मजदूरी केलिए परदेश जा रहे दरभंगा के दो युवकों की ट्रेन से कटकर मौत, माले एवं इंसाफ मंच ने बताया सरकार की नाकामी।
दरभंगा: उत्तर प्रदेश के कानपुर स्टेशन पर शनिवार को ट्रेन से कटकर सदर प्रखंड के दो युवकों की मौत हो गई। मृतकों की पहचान नैनाघाट पंचायत के आमी गांव निवासी सत्यनारायण पासवान के पुत्र दीपक कुमार पासवान (23) व दुलारपुर पंचायत के अंधरी निवासी समाधि पासवान के पुत्र विकास कुमार (24) के रूप में हुई है।
दोनों युवक ज्ञान गंगा एक्सप्रेस से मजदूरी करने बेंगलुरु जा रहे थे। घटना की सूचना मिलते ही दोनों के परिवार में कोहराम मच गया है। महिलाओं का रो-रोकर बुरा हाल है। रविवार को परिजन शव लाने के लिए कानपुर रवाना हो गए। बताया जाता है कि दोनों जिस ट्रेन से जा रहे थे उस ट्रेन की कानपुर स्टेशन पर क्रॉसिंग थी। गर्मी से बेहाल दोनों युवक ट्रेन से उतरकर नीचे पटरी के पास खड़े थे। इसी दौरान दूसरी ट्रेन वहां से गुजरी। ट्रेन की चपेट में आने से दोनों की मौके पर ही मौत हो गई। उन लोगों कदीपक साथ चल रहे अन्य मजदूरों ने घटना की जानकारी मृतकों के परिजनों को दी।
वहीं इस मामले पर भाकपा माले व इंसाफ मंच की टीम ने दुख प्रकट करते हुए इसे सरकार की नाकामी बताया है। इंसाफ मंच के जिला सचिव पप्पू खां ने कहा कि अगर बिहार में मजदूरों को काम दिया जाता तो दीपक व विकास की ट्रेन से कटने से मौत नहीं होती। दोनों गांव में मनरेगा के जॉब कार्डधारी थे।
मनरेगा में काम नहीं मिलने के कारण वे बाहर कमाने जा रहे थे। भाकपा माले जिला स्थाई समिति अशोक पासवान ने कहा कि मनरेगा के तहत फर्जी जॉब कार्डधारी को पेमेंट होता है। अविलंब इसकी जांच होनी चाहिए।
दोनों नेताओं ने मृतक मजदूरों के घर जाकर उनके परिवार से मुलाकात कर ढ़ांढ़स बढ़ाया। दीपक अपने घर का एकलौता कमाऊ पूत था। तीन भाइयों में वह बड़ा था। उसके पिता बीमारी के कारण घर में पड़े रहते हैं। माले ने शव लाने में योगी और नीतीश सरकार से मदद करने व परिजनों को 10-10 लाख रुपए मुआवजा देने की मांग की है।
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