Home Featured बिहार की ऐतिहासिक समृद्धि और बौद्धिक श्रेष्ठता की पुनरावृत्ति के लिए चिंता नही चिंतन की जरूरत: विकास वैभव।
July 3, 2022

बिहार की ऐतिहासिक समृद्धि और बौद्धिक श्रेष्ठता की पुनरावृत्ति के लिए चिंता नही चिंतन की जरूरत: विकास वैभव।

दरभंगा: वर्तमान परिस्थिति में लोगों को चिंता नहीं, चिंतन करने की जरूरत है। युवाओं को बिहार की ऐतिहासिक समृद्धि और बौद्धिक श्रेष्ठता की पुनरावृत्ति के लिए क्रियाशील होने की जरूरत है।

उक्त बातें वरिष्ठ आईपीएस गृह विभाग, बिहार सरकार के विशेष सचिव विकास वैभव ने रविवार को कही। वे लनामि विवि के जुबली हॉल में लेट्स इंस्पायर बिहार, दरभंगा चैप्टर की ओर से आयोजित ‘युवा संवाद’ कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।

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उन्होंने कहा कि दरभंगा मेरा जन्म स्थान है। मिथिला की इस पावन धरती को नमन। उन्होंने कहा कि जहां ज्ञान है वहां विकास की गंगा बहने लगती है। बिना संघर्ष के विकास असंभव है। उन्होंने कहा कि प्राचीन उद्यमिता की भावना को जागृत करने की जरूरत है। इस दौरान उन्होंने अपने जीवन के कई किससे भी सुनाए। उन्होंने कहा कि माओवादियों और अपराधियों को इतिहास के बल-बूते मुख्य धारा से जोड़ दिया। उन्होंने कहा कि बिहार कि माटी में ज्ञान का भंडार है। बस सही दिशा में चलने की जरूरत है ताकि उद्यमिता का विकास हो।

इससे पहले कार्यक्रम का शुभारंभ राष्ट्रीय ख्यातिप्राप्त शंखवादक डॉ. विपिन कुमार मिश्रा के शंख वादन के साथ हुआ। इसके बाद युवाओं ने मिथिला की परंपरा के अनुसार पाग-चादर से अतिथियों का स्वागत किया। चुनाव आयोग के दरभंगा जिला आईकॉन मणिकांत झा ने विकास वैभव को अभिनंदन पत्र समर्पित किया। इसके बाद सभी अतिथियों ने इस मुहिम के संबंध में अपने विचार रखे। सभी ने शिक्षा, समता व उद्यमिता पर आधारित इस मुहिम की सार्थकता की सराहना की। कार्यक्रम की अध्यक्षता कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विवि के कुलपति प्रो. शशिनाथ झा ने की।

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मौके पर विशिष्ट अतिथि के रूप में संदीप विवि के कुलपति प्रो. समीर वर्मा, डीएमसीएच अधीक्षक डॉ. हरिशंकर मिश्रा, लनामि विवि के प्रो. जितेन्द्र नारायण, शिक्षाविद प्रो. इन्दिरा झा आदि थे। मंच संचालन दरभंगा चैप्टर के एडमिन संतोष भारद्वाज व धन्यवाद ज्ञापन उत्सव पराशर ने किया। मौके पर आशुतोष कुमार झा, मोहन झा, रमन, आमिर, प्रशांत, शंभु शरण चौबे, मनमोहन सरावगी, अमन राज, अभिजीत, केशव नारायण, राघव आचार्य, वागीश, पूजा कश्यप, वैष्णवी, दीपशिखा, गुड़िया, प्रिंस, प्रियांशु, शिव सुंदर आदि थे।

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