वर्दी पर लगे दाग को निलंबन से धोने की कोशिश: एसएसपी ने फेकला थानाध्यक्ष को किया निलंबित।
दरभंगा: बिहार में शराबबंदी है और इसे सफल बनाने की सबसे बड़ी जिम्मेवारी पुलिस पर है। पर पुलिस यदि खुद शराब कारोबारियों को संरक्षण देने लग जाए तो यह केवल लापरवाही नहीं, अपराध की श्रेणी में आता है। अपराध केलिए प्राथमिकी दर्ज होती है, और कोर्ट द्वारा सजा निर्धारित की जाती है। पर दरभंगा में पुलिस पर ऐसा आरोप सामने आने के बाद एसएसपी द्वारा वर्दी पर लगे इस दाग को केवल निलंबन की कारवाई से धोने की कोशिश की है।
दरअसल, शराब माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई नहीं करने के आरोप में दरभंगा जिला के फेकला थानाध्यक्ष तृषा सैनी को एसएसपी जगुनाथ रेड्डी ने निलंबित कर दिया है। थानाध्यक्ष की रिपोर्ट पर चौकीदार विष्णुदेव यादव को पहले ही निलंबित किया चुका है।
बताते चलें कि फेकला थाना क्षेत्र के ग्रामीणों के शिकायत के वावजूद थानाध्यक्ष ने थाना क्षेत्र गोढ़िया गांव में शराब बनाकर बेचने वालों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की। इस पर ग्रामीणों ने सोमवार की अहले सुबह शराब की भट्टियों को खुद से ध्वस्त कर दिया था। काफी देर हंगामा के बाद पहुंची फेकला थाना की पुलिस और थानाध्यक्ष को ग्रामीणों की काफी बकझक हुई थी। इस दौरान ग्रामीणों ने पुलिस वालों और महिला थानाध्यक्ष के साथ धक्का मुक्की भी की थी। ग्रामीणों ने पुलिस की मिलीभगत से गांव में खुलेआम शराब के अवैध धंधा करने का आरोप लगाया था।
ग्रामीणों का आरोप है इस धंधे में फेकला थाने का चौकीदार विष्णुदेव यादव की भी संलिप्तता है। इस वजह से थाने की पुलिस ग्रामीणों की शिकायत के बावजूद कार्रवाई से बचती रही। घटना की सूचना मिलते ही एसएसपी जगुनाथ रेड्डी ने इस पूरे मामले की जांच का जिम्मा डीएसपी सदर अमित कुमार को सौंपा था। एससपी ने जांच रिपोर्ट के आधार पर फेकला थानाध्यक्ष तृषा सैनी को निलंबित कर दिया। वहीं इस मामले में चौकीदार विष्णुदेव यादव को भी निलंबित कर दिया गया है।
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