिकारियों से निजात मिल सके।
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