Home Featured 26 से होगा चार दिवसीय इस उर्स का आयोजन, शामिल होंगे हजारो अकीदतमंद।
November 25, 2022

26 से होगा चार दिवसीय इस उर्स का आयोजन, शामिल होंगे हजारो अकीदतमंद।

दरभंगा: सूफी संत हजरत सैयद फिदा अब्दुल करीम उर्फ मौलाना समरकंदी का 129वां उर्स मुबारक 26 से 29 नवंबर तक मनाया जाएगा। हर साल की तरह चार दिवसीय इस उर्स का आयोजन रहमगंज स्थित खानकाह समरकंदिया परिसर में पीर हजरत सैयद शमसुल्लाह जान उर्फ बाबू हुजूर की अध्यक्षता में होगा। इसमें हजारों अकीदतमंदों के शरीक होने की संभावना है।

उर्स के मौके पर खानकाह परिसर में ही अकीदतमंदों के रहने व खाने की व्यवस्था की जाती है। चारों दिन अकीदतमंद रहमगंज से भीखा शाह सैलानी परिसर स्थित हजरत मौलाना समरकंदी के मजार पर आते हैं, जिससे इस मार्ग पर आवागमन सुबह से देर रात तक जारी रहता है। जानकारी के मुताबिक 26 नम्बर की सुबह नौ बजे के बाद खत्म बुखारी शरीफ के बाद खानकाह के सज्जादानशी सय्यद शाह समसुल्ल्लाह जान उर्फ बाबू हुजूर की सरपरस्ती में जलसे का आगाज होगा। मालूम हो कि हर साल इस उर्स में देश के लगभग सभी प्रदेशों से बड़ी संख्या में लोग पहुंचते हैं। पड़ोसी देश नेपाल से भी लोग इस उर्स में हर साल भाग लेते हैं। पहले दिन शनिवार को शाम छह बजे से फातिहा पढ़ा जाएगा।

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रविवार को नमाज फजर के बाद सुबह छह बजे कुरानखानी होगी। इसके बाद शाम में नमाज असर व कुरानखानी होगी। शाम छह बजे नमाज मगरिब के बाद उर्स की शुुआत होगी। उर्स के तीसरे दिन सोमवार को सुबह छह बजे फजर की नमाज व कुरानखानी के बाद सुबह नौ बजे से जलसा की महफिल शुरू होगी जो दोपहर 12 बजे तक चलेगी। इसमें मौलानाओं द्वारा तकरीर और शायरों द्वारा नात पढ़ी जाएगी।

नमाज असर शाम चार बजे कुरानखानी होगी। जलसे में बाद नमाज मगरिब शाम के छह बजे से दरभंगा और बाहर से देश के कई प्रदेशों से आने वाले मौलानाओं व उलेमाओं द्वारा तकरीर और नात पेश की जाएगी। जलसा कार्यक्रम के बीच रात नौ बजे से खानकाह ए समरकंदिया, रहमगंज में पढ़ रहे बच्चों में अपनी हाफिज व अन्य में सफलता पाने वाले बच्चों की दस्तारबंदी की जाएगी और सम्मानित किया जाएगा। फिर जलसा शुरू होगा जो देर रात तक चलेगा। देर रात में सलाम, फतिहा, और दुआ होगी। चौथे और अंतिम दिन सुबह नौ बजे के बाद भठियारीसराय स्थित भीखा साह सैलानी परिसर में हजरत के मजारशरीफ पर खानकाह समरकंदिया से हजरत बाबू हुजूर का काफिला अपने मुरीदों व अन्य अकीदतमंदों के साथ पहुंचेगा।

वहां पपरंपरानुसार उनका स्वागत दरगाह के खादिम करेंगे और उन्हें दरगाहशरीफ में ले जाएंगे। वहां चादरपोशी, फातिहा, सलाम और दुआ के साथ चार दिवसीय उर्स का समापन होगा। यह जानकारी खानकाह समरकंदिया के कार्यक्रम के मीडिया प्रभारी नादिर खान व सय्यद आफताब अशरफ ने दी है।

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