अब चैंबर ऑफ कॉमर्स ने भी लगाया दरभंगा हवाई अड्डा के विरुद्ध षड्यंत्र का आरोप।
दरभंगा: सफलता के झंडे गाड़ने के वाबजूद दरभंगा एयरपोर्ट पर सुविधा विस्तार की जगह सुविधाओं में कमी और कराये में बेहताशा वृद्धि तथा उड़ानों की संख्या लगातार कमी करके इसे बंद करने की साजिश का आभास अब आमजन से लेकर प्रबुद्ध जनों तक को होने लगा है। इसे बंद करने की चर्चाओं को और अधिक बल तब मिल गया जब दरभंगा चैंबर ऑफ कॉमर्स को भी इस तरह के षड्यंत्र का एहसास हुआ।
इसी को लेकर चैंबर ऑफ कॉमर्स ने गुरुवार को प्रेस वार्ता का आयोजन किया। इसमें चैंबर के अध्यक्ष अध्यक्ष अजय कुमार पोद्दार ने कहा कि उड़ान योजना के तहत स्थापित सभी हवाई अड्डों में दरभंगा सर्वाधिक सफल हवाई अड्डा साबित हुआ। शुरुआत में यात्रियों की विशाल संख्या के कारण फ्लाइट की संख्या में में वृद्धि करनी पड़ी।
उन्होंने बताया कि एक फ्लाइट से शुरू होकर बेंगलुरु और दिल्ली के लिए तीन-तीन और मुंबई तथा कोलकाता के लिए दो-दो उड़ानें करनी पड़ी। इतनी अधिक उड़ानों के बाद भी प्रति विमान यहां से यात्रियों की औसत संख्या 160 बनी रही। यात्रियों की इतनी विशाल संख्या को देखकर इस क्षेत्र की जनता कहां तो विभिन्न सुविधाओं में सुधार और विकास की मांग कर रही थी और कहां न जाने किन कारणों से यहां से हर उड़ान में मनमाने ढंग से किराया बढ़ाकर यात्रियों को पटना से यात्रा के लिए विवश किया जाने लगा। इस नाम पर उड़ानों की संख्या को 20 उड़ान प्रतिदिन से गिराकर आठ उड़ान पर ले आया गया।
पवन कुमार सुरेका ने कहा कि इस संबंध में एक पत्र नागरिक उड्डयन मंत्री को लिखा गया है। पत्र में लिखा गया है कि जब दरभंगा और देवघर दोनों हवाई अड्डों को उड़ान योजना के अधीन ही स्थापित किया गया है तब इन दोनों की गुणवत्ता व सुविधा में इतना विभेद क्यों। इस क्षेत्र की जनता इस भेदभाव का प्रबल विरोध करती है। उपाध्यक्ष कृष्णदेव साह ने कहा कि आने वाले समय में कुहासे से एक भी उड़ान रद्द नहीं हो इसकी समय से पहले ही समुचित व्यवस्था की जानी चाहिए। यहां से रात्रिकालीन सेवा भी शुरू होनी चाहिए। हवाई अड्डे पर तत्काल अच्छी क्वालिटी की पर्याप्त कुर्सी की व्यवस्था होनी चाहिए। नये निर्मित टर्मिनल पर सर्वसुविधा सम्पन्न लाउंज की भी स्थापना होनी चाहिए।
सुशील कुमार जैन ने दरभंगा से पुणे, सूरत, मद्रास, गुवाहाटी, जयपुर आदि शहरों के लिए भी शीघ्र उड़ान प्रारंभ करने की मांग की। अभिषेक चौधरी व मुकेश खेतान ने भी विचार रखे। चेंबर के पदाधिकारियों ने कहा कि अगर इस ओर समुचित ध्यान नहीं दिया गया तो जनता कठोर कदम उठाने पर विचार करेगी। पत्र की प्रतिलिपि दरभंगा के जनप्रतिनिधियों को भी भेजते हुए उनसे अनुरोध किया गया है कि वे भी हवाई अड्डे के सर्वांगीण विकास और समस्याओं के निराकरण का अपने स्तर से प्रयास करें।
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