सिंडिकेट की बैठक में जोर शोर से उठा कर्मियों के प्रोन्नति का मामला।
दरभंगा: ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सुरेंद्र प्रताप सिंह के आवासीय कार्यालय में रविवार को उन्हीं की अध्यक्षता में सिंडिकेट की बैठक हुई। बैठक में वित्तीय वर्ष 2023-2024 के आयव्ययक को सिंडिकेट सदस्यों ने सर्वसम्मति से पारित किया। बैठक में कर्मियों की प्रोन्नति की मांग जोर-शोर से उठायी गयी।
इसमें किसी प्रकार के त्रुटि को दूर करने के लिए संबंधित विभाग को निर्देशित किया गया। कुलपति के आदेश पर बैठक की कार्यवाही शुरू करते हुए कुलसचिव प्रो. मुश्ताक अहमद ने सभी सदस्यों का स्वागत किया और इसके बाद कार्यसूची में अंकित विषयों को सदस्यों के समक्ष रखा। अभिषद की गत बैठक 14 नवंबर की कार्यवृत्त पर विचार रखते हुए डॉ. बैद्यनाथ चौधरी ने कर्मचारियों की प्रोन्नति से संबंधित मामला उठाया और इसे कार्यवृत्त में शामिल करने की बात कही। प्रो. विनोद चौधरी ने उनकी मांग का समर्थन करते हुए पोन्नति के बिंदु को कार्यवृत्त में रखने की बात कही। साथ ही अध्यक्ष से अनुरोध किया कि सदस्यों द्वारा बैठक में रखे गए सभी विषयों को कार्यवृत्त में अंकित किया जाये। इसके उत्तर में कुलसचिव प्रो. अहमद ने कहा कि सभी सदस्यों द्वारा दिये गए सुझाव और मंतव्य को कार्यवृत्त में अंकित किया जाता है। मानवीय भूलवश अगर कोई बिंदु अंकित नहीं हो पाया है तो उस विषय को भी अंकित किया जाएगा।
दूरस्थ शिक्षा निदेशालय की वर्तमान स्तिथि की समीक्षा के लिए विवि द्वारा गठित कमेटी के प्रतिवेदन एवं विवि क्षेत्रांतर्गत अंगीभूत कॉलेजों व विवि परिसर स्थित बीएड नियमित के शिक्षक एवं शिक्षकेतर कर्मचारियों के भुगतान से संबंधित विषयों को स्थगित रखने का सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया। डॉ. अमर कुमार ने सम्बद्ध कॉलेजों में डोनर अथवा दाता सदस्य के साशी निकाय में सदस्य बनने की प्रक्रिया पर अफसोस जताते हुए सूचित किया कि जिन सम्मानित व्यक्तियों ने कॉलेज खोलने के लिए जमीन दी उन्हें दरकिनार करते हुए जिन लोगों ने 25 हजार की राशि दी है उनको दाता सदस्य के रूप में शासी निकाय में तरजीह मिलना सही नहीं है। उनके इस विचार का समर्थन सांसद ने भी किया और कॉलेज के लिए अपनी चल-अचल संपत्ति देने वालों को नजरअंदाज किये जाने को गलत करार दिया।
कुलसचिव प्रो. अहमद ने सदन को सूचित किया कि सम्बद्ध महाविद्यालयों में दाता सदस्य का चुनाव शासी निकाय द्वारा किया जाता है। इसमें विवि प्रावधानों के अंतर्गत कोई दखल नहीं दे सकती है। इसी क्रम में प्रो. विनोद चौधरी और सांसद ने डॉ. बैद्यनाथ चौधरी को चार सम्बद्ध कॉलेजों के शासी निकाय का सदस्य नहीं होने को भी दुर्भाग्यपूर्ण बताया। प्रो. विनोद चौधरी ने संत कबीर महाविद्यालय के दाता सदस्य की जांच करने की मांग की। विद्वत परिषद की बैठक के कार्यवृतों को सर्वसम्मति से अनुमोदित किया गया। साथ ही सांसद डॉ. ठाकुर व मीना झा ने आरके कॉलेज चंदौना को नव संबंधन देने के लिए कॉलेज द्वारा दिये गये शपथ पत्र पर नियमत विचार करने की बात कही। प्रो. हरि नारायण सिंह ने दूरस्थ शिक्षा निदेशालय में नामांकित छात्रों के लिए स्व-अधिगम सामग्री के भुगतान के निर्णय को सही बताया। इसके उत्तर में उन्हें सूचित किया गया कि सभी सामग्री को छात्रों में शत-प्रतिशत बांट दी गयी थी इसीलिये आवश्यकता से अतिरिक्त सामग्री क्रय का विषय नहीं बनता है। वित्त समिति की बैठक गत 26 नवंबर के कार्यवृतों को सर्वसम्मति से अनुमोदित किया गया। कुलपति सह अध्यक्ष ने सभी सदस्यों के रचनात्मक एवं सकारात्मक सहयोग के लिए साधुवाद दिया। कुलसचिव ने भी सदस्यों को धन्यवाद ज्ञापित किया। बैठक में डॉ. फैयाज अहमद, प्रो. शिशिर कुमार वर्मा, डॉ. नैयर आजम, डॉ. नंद कुमार, प्रो. अजय नाथ झा, प्रो. विजय कुमार यादव, प्रो. अशोक कुमार मेहता आदि भी शामिल थे।
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