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March 3, 2024

सत्संगियों को बनना चाहिए आचार्यनिष्ठ: टिंकू दा।

दरभंगा: सत्संगियों को आचार्यनिष्ठ बनना चाहिए। पड़ोसी गुरु भाइयों की सुख-दुख में सदैव रहे खड़े। परिवेश की सेवा के बगैर अर्थहीन व प्रभावहीन हो जाता है धर्म।

उक्त बातें श्री श्री ठाकुर अनुकूलचंद्रजी के 136वें जन्म- महोत्सव सह विराट सत्संग के टिंकू दा ने अपने सुदीर्घ उद्बोधन में कहीं। उन्होंने कहा कि जीवन में एक पुरुषोत्तम के लिए समर्पित होने का निहितार्थ है अन्य सभी धर्मो के आदर्शों का सम्मान करना।

प्रीति, दीपा के संचालन में आयोजित मातृ सम्मेलन में शिवांगी भार्गव, शिवानी, स्मृति, आस्था कर्णिका, मानवी और विजेता ने अपने उदगार रखे। चंदन झा के संचालन में दिवाकर दा, गौरव दा, संजीव दा, अविनाश दा, आदर्श दा और आकाश दा ने अपने विचार व्यक्त किए।

इस अवसर पर आयोजित धर्मसभा को नवीन ठाकुर दा, बबलू दा, वेद प्रकाश दा, चंद्रशेखर आजाद दा, रंजीत दा, कन्हैया दा, सौरभ दा, संजय दा ने संबोधित किया।

इस अवसर पर डीएमसीएच के प्राचार्य डॉ. केएन मिश्रा, पूर्व विधान पार्षद डॉ. दिलीप चौधरी, डॉ. जीएन दुबे, डॉ. कुमकुम सिन्हा, डॉ. आरबी खेतान, डॉ. राधाशना, प्रो. सहित विभिन्न क्षेत्रों के गणमान्य लोग उपस्थित थे। जयशंकर झा, डॉ. मित्रनाथ झा, प्रो. तरूण मिश्र, अभय कुमार कश्यप, प्रो. मृदुला राय, अंतरराष्ट्रीय पैरा साइकिलिस्ट जलालुद्दीन, संतोष दत्त झा को चादर, फूलों के गुलदस्ते और ठाकुर जीवन दर्शन पर केंद्रित पुस्तकें भेंट की गईं। डॉ. मनोज कुमार, डॉ. श्याम कुमार एवं डॉ. संजय कुमार ने निःशुल्क चिकित्सा शिविर का संचालन किया।

विदित हो कि इस कार्यक्रम के प्रारंभ विशाल व भव्य शोभायात्रा सत्संग विहार भैरोपट्टी से प्रारंभ होकर दोनार, अललपट्टी होते हुए मेडिकल कॉलेज मैदान में आयोजित कार्यक्रम स्थल पर विराट सत्संग में समाहित हो गई। शोभायात्रा के दौरान शिवकिशोर दा, कृष्णमुरारी दा, सुबोध दा, दीपनारायण दा, अर्जुन दा, सुनील दा, रौशन दा, राजीव दा, कुंदन दा, श्यामु दा, रामएकबाल दा, तारकेश्वर दा, उज्ज्वल दा आदि सक्रिय दिखे।

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