परिजनों द्वारा अनशन करने पर अपहरण मामले में आरोपियों को जेल भेजकर पुलिस ने कर ली कर्तव्य की इतिश्री!
दरभंगा: पुलिस की सुस्त कार्यशैली और दवाब पड़ने पर कर्तव्य की खानापूर्ति का एक और जीता जागता उदाहरण बिरौल थाना की पुलिस द्वारा प्रस्तुत किया गया है। दरअसल, थानाक्षेत्र के राजस्व कर्मचारी के निजी मुंशी देवकुलीधाम निवासी कृष्णकुमार शर्मा के अपहरण मामले में पांच महीने बाद भी पुलिस ने हलका राजस्व कर्मचारी के निजी मुंशी सहित तीन लोगों को गिरफ्तार कर शुक्रवार को जेल भेज दिया। पुलिस को इन आरोपियों की गिरफ्तारी में 5 महीने लग गए जबकि परिजनों द्वारा शुरू से इन आरोपियों का नाम बताया जा रहा था। पर पिछले दस दिनों से अपहृत की बरामदगी केलिए धरना एवं अनशन पर परिजनों के बैठने की खबरें मीडिया में लगातार आने से पुलिस पर दवाब बढ़ा। पुलिस ने बरामदगी की दिशा में न कोई कार्य किया और न ही मामले का उदभेदन किया। केवल परिजनों द्वारा संदिग्ध आरोपियों को गिरफ्तार कर अपने कर्यव्य की इतिश्री कर ली गयी।
गिरफ्तार आरोपियों में गांव के ही अमित कुमार राय, बैरमपुर के नीरज कुमार राय एवं राजस्व कर्मचारी के दूसरे निजी मुंशी समस्तीपुर जिला के शिवाजीनगर थाना के दसौत गांव के सुभाष महराज शामिल हैं।
बताते चलें कि उक्त निजी मुंशी का अपहरण पांच महीने पूर्व चार मई को 10 बजे दिन में हुआ था। दोस्त काम के बहाने बाइक पर बैठाकर घर से ले गया था। वापस नहीं लौटने पर मुंशी के भाई विष्णुदेव शर्मा के आवेदन पर अज्ञात के विरुद्ध थाना में अपहरण का मामला कांड संख्या 149/22 दर्ज किया गया था। इस बीच मुंशी के परिजन, पुलिस से बरामदगी की गुहार लगाते रहे और संदिग्ध आरोपियों का नाम भी लगातार पुलिस को बताते रहे, पर अभीतक बरामदगी या उदभेदन की दिशा में पुलिस की कार्यशैली टालमटोल वाली ही दिखी है।
इधर, पूछे जाने पर एसडीपीओ मनीष चंद्र चौधरी ने बताया कि मामले में वैज्ञानिक विधि से अनुसंधान कर तीन बदमाशों को गहन पूछताछ के बाद न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है। वहीं कई बिंदुओं पर जांच की जा रही है।
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