डीएमसीएच में नशेड़ियों का तांडव, हथियार के बल पर लिया नशा का इंजेक्शन।
दरभंगा: डीएमसीएच के गायनी विभाग के दवा भंडार में रविवार की देर रात धावा बोलकर नशेड़ियों ने पिस्टल के बल पर कर्मी से केटोमिन इंजेक्शन की मांग की। इंजेक्शन देने से इनकार करने पर कर्मी को जान से मारने की धमकी देते हुए उन लोगों ने करीब चार घंटे तक कर्मी को बंधक बनाये रखा। इस दौरान गायनी विभाग में तैनात सुरक्षा कर्मी डर से कांपते रहे। नशेड़ियों के तेवर को देख दवा भंडार में तैनात कर्मी निबंधन काउंटर में तैनात ऑपरेटर की मदद से शोर मचाते हुए वहां से भाग निकले। पकड़े जाने के डर से सभी नशेड़ी वहां से फरार हो गए। घटना को लेकर अस्पताल में नाइट ड्यूटी करने वाले नर्स और कर्मियों में हड़कंप है।
मामले को लेकर स्टाफ नर्स आकाश दीप की ओर से सोमवार को आवेदन देने पर अधीक्षक डॉ. हरिशंकर मिश्रा हरकत में आए। उन्होंने सुरक्षा की आउटसोर्सिंग एजेंसी के सुपरवाइजर को घटना के वक्त मूकदर्शक बने रहे तीनों गार्डों से जवाब तलब करने का निर्देश दिया। साथ ही उन्होंने घटना का जिक्र करते हुए सदर एसडीपीओ के अलावा बेंता ओपी की पुलिस को पत्र लिखकर रात के वक्त परिसर में गश्त बढ़ाने का अनुरोध किया। इसके अलावा उन्होंने सुरक्षा सुपरवाइजर को संवेदनशील स्थानों पर गार्ड की संख्या बढ़ाने का निर्देश दिया। नशेड़ियों के उत्पात से डीएमसीएच के गायनी विभाग में ड्यूटी कर रहे स्टाफ नर्स आकाश दीप की जान करीब चार घंटे तक अटकी रही। उनके अनुसार रविवार की देर रात करीब 11.45 बजे तीन-चार की संख्या में पहुंचे युवक उनसे केटोमिन (बेहोश करने वाला इंजेक्शन) के 10 वायल की मांग करने लगे। उन्हें बताया गया कि यह इंजेक्शन केवल डॉक्टर के पुर्जे पर दिया जाता है। यह सुनकर वे लोग आक्रोशित होकर वहां से चले गए। थोड़ी देर बाद वे इमरजेंसी से लक्ष्मी देवी के नाम से निबंधन स्लिप लेकर पहुंचे। उस पर 10 वायल केटोमिन लिखा था। स्टाफ नर्स ने बताया कि पुर्जा देख कर उन्हें शक हुआ कि उस पर उन लोगों ने स्वयं इंजेक्शन का नाम लिख दिया है। इंजेक्शन देने से दोबारा मना करने पर उन लोगों में शामिल एक युवक हाथ में पिस्टल लहराते हुए उन्हें धमकाने लगा। यह कहकर कि उसका नाम शशि सिंह है। मैं यहां का गुंडा हूं। जल्दी केटोमिन दो नहीं तो गोली मार दूंगा। यह कहते हुए वह दवा स्टोर के दरवाजे को जोड़ जोड़ से धक्का मारने लगा। धक्का मारने से दरवाजे की छिटकिनी टूट गई। इसके बाद सभी नशेड़ी अंदर घुस आए और पूरे दवा भंडार में तलाशी लेने लगे। इंजेक्शन नहीं मिलने पर वे उन्हें बंधक बनाकर दवा भंडार के सामने टेबल पर बैठ गए। उसके बाद कई घंटे तक उन्हें धमकाते रहे। इस दौरान वहां तैनात सुरक्षा गार्ड मूकदर्शक बने रहे। डाटा ऑपरेटर की मदद से वे अपनी जान बचा सके।
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