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January 21, 2022

तो क्या पुलिस और प्रशासन ने जैसा चाहा, पोस्टमार्टम रिपोर्ट भी वैसा ही बनकर आया!

दरभंगा: आजकल अपराधियों को पकड़ने में भले पुलिस पीछे हो, पर मौत के कारण का परफेक्ट अंदाजा लगाने में स्कॉटलैंड यार्ड को पीछे छोड़ रही है। बड़ी बात ये है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट भी बिल्कुल उसी अनुसार बनकर आ जाती है।

बहादुरपुर थानाक्षेत्र के पुरखोपट्टी में चार दिनों से गायब दो युवतियों की लाश एक गड्ढे से मिली। स्थानीय लोग स्पष्ट रूप से इसे हत्या कह रहे थे। वरना दोनों युवतियां एकसाथ उस गड्ढे में डूबने क्यों जाएंगी! पुलिस जांच भी कर रही थी। कुछ लोगों को हिरासत में भी लिया गया था। पर यह सब केवल पुलिस का दिखावा था शायद।

प्रशासनिक तौर पर लाश मिलते ही इसे डूबने से मौत करार देने की मंशा उसी समय उतपन्न हो गयी थी जब उसी समय अंचल प्रशासन द्वारा दोनों के परिजनों को चार चार लाख का चेक दे दिया गया। यह चेक आपदा अथवा दुर्घटना में मृत व्यक्ति के परिजनों को दे दिया गया था।

सवाल यह उठता है कि यदि मौत के कारण को जानने केलिए पुलिस पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार कर रही थी, और हत्या के एंगल पर जांच हो रही थी तो फिर इसे दुर्घटना मानते हुए तुरन्त चेक क्यों दे दिया गया! क्या प्रशासन को प्रशासनिक संरक्षण वाले किसी बड़े

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मछली के फसने की आशंका थी, जिसे प्रशासनिक अधिकारी बचाना चाहते थे! इसमें चार चार लाख का चेक कहीं परिजनों की सहानभूति साथ लेने में सहायक के तौर पर तो नही दिया गया!

जब प्रशानिक तंत्र ने इतना बड़ा अंदाजा लगा लिया और आठ लाख का मुआवजा दे दिया गया तो भला पोस्टमार्टम रिपोर्ट इससे इतर कैसे आता! पोस्टमार्टम रिपोर्ट की जो खबरें सूत्रों से मिल रही है, उसमें डूबने से मृत्यु के लक्षण बताये जा रहे हैं।

दरअसल बताया जाता है बहादुरपुर थाना क्षेत्र के पुरखोपट्टी गांव की रहने वाली दो नाबालिग लड़कियों की मौत के मामले में पोस्टमार्टम रिपोर्ट आ गयी है। शव मिलने के बाद से ही पुलिस को पोस्टमार्टम

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रिपोर्ट का इंतजार था। चिकित्सकों ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट पहले ही तैयार कर ली थी, पर पुलिस ने स्वाब की जांच के लिए भी आवेदन दिया था। इसकी जांच पैथ लैब में होती है। जैसे ही स्वाब की रिपोर्ट आयी, चिकित्सकों ने फाइनल पोस्टमार्टम रिपोर्ट बहादुर थानाध्यक्ष अखिलेश कुमार को सौंप दी।

प्रभारी एसएसपी अशोक कुमार प्रसाद ने भी शुक्रवार को पोस्टमार्टम रिपोर्ट मिलने की पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि दोनों लड़कियों के शरीर पर कोई बाहरी जख्म नहीं था। उनके साथ मारपीट की घटना भी नहीं घटी थी। स्वाब रिपोर्ट में भी चिकित्सकों ने जो जानकारी दी है उससे स्पष्ट होता है कि लड़कियों के साथ किसी तरह का दुराचार नहीं किया गया था।

एसएसपी ने बताया कि अभी भी कई पहलुओं की जांच की जा रही है। हरेक पहलू की जांच करने में तीन-चार दिन का और समय लगेगा। उसके बाद ही स्पष्ट रूप से पता चलेगा कि किस परिस्थिति में पोखर में उनकी मौत हुई।

पोस्टमार्टम एक्सपर्ट की मानें तो पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार डूबने के कारण मौत होने के बाद जो लक्षण शव में पाए जाते हैं वही लक्षण दोनों लड़कियों की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में पाये गये हैं। जानकारों का कहना है कि जिसकी डूबने से मौत होती है उसके पेट से मिट्टी का अंश मिलता है। वह भी लड़कियों के पेट से बरामद हुआ है। अगर

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लड़कियों को पहले मारकर पोखा में फेंक दिया जाता तो वैसी स्थिति में उनके पेट से मिट्टी का अंश नहीं मिलता।

फिलहाल पुलिस अधिकारी कह तो रहे हैं कि अभी भी किसी ठोस नतीजे पर नहीं पहुंचे हैं। जांच पूरी होने के बाद ही दोनों लड़कियों की मौत के राज से पर्दा उठ पाएगा। पर पर्दा क्या उठेगा, यह सब शायद अब पहले से स्क्रिप्टेड स्टोरी जैसा लगने लगा है।

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