Home Featured नशे में धुत्त पुलिसकर्मियों के भड़काने पर थानाध्यक्ष ने बुआरी में बरपाया कहर : सर्वदलीय कमिटी।
December 13, 2022

नशे में धुत्त पुलिसकर्मियों के भड़काने पर थानाध्यक्ष ने बुआरी में बरपाया कहर : सर्वदलीय कमिटी।

देखिए वीडियो भी।

देखिए वीडियो भी 👆

दरभंगा: पुलिस की बर्बरता का जीता जागता उदाहरण बन चुके बुआरी कांड के दोषियों पर कारवाई नहीं होने से स्थानीय लोगों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है। इसकी पुष्टि घटना के बाद बनी सर्वदलीय जांच कमिटी की रिपोर्ट ने भी की है। 22 सदस्यीय सर्वदलीय जांच कमिटी ने मंगलवार को अपनी जांच रिपोर्ट एसएसपी, आईजी एवं डीएम को सौंप दी।

बताते चलें कि बिरौल थानाक्षेत्र के बुआरी गांव में गत 16 नवम्बर की रात्रि चौकीदार पुत्र से स्थानीय युवकों के साथ हुए विवाद के बाद बिरौल थानाध्यक्ष के नेतृत्व में पुलिसकर्मियों ने घर मे घुसकर ग्रामीणों की पिटाई कर दी थी। इस दौरान बच्चे एवं बुजुर्गों को भी बक्शा नही गया था। यहां तक कि 108 वर्षीय बुजुर्ग महिला तक की पुलिस ने पिटाई कर दी थी। 20 से अधिक लोगों को गम्भीर चोटें आई थीं।

Advertisement

इसी को लेकर हुए आंदोलन के बाद एक सर्वदलीय जांच कमिटी बनी थी, जिसमे विभिन्न दलों के साथ सामाजिक एवं मानवाधिकार संगठनों से जुड़े लोग भी शामिल थे।

जांच रिपोर्ट सौंपने एसएसपी कार्यालय पहुंचे सदस्यों ने बताया कि बुआरी कांड में स्पष्ट रूप से पुलिस की बर्बरता सामने आयी है। चौकीदार पुत्र के द्वारा दूसरी शादी के उपलक्ष्य में पार्टी दी जा रही थी, जिसमे दारू का इंतजाम भी किया गया था। उसी पार्टी में गश्ती दल के सदस्य भी शामिल हुए थे। सबने शराब का सेवन किया था। इसी दौरान चौकीदार पुत्र बगल में अंडे की दुकान पर अंडा लेने गया। उसने जल्दी में अंडा लेने की कोशिश की। पर पहले से खड़े दो युवकों ने पहले उन्हें अंडा देने को कहा। इसी पर दोनों पक्षों में विवाद हो गया। स्थानीय लोगो ने दोनों को शांत करवाकर झगड़ा शांत करवा दिया।

चौकीदार पुत्र ने घर आकर गश्ती दल के पुलिसकर्मियों को यह बात बतायी तो सभी पुलिसकर्मी ताव में आ गए और उन दोनों युवकों को खोजने निकले। पुलिसकर्मियों के पहुंचने के पूर्व दोनों युवक जा चुके थे। वहां उस समय मौजूद एक तीसरे युवक को जीप में पुलिस ने बैठा लिया। इसी बात को लेकर स्थानीय लोगो ने पुलिस की जीप को रोक लिया और पूरी बात बताते हुए युवक को छोड़ने को कहा। स्थानीय लोगों ने डीएसपी और थानाध्यक्ष को भी इसकी सूचना दी। थानाध्यक्ष ने जब गश्ती दल के टीम से बात किया तो उन्होंने एक शराब कारोबारी को पकड़ने में ग्रामीणों द्वारा बाधा देने की बात कह दी। इसके बाद थानाध्यक्ष तीन जीप पुलिस के साथ बुआरी पहुंचे और घर मे घुसकर तड़ातड़ लाठियां बरसानी शुरू कर दी।

जांच कमिटी ने बताया है कि आश्वासन के वाबजूद थानाध्यक्ष पर अभी तक प्राथमिकी तक दर्ज नही हुई है। उन्होंने बताया कि दोषी थानाध्यक्ष सहित जबतक सभी आरोपियों के विरुद्ध प्राथिमिकी दर्ज कर उन्हें सजा नहीं मिलती, वे चुप नहीं बैठेंगे।

Advertisement

इस जांच रिपोर्ट के बाद अब सबसे बड़ा सवाल यह उठता है कि जब कानून सबके लिए समान है तो फिर इतने गम्भीर आरोपों के बाबजूद थानाध्यक्ष पर प्राथमिकी दर्ज क्यों नही हुई! आरोपों पर प्राथमिकी दर्ज करना एक सामान्य प्रक्रिया है। फिर भी इस मामले में प्राथमिकी तक दर्ज नहीं होना केवल थानाध्यक्ष ही नहीं, बल्कि उच्च स्तर तक जनभावना एवं कानून के मूल के विरोधी भावना का विरोधी मानसिकता का परिचायक दिखता है।

Share

Check Also

जेईई मेंस के रिजल्ट में एकबार फिर सर्वश्रेष्ठ रहा ओमेगा का प्रदर्शन, संस्कृति को मिला 232वां रैंक।

देखिये वीडियो भी दरभंगा: मिर्जापुर स्थित शिक्षण संस्थान ओमेगा स्टडी सेंटर के बच्चों ने जेई…