हाइकोर्ट के आदेश पर अतिक्रमण हटाने गयी पुलिस टीम पर हुए हमले में एक पुलिसकर्मी की मौत, कई घायल।
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दरभंगा: लगता है दरभंगा में पुलिस का भय समाप्त हो गया है। यहां तक कि अब पुलिस की टीम पर हमला कर पुलिसकर्मी को मौत के घाट भी उतार दिया जाता है और पुलिस मूकदर्शक बनी रहती है।
ऐसा ही कुछ मामला सोमवार को जिले के मनीगाछी प्रखंड का सामने आया है, जहां अतिक्रमण हटाने गयी पुलिस की टीम पर अतिक्रमणकारियों ने हमला कर दिया जिसमें एक चालक की मौत हो गयी, जबकि कई पुलिसकर्मी एवं अधिकारी घायल हो गए।
प्राप्त जानकारी के अनुसार हाईकोर्ट के आदेश पर मनीगाछी के सकरी-धरौड़ा रोड में राघोपुर-रजवाड़ा-तरौनी मोड़ के पास सड़क किनारे से अतिक्रमण हटाने गई प्रशासनिक टीम पर सोमवार को अतिक्रमणकारियों ने हमला कर दिया। जमकर रोड़ेबाजी की गई। हमले में एक गृहरक्षक की मौत हो गई। वहीं मनीगाछी के अंचल अधिकारी, हल्का कर्मचारी व दो महिला सिपाही समेत चार लोग जख्मी हो गए। तीन सरकारी वाहन भी बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए। गृहरक्षक की मौत के बाद पुलिस महकमे में बेचैनी बढ़ी है। घटना के बाद हमलावरों की खोज में ताबड़तोड़ छापेमारी की जा रही है। छापे में दो लोगों को हिरासत में लिया गया है।
अंचलाधिकारी राजीव प्रकाश राय ने बताया कि दंगा नियंत्रण वाहन के चालक की मृत्यु हुई है। पुलिस पर पथराव करनेवाले के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराई जा रही है। बताया गया है कि उच्च न्यायालय में दायर सीडब्लूजेसी नंबर 16382/15 तथा एमजेसी नंबर 110/18 के आदेश की अवमानना के मामले में जारी आदेश पर सोमवार को सकरी-धरौड़ा मौजा राघोपुर टोले रजबाड़ा तरौनी मोड़ की सड़क के किनारे से अतिक्रमण हटाने प्रशासनिक टीम गई थी। टीम की कार्रवाई शुरू होने के साथ अतिक्रमणकारियों ने रोड़ेबाजी शुरू कर दी।
रोड़ेबाजी में तीन सरकारी गाड़ियां क्षतिग्रस्त हो गईं। सीओ राजीव प्रकाश राय, हल्का कर्मचारी सुधीर सिंह के दंगा नियंत्रण वाहन के चालक जाले प्रखंड के जोगियारा निवासी गृहरक्षक चेतनारायण सिंह, बिहार पुलिस की महिला सिपाही आरती कुमारी, रचना सिंह घायल हो गए। चालक चेतनारायण को प्रारंभिक इलाज के बाद डीएमसीएच रेफर किया गया, जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। घटना के बाद सभी अतिक्रमणकारी फरार हैं। पुलिस उनकी गिरफ्तारी के लिए छापेमारी कर रही है।
बताया जाता है कि अतिक्रमण हटाने के लिए दंडाधिकारी के रूप में मनीगाछी सीओ राजीव प्रकाश राय तैनात थे। वहीं सुरक्षा की कमान बेनीपुर के पुलिस उपाधीक्षक डा. कुमार सुमित, पुलिस निरीक्षक बहेड़ा, मनीगाछी थाना, नेहरा ओपी, बाजितपुर ओपी, सकतपुर थाना व अलीनगर थाना की पुलिस टीम के अलावा अतिरिक्त दंगा निरोधक बल की भी तैनाती थी। जैसे ही बुलडोजर से अतिक्रमण हटाने की प्रक्रिया शुरू हुई अतिक्रमणकारी वैकल्पिक व्यवस्था करने की जिद पर अड़ गए। विरोध शुरू कर दिया। इस बीच अचानक से पुलिस बल एवं पदाधिकारियों के साथ ही पुलिस गाड़ी पर हमला बोल दिया। कुछ देर के लिए पुलिस पीछे हटी, लेकिन लोगों ने पुलिस टीम पर लगातार हमला जारी रखा। जब कई लोग जख्मी हो गए तब जाकर पुलिस ने दमखम से अतिक्रमणकारियों की ओर रूख किया तो सभी भागे।
बता दें कि तरौनी निवासी संजीव कुमार झा ने उच्च न्यायालय में वाद दायर किया था। वाद में अतिक्रमणकारियों का नाम भी दिया था। अतिक्रमित भूमि को खाली करवाने को लेकर वर्ष 2013, 2015 एवं 2018 में भी प्रयास किया गया। उन प्रयासों में भी प्रशासन को भारी कठिनाईयों का सामना करना पड़ा था और बैरंग लौटना पड़ा था
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