मुख्यमंत्री के बयान से एकबार फिर अटक गया एम्स निर्माण का कार्य: अनूप मैथिल।
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दरभंगा: दरभंगा में एम्स के निर्माण की शुरुआत लगता है बीरबल की खिचड़ी हो गया है। शोर तो खूब हो रहा है, पर पक कुछ नही रहा है। 6 वर्ष पूर्व घोषित एम्स केलिए आजतक धरातल पर कोई कार्य शुरू नही हो पाया है। निरीक्षण करने, ज्ञापन देने आदि की बात तो लगभग हर महीने हो रही है। क्रेडिट की होड़ भी खूब मची है। पर कार्यारंभ नही हो पा रहा।
इसी क्रम में एम्स का निर्माण कार्य एकबार अटकता दिख रहा है। एम्स केलिए लगातार आंदोलनरत संगठन मिथिला स्टूडेंट यूनियन के संस्थापक अध्यक्ष अनूप मैथिल ने भी शुक्रवार को इस तथ्य की ओर
इशारा किया और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर एम्स निर्माण का लटकाने का आरोप लगाया है।
प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए अनूप मैथिल ने कहा कि नीतीश कुमार का मिथिला विरोधी रवैया पुनः सामने आ रहा है । जब से घोषणा हुआ था तबसे 200 एकड़ जमीन आवंटित करने की बात चल रही थी। लेकिन मेडिकल माफिया एवं यहाँ के अकर्मण्य जनप्रतिनिधियों के कारण मगध की सरकार ने 150 एकड़ की भूमि फिर से दुहरा रही थी। इससे स्पष्ट है कि पुनः सरकार एम्स दरभंगा को लटकाने का प्रयास कर रही है।
अनूप मैथिल ने तत्कालीन स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री जेपी नड्डा द्वारा 3 जून 2015 को नीतीश को लिखे उस पत्र को भी
दिखाया जिसमे एम्स केलिए 200 एकड़ भूमि की आवश्यकता बतायी गयी है। साथ ही सितंबर 2017 में जदयू के तात्कालीन राष्ट्रीय महासचिव संजय झा को प्रेषित उस पत्र को भी दिखाया जिसमें 200 एकड़ भूमि उपलब्ध नही करवाने के कारण कार्य शुरू नही होने का हवाला दिया गया है।
उन्होंने अन्य राज्यों में घोषित एम्स के तैयार हो जाने के सम्बंध में जानकारी देते हुए कहा कि नागपुर एम्स 2014 में घोषित हुआ था, मात्र 4 साल के अंदर 2018 में बनकर तैयार हो गया और अब सेवा में है। गोरखपुर एम्स 2014 में घोषित हुआ, 2016 में शिलान्यास
किया गया प्रधानमंत्री मोदी के द्वारा और मात्र 3 साल के अंदर 2019 में ओपीडी शुरू हो गया और अब सेवा में है।
वहीं 2018 में तेलंगाना में एम्स घोषित हुआ, पार्शियली फंक्शनल है। 2017 में देवघर एवं राजकोट में एम्स घोषित हुआ, दोनों जगह क्लास स्टार्टेड है। 2015 में विजयपुर, विलासपुर, गुवाहाटी में घोषित हुआ, क्लासेज शुरू है।
वहीं 2015 में ही सरकार द्वारा दरभंगा में एम्स बनाने की घोषणा के 6 साल बीत जाने के बावजूद आज तक इसका शिलान्यास नहीं हुआ।
प्रेसवार्ता के दौरान एम्स केलिए गांव गांव में जाकर आंदोलन तेज करने की बात भी कही गयी।
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