Home Featured बाल एवं किशोर श्रम को लेकर जिला स्तरीय टास्क फोर्स की हुई बैठक।
December 22, 2022

बाल एवं किशोर श्रम को लेकर जिला स्तरीय टास्क फोर्स की हुई बैठक।

दरभंगा: समाहरणालय परिसर अवस्थित अंबेडकर सभागार में उप विकास आयुक्त अमृषा बैंस एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव दीपक कुमार की उपस्थिति में बाल एवं किशोर श्रम (प्रतिषेध एवं विनियमन) अधिनियम-1986 का सफल क्रियान्वयन को लेकर श्रम संसाधन विभाग द्वारा जिला स्तरीय टास्क फोर्स की बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में प्रखंड स्तरीय एवं पंचायत स्तरीय टास्क फोर्स के गठन एवं क्रियाकलाप के संबंध में परिचर्चा की गई।

बाल श्रम विमुक्त हेतु गठित धावा दल के प्रभावशाली संचालन हेतु एन्टी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट की टीम, जिला बाल संरक्षण इकाई की टीम तथा बाल श्रम के क्षेत्र में कार्यरत, चाइल्डलाइन, बाल कल्याण समिति एवं विभिन्न स्वयंसेवी संस्थानों को एक साथ मिलकर काम करने पर चर्चा की गई।

बैठक में श्रम अधीक्षक राकेश कुमार द्वारा बताया गया कि 01 अप्रैल 2014 से सीएलटीएस पोर्टल कार्यरत है, जिस पर बचाव अभियान के तहत बाल श्रम से विमुक्त कराए गए बच्चों की जानकारी की प्रविष्टि की जाती है।

उन्होंने कहा कि धावा दल के द्वारा दुकानों एवं प्रतिष्ठानों में धावा करते समय उनके मालिकों से शपथ पत्र लिया जाता है कि वह अपने यहां बाल श्रमिकों को नियोजित नहीं करेंगे। साथ ही उनके प्रतिष्ठान, दुकान के परिसर में बाल श्रम मुक्त परिसर का स्टीकर लगाया जाता है। प्रत्येक 15 दिन पर धावा दल बचाव अभियान चलती है।

उक्त बैठक में उप विकास आयुक्त, दरभंगा द्वारा निदेशित किया गया कि जिन-जिन पंचायत में पंचायत स्तरीय टास्क फोर्स का गठन नही की गई है, उसे शीघ्र करवा लिया जाय, तथा नियमित रूप से सघन धावा दल का संचालन करते हुए आम जन मानस के बीच जनजागरूकता अभियान चलाया जाय तथा धावा दल संचालन में अनिवार्य रूप एन्टी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट और जिला बाल संरक्षण इकाई के सदस्य समल्लित रहे।

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इस अवसर पर जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव ने कहा कि संविधान के अनुच्छेद-23 का जिक्र किया, जिसमें मानव तस्करी एवं बलातश्रम पर प्रतिबंध लगाया गया है, जिससे देश के लाखों अल्प सुविधा प्राप्त एवं वंचित लोगों की रक्षा की जा सके।

उन्होंने कहा कि संविधान में बाल श्रम प्रतिषेध के लिए भी प्रावधान किए गए हैं। उनका क्रियान्वयन आवश्यक है। उन्होंने बाल श्रम विमुक्त करने के लिए कार्यरत सभी लोगों का धन्यवाद ज्ञापित किया।

इस अवसर पर उप विकास आयुक्त ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि 1986 में बाल श्रम प्रतिषेध व विनियमनअधिनियम बना और आज भी बाल श्रम पर चर्चा हो रही है। इसका तात्पर्य है ऐभी भी बाल श्रम लिया जा रहा है। इसके लिए सभी को मिलकर काम करने की जरूरत है, जितने भी अधिकारी हैं, नागरिक हैं, जनप्रतिनिधि हैं, बच्चों के अभिभावक तथा स्वयं बच्चों को भी इस पर सोचने और ध्यान देने की जरूरत है।

उन्होंने बैठक में उपस्थित विमुक्त कराए गए बाल श्रमिकों को भी संबोधित करते हुए कहा कि हमारा राज्य तभी विकसित हो पाएगा, जब सभी बच्चे पढ़ें लिखें और अच्छी शिक्षा प्राप्त करें, उसके बाद रोजगार या व्यवसाय करें ताकि वह स्थाई हो सके और इससे उनका और उनके परिवार का भी विकास होगा।

उन्होंने कहा कि परिवार के विकास के लिए अच्छी शिक्षा के अलावा दूसरा कोई विकल्प नहीं है। शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत 14 वर्ष से नीचे के सभी बच्चों को स्कूल में रहना चाहिए।

उन्होंने कहा कि इसके लिए शिक्षा विभाग की अहम भूमिका है, उन्होंने विमुक्त बच्चे को कहा आप अभी भी पढ़ाई शुरू कर सकते हैं, अभी भी आपका बचपन समाप्त नहीं हुआ है, कोई भी काम शुरू करने के लिए कोई निर्धारित समय नहीं होता है, जब जागे तभी सवेरा। उन्होंने विमुक्त बच्चों को पढ़ाई पर पूरा ध्यान लगाने का सुझाव दिया साथ ही अपने मित्रों को भी पढ़ने के लिए प्रेरित करने को कहा।

उन्होंने कहा कि अभी भी आपके काम करने से ज्यादा स्थाई लाभ, शिक्षा प्राप्त कर स्थाई काम करेंगे और उससे हमारा भी लाभ होगा और समाज का भी लाभ होगा।

उन्होंने धावा दल को सहयोग करने के लिए सभी संबंधित विभाग को आगे बढ़कर सहयोग कर यथा- समाज से इस बुराई को समाप्त करने को कहा।

उन्होंने कहा कि विमुक्त बच्चों को अन्य कल्याणकारी योजनाओं का लाभ मिले यह भी सुनिश्चित किया जाए, वह अपने आवास में रह सके, उनका राशन कार्ड हो, उनका आयुष्मान कार्ड हो तथा जो भी सुविधा सरकार द्वारा प्रदत्त है उन सभी योजनाओं का लाभ उन्हें दिलाया जाए। जब इन्हें योजनाओं के लाभ मिलेंगे तब ही इनकी समस्याएं समाप्त होगी और यह स्थाई रूप से विमुक्त रहकर पढ़ाई करेंगे तथा पुनः बाल श्रम की ओर नहीं जाएंगे। इसके लिए शिक्षा विभाग को भी काम करने की आवश्यकता बताई।

इस अवसर पर अपर समाहर्ता विभागीय जांच अनिल कुमार, उप निदेशक जन संपर्क नागेंद्र कुमार गुप्ता, पुलिस उपाधीक्षक यातायात ने भी बाल श्रम विमुक्त करने के प्रयास की सराहना की और कहा कि यह कार्य नियंत्रण किया जाना चाहिए।

इस अवसर पर बिहार राज्य प्रवासी मजदूर दुर्घटना अनुदान योजना के अंतर्गत गुड़िया देवी, चलितर सहनी, अनीता देवी, अब्दुल वदूद को एक-एक लाख रुपये  तथा बिहार शताब्दी असंगठित कार्यक्षेत्र कामगार एवं शिल्पकार सामाजिक सुरक्षा योजना 2011 के अंतर्गत स्वाभाविक मृत्यु के लिए मृतक मजदूरों के आश्रितों को विभिन्न रोजगार के लिए 30-30 हजारों रुपये एवं दुर्घटना से मृत्यु के 6 मृतकों के आश्रितों को एक-एक लाख रुपये उप विकास आयुक्त एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव एवं विशिष्ट अतिथियों के द्वारा प्रदान किया गया।

बैठक में जिला मानव तस्करी निरोधी यूनिट, दरभंगा के प्रधिनिधि, सहायक निदेशक, जिला बाल संरक्षण ईकाई, दरभंगा, बाल कल्याण समिति के प्रतिनिधि, दरभंगा, चाइल्ड लाइन के जिला समन्वयक, दरभंगा, सेंटर मैनेजर ऑन स्टॉप सेंटर, दरभंगा, जिला समन्वयक, समग्र शिक्षण एवं विकास संस्थान, दरभंगा एवं संबंधित पदाधिकारी गण उपस्थित थे।

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