गुस्ताखे रसूल के विरोध में तहफ्फुज ए शरीयत कमेटी ने निकाला विशाल विरोध जुलूस।
दरभंगा: मोहम्मद साहब के खिलाफ देश के विभिन्न स्थानों पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने के खिलाफ तहफ्फुज ए शरीयत कमेटी ने शनिवार को शहर में मौन जुलूस निकाला। इस दौरान वक्ताओं ने कहा कि देश में कुछ ऐसे लोग हैं जो नफरत फैलाने का ही काम करते हैं। ऐसे लोगों को हम सावधान कर देना चाहते हैं।
मौन जुलूस किलाघाट मदरसा हमीदिया से निकाला गया जो उर्दू बाजार, नीम चौक, करमगंज, इमामबाड़ी, दारूभट्ठी चौक, लोहिया चौक होते हुए समाहरणालय स्थित धरना स्थल पहुंचकर सभा में तब्दील हो गया। यहां उलेमाओं ने कहा कि कुछ लोग आपस में नफरत फैला रहे हैं। जुलूस की तैयारी महीनों से चल रही थी। जुलूस में दरभंगा व आसपास के जिलों से बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए।
जुलूस में शामिल लोगों की एक ही मांग थी कि जो लोग किसी धर्म या धर्म गुरु के बारे में अभद्र टिप्पणी करते हैं, ऐसे लोगों के लिए सख्त कानून बनाया जाए। अगर भारत में ऐसा कानून है तो ऐसे लोगों को सख्त से सख्त सजा दी जाए। बाद में डीएम को ज्ञापन दिया गया। इसमें मांग की गयी है कि गलत बयानबाजी करने वालों पर सख्त कार्रवाई हो।
मौके पर मुफ्ती फैजानुर रहमान सुभानी, मौलाना वारिस अली, मौलाना इरफान, मौलाना कारी नसीम, मौलाना अब्दुल करीम, नफीसुल हक रिंकू, रेयाज खान कादरी, ई. इश्तेयाक आलम व मो. उमर शामिल थे। जुलूस को सफल बनाने वालों में शरफे आलम (तमन्ना), खालिद रजा कादरी, अधिवक्ता अंबर इमाम हाशमी, मुमताज आलम, डॉ. कमरुल हसन, असरारुल हक लाडले, एजाज अहमद खान, हारून रशीद, सैयद जावेद इकबाल, रेयाज अली खान, अताउल्लाह खान पुट्टू, शफदर इमाम, प्रो. मक्खी अंसारी, हाजी मार्शल, अजीमुद्दीन कुरेशी, राजा अंसारी आदि थे
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